Brihaspativar Vrat Katha, Aarti: आज का शुभ मुहूर्त, बृहस्पतिवार की आरती और व्रत कथा यहां देखें

Brihaspativar Vrat Katha, Aarti (Guruvar Ki Aarti, Katha In Hindi): हिंदू धर्म में बृहस्पतिवार व्रत (Guruvar Vrat) का खास महत्व माना जाता है। मान्यता है इस व्रत को करने से सौभाग्य बढ़ता है। व्रत रखने वाले लोग इस दिन जरूर पढ़ें बृहस्पतिवार की व्रत कथा (Brihaspativar Vrat Katha) और गुरुवार की आरती (Guruvar Ki Aarti)।

Brihaspativar Vrat Katha, Aarti

Guruvar Ki Aarti And Vrat Katha

Guruvar Vrat Katha, Aarti In Hindi (Brihaspativar Vrat Katha, Aarti Lyrics): आज बृहस्पतिवार है। ये दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति को समर्पित है। कहते हैं जो व्यक्ति गुरुवार यानि बृहस्पतिवार का व्रत (Brihaspativar Vrat) रखता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस व्रत को करने से कुंडली का सबसे शुभ ग्रह बृहस्पति भी मजबूत होता है। यहां आप जानेंगे आज का शुभ मुहूर्त (Aaj Ka Shubh Muhurat), गुरुवार की आरती (Guruvar Ki Aarti) और बृहस्पतिवार की व्रत कथा।

Guruvar Vrat Katha And Puja Vidhi: गुरुवार की संपूर्ण व्रत कथा और पूजा विधि यहां देखें

आज का शुभ मुहूर्त (Aaj Ka Shubh Muhurat)

आज का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से 1 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। ये मुहूर्त किसी भी काम को करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। आज का प्रदोष काल मुहूर्त 07:21 PM से 07:42 PM तक रहेगा।

गुरुवार की आरती (Guruwar Ki Aarti Likhi Hui)

जीवन में खुशहाली और समृद्धि चाहते हैं तो बृहस्पतिवार के दिन इस आरती को सुबह-शाम जरूर करें। ये बृहस्पति देव की आरती है। यहां देखें इस आरती के हिंदी लिरिक्स।

जय बृहस्पति देवा, ॐ जय बृहस्पति देवा ।

छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा ॥

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।

जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा ॥

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।

सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा ॥

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।

प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा ॥

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।

पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा ॥

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।

विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा ॥

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।

जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा ॥

बृहस्पतिवार के उपाय (Guruvar Ke Totke)

गुरुवार के दिन पीले कपड़े पहनकर केले के पेड़ की पूजा करें। केले की जड़ में चने की दाल और गुड़ चढ़ाएं। साथ ही देशी घी के पांच दीपक जलाएं। ऐसा करने से सुख-सौभाग्य बढ़ेगा।

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