Budhwar Vrat Katha In Hindi: बुधवार व्रत की कथा, पूजा विधि, आरती, मंत्र, नियम और महत्व सबकुछ यहां जानें

Budhwar Vrat Katha, Puja Vidhi, Aarti in Hindi (बुधवार व्रत कथा, पूजा विधि, आरती): धार्मिक मान्यताओं अनुसार बुधवार का व्रत रखने से भगवान गणेश की कृपा बरसती है। जानें बुधवार व्रत की कथा, विधि, मंत्र, महत्व और आरती।

बुधवार व्रत कथा, पूजा विधि, मंत्र, आरती और नियम

Budhwar Vrat Katha, Puja Vidhi, Aarti in Hindi (बुधवार व्रत कथा, पूजा विधि, आरती): हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। ऐसी मान्यता है जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से विघ्नहर्ता गणपति जी की उपासना और उपवास करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है। इस व्रत को सात वार के जोड़े में करना फलदायी माना जाता है। इतना ही नहीं बुधवार व्रत करने से बुध ग्रह भी मजबूत होता है। जानिए बुधवार व्रत की कथा, पूजा विधि, मंत्र, महत्व और अन्य जरूरी बातें।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बुधवार व्रत की शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के बुधवार से कर सकते हैं। हालांकि इस व्रत को शुरू करने के लिए सबसे शुभ समय विशाखा नक्षत्रयुक्त बुधवार माना गया है। इस व्रत का पालन 7 या 21 बुधवार तक विधिवत करना चाहिए। आखिरी व्रत वाले दिन नियमानुसार उद्यापन करना चाहिए। ध्यान रहे पितृपक्ष में इस व्रत की शुरुआत न करें।

Budhwar Vrat Katha (बुधवार व्रत कथा)

एक समय की बात है, समतापुर नगर में मधुसूदन नाम का एक व्यक्ति रहता था। उसका विवाह पास के ही नगर बलरामपुर की रहने वाली संगीता से संपन्न हुआ। वह दिखने में सुंदर और सुशील थी। एक दिन मधुसूदन अपनी पत्नी को लाने के लिए ससुराल पहुंचा।वह उसी दिन अपनी पत्नी को विदा करने की जिद पर अड़ रहा। लेकिन उस दिन बुधवार था। पत्नी के घरवाले समझने लगे कि बुधवार के दिन यात्रा करना अशुभ होता है। पर वह नहीं माना। संगीता के घर वालों को उसे बुधवार के दिन ही विदा करना पड़ा।

End of Article
लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें

Follow Us:
End Of Feed