Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन करें ये उपाय, विघ्नहर्ता बनाएंगे सारे काम

Budhwar Upay: बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि बुधवार के दिन भगवान गणपति की विधि- विधान से पूजा करने से साधक के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। ज्योतिष शास्त्रों में बुधवार के लिए कुछ उपायों को बताया गया है। आइए जानते हैं बुधवार के दिन किन उपायों को करना चाहिए।

Budhwar Upay

Budhwar Upay: हिंदू धर्म में बुधवार का दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन गणेश जी की पूजा- अर्चना करने से साधक की सारी इच्छा पूर्ति होती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा से साधक के सारे काम बन जाते हैं। यदि आपके काम में कोई बाधा आ रही हो तो आप बुधवार के दिन कुछ उपायों को करके उन्हें दूर कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे बहुत से उपाय बताए गए हैं। जिनका प्रयोग करके जीवन में आ रही तमाम संकटों से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं बुधवार के दिन किन उपायों को करने से शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है।
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बुधवार के उपाय

मंत्र जाप
1 !शरणागत दीनारत परित्राण परायणे, सर्व श्यार्ति हरे देवि नारायणी नमोस्तुते।।
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भावार्थ--यह मंत्र अद्भुत है।चमत्कारिक है। सभी पापों को नष्ट करता है। दुर्गासप्तशती का महामन्त्र है। यह मंत्र शरणागति देता है ।। मन के समस्त विकार नष्ट होने व पुनः समस्त पापों के शमन के बाद नव जीवन प्रदायी यह रामबाण मन्त्र महाशक्ति माता दुर्गा को समर्पित है। इस मंत्र से मङ्गल होता है सभी अमङ्गल दूर होते हैं। जीवन मे सफलता कर्म व भक्ति से ही आती है। यह बहुत ही अद्धभुत व चमत्कारिक मन्त्र है। दुर्गा मंदिर या घर के मंदिर में में रुद्राक्ष की माला पर इसका जप करें। आप इसका मानसिक जप भी कर सकते हैं। यदि इस मंत्र को दुर्गा मंदिर में किया जाय तो और बेहतर होगा। यह चमत्कारिक मन्त्र कष्टों व कर्जों से मुक्ति प्रदान कर माता जगदम्बा की भक्ति की तरफ ले जाता है। आपका भोजन सात्विक हो। आपका मन पवित्र व धार्मिक-आध्यात्मिक हो तभी यह मंत्र चमत्कारिक कार्य करेगा। यह मंत्र भाग्य चमका देता है। पापों से मुक्ति प्रदान करता है। यह मंत्र तन व मन को निरोग करता है। माता की भक्ति मन को निर्मल करती है व शक्ति प्रदान करती है। यह मन को शुद्ध करता है। मन की अगली गति माता की भक्ति की प्राप्ति व जीवन में आध्यात्मिक शक्ति के जागरण का है। आप बहुत बेहतर इंसान बनें।कर्म करें। सब कुछ करने के बावजूद यदि सफलता नहीं मिलती है तो यह मंत्र आपको यशश्वी व सफल बनाएगा। जीवन के समस्त कष्ट समाप्त होते हैं। यह मंत्र रोगियों के लिए ब्रम्हास्त्र जैसा कार्य करता है। इस महामंत्र का जप प्रातःकाल अवश्य करें। दिन में माता के मंदिर में जाएं वहां दुर्गा जी की प्रतिमा की एक परिक्रमा करें तथा नारियल अर्पित करें।माता दुर्गा जी की विधिवत श्रद्धापूर्वक आरती कर प्रसाद वितरण करें।
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