Bhishma Panchak Vrat Katha: भीष्म पंचक व्रत में पढ़ें ये पौराणिक कथा, मोक्ष की होगी प्राप्ति

Bhishma Panchak Vrat Katha: भीष्म पंचक व्रत महाभारत के भीष्म पितामह से जुड़ा है। जो हर साल कार्तिक मास के अंतिम पांच दिनों में मनाया जाता है। चलिए जानते हैं भीष्म पंचक की पौराणिक व्रत कथा।

Bhishma Panchak Vrat Katha

Bhishma Panchak Vrat Katha (भीष्म पंचक व्रत कथा): भीष्म पंचक की शुरुआत देवउठनी एकादशी से होती है और इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है। इस तरह से भीष्म पंचक व्रत का पालन 5 दिनों तक किया जाता है। इसे पन्चभीका और विष्णु पंचक के रूप में भी जाना जाता है। मान्यताओं अनुसार इन पांच दिनों में जो व्यक्ति सच्चे मन से उपवास रखता है उसे उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा ये व्रत बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी रखा जाता है। चलिए आपको बताते हैं भीष्म पंचक व्रत के दौरान कौन सी कथा पढ़नी चाहिए।

भीष्म पंचक 2024 प्रारंभ और समाप्ति तिथि (Bhishma Panchak 2024 Start And End Date)

इस साल भीष्म पंचक का प्रारंभ 11 नवंबर 2024 से हो रहा है और इसका समापन 15 नवंबर 2024 को होगा। इस पर्व को पंच भीखू के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक स्नान करने वाले लोग पूरे विधि विधान से इस व्रत को रखते हैं।

भीष्म पंचक क्या है (What Is Bhishma Panchak)

पौराणिक मान्यताओं अनुसार जब महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत हुई, तब श्रीकृष्ण भगवान पांडवों को भीष्म पितामह के पास लेकर गए। बाणों की सैय्या पर लेटे हुए भीष्म पितामह सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतिक्षा कर रहे थे। तब श्रीकृष्ण ने भीष्म सेपांडवों को कुछ ज्ञान प्रदान करने का अनुरोध किया। कृष्ण भगवान के अनुरोध पर उन्होंने पांडवों को राजधर्म, वर्णधर्म और मोक्षधर्म का ज्ञान दिया। कहते हैं कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर पूर्णिमा तिथि तक यानी कि कुल पांच दिनों तक भीष्म द्वारा ज्ञान देने का यह क्रम चलता रहा। भीष्म द्वारा पूरे पांच दिनों तक ज्ञान देने पर श्रीकृष्ण ने कहा कि आपने जो इन पांच दिनों में यह ज्ञान दिया है अब से ये पांच दिन बहुत ही मंगलकारी हो गए हैं। भविष्य में ये पांच दिन ‘भीष्म पंचक’ के नाम से जाने जाएंगे।

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