Buddha Purnima Vrat Katha 2024: बुद्ध पूर्णिमा पर करें इस कथा का पाठ, हर काम में मिलेगा सफलता

Buddha Purnima Vrat Katha 2024: बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान गौतम बुद्ध और भगवान विष्णु दोनों की ही पूजा का विधान है। इस दिन इन दोनों की पूजा करने से साधक के कार्य की सिद्धि होती है। यहां पढ़िए बुद्ध पूर्णिमा की कथा।

Buddha Purnima Vrat Katha

Buddha Purnima Vrat Katha 2024: बुद्ध पूर्णिमा का पर्व वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस साल ये त्योहार 23 मई 2024 यानि आज मनाया जा रहा है। पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान के साथ भगवान विष्णु और गौतम बुद्ध की पूजा करना भी बहुत लाभकारी होगा। वैशाख पूर्णिमा के दिन जो भी साधक पूरे विधि- विधान के साथ भगवान विष्णु और बुद्ध की पूजा करता है। उसकी सारी मनोकामना की पूर्ति होती है। बुद्ध पूर्णिमा पर इस कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। यहां पढ़ें कथा।

Buddha Purnima Vrat Katha In Hindi (बुद्ध पूर्णिमा व्रत कथा)पौराणिक कथा के अनुसार एक बार रानी मायादेवी वैशाख पूर्णिमा की रात को लुंबिनी नाम के जंगल में फूलों की सेज पर सो रही थी। तभी वहां पर आकाश से एक रोशनी आई और उनके पेट पर पड़ी। जिसकी वजह से वो गजर्भवती हो गईं। उन्ही के गर्भ से कुछ समय बाद महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ। उनके जन्म के समय में देवी देवताओं ने आकाश से पुष्प वर्षा की। उनका नाम सिद्धार्थ रखा गया। सिद्धार्थ को ही बाद में गौतम बुद्ध के नाम से जाना जानें लगा। 19 वर्ष तक उन्होंने सुखी जीवन यापन किया और उसके बाद सच्चाई की खोज में वो घर को त्यागकर सत्य की ओर चल पड़े। 6 साल की कठिन तपस्या के बाद उनको ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने संसार का सही मार्ग दिखाया। इसके साथ ही उन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की। न्हें बोधगया में एक पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई। इस कारण इस दिन पीपल की पूजा भी की जाती है। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त कर लिया।

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