बिश्नोई संप्रदाय क्या है, जानिए किन 29 नियमों का पालन करते हैं इस समाज के लोग, जंगली जानवरों से करते हैं बेहद प्रेम
Bishnoi Samaj History And 29 Niyam In Hindi: ऐसा कहा जाता है कि बिश्नोई समाज के लोग प्रकृति और जंगली जानवरों से अत्यधिक प्रेमी होते हैं। गुरु जम्भेश्वरजी द्वारा स्थापित बिश्नोई पंथ में 29 नियम प्रचलित हैं जो धर्म, नैतिकता, पर्यावरण और मानवीय मूल्यों से संबंधित हैं।
Bishnoi Samaj History In Hindi
Bishnoi Samaj History And 29 Niyam In Hindi: बिश्नोई शब्द को भगवान विष्णु के नाम से लिया गया है, जिसका अर्थ है विष्णु के अनुयायी। माना जाता है कि सन् 1485 में कार्तिक कृष्ण अष्टमी के दिन गुरु जम्भेश्वर जी ने बिश्नोई संप्रदाय की स्थापना की थी। शुरू में इस संप्रदाय को अपनाने वाले ज्यादातर लोग जाट समुदाय से थे इसलिए इन्हें बिश्नोई जाट भी बोला जाता था। इस समाज के लोग का प्रकृति और जंगली जानवरों के प्रति खास लगाव होता है। चलिए जानते हैं संप्रदाय में 29 सिद्धांतों का पालन किया जाता है।
Bishnoi Samaj Ke 29 Niyam (बिश्नोई समाज के 29 नियम)
- तीस दिन सूतक
- पंच दिन का रजस्वला
- सुबह स्नान करना
- शील, संतोष, शुचि रखना
- प्रातः-शाम संध्या करना
- साँझ आरती विष्णु गुण गाना
- प्रातःकाल हवन करना
- पानी छान कर पीना व वाणी शुद्ध बोलना
- ईंधन बीनकर व दूध छानकर पीना
- क्षमा सहनशीलता रखे
- दया-नम्र भाव से रहे
- चोरी नहीं करनी
- निंदा नहीं करनी
- झूठ नहीं बोलना
- वाद विवाद नहीं करना
- अमावस्या का व्रत रखना
- भजन विष्णु का करना
- प्राणी मात्र पर दया रखना
- हरे वृक्ष नहीं काटना
- अजर को जरना
- अपने हाथ से रसोई पकाना
- थाट अमर रखना
- बैल को बंधिया न करना
- अमल नहीं खाना
- तम्बाकू नहीं खाना व पीना
- भांग नहीं पीना
- मद्यपान नहीं करना
- मांस नहीं खाना
- नीले वस्त्र नहीं धारण करना
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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