Vastu Tips: घर का करा रहे हैं निर्माण तो दरवाजाें का खास रखें ध्यान, गलत दिशा में द्वार ला सकता है संकट बड़ा
Vastu Tips: उत्तर पूर्व कोने में बना मुख्य द्वार देता है शुभ परिणाम। पूर्व दक्षिण कोने में द्वार कभी न बनवाएं। अशुभ परिणाम ही मिलते हैं। स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। घर में द्वाराें की संख्या सदैव ही सम होनी चाहिए। इतना ही नहीं रोशनदानों की संख्या भी सम ही रखनी चाहिए।
वास्तु टिप्स
घर का मुख्य द्वार, जहां से परिवार सहित अन्य किसी का भी घर में आना जाना होता है। लोगों के साथ घर में सकारात्मकता और नकारात्मकता भी आती है। यदि गलत दिशा में प्रवेश द्वार बनवा लिया जाए तो हानिकारक परिणाम सामने आने लगते हैं। वहीं शुभ दिशा सदैव सकारात्मक परिणाम लाती है। इसलिए कुछ बातों का विचार कर ही मुख्य द्वार का निर्माण करवाना चाहिए।
उत्तरमुखी कोने में द्वार
-उत्तर पूर्व कोने में द्वार शुभ रहता है, सुख समृद्धि और आर्थिक लाभ देता है।
-उत्तर पश्चिम कोने में द्वार अशुभ रहता है, अस्थिरता और अशांति लाता है।
-पूर्व मुखी भूखंड में द्वार शुभ रहता है। ज्ञान एवं अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है।
-पूर्व दक्षिण कोने में द्वार अशुभ रहता है, स्वास्थय एवं उम्र पर विपरीत प्रभाव डालता है।
-दक्षिण मुखी भूखंड में द्वार शुभ रहता है।
-दक्षिण पश्चिम कोने में द्वार अशुभ रहता है। महिलाओं के स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है।
पश्चिममुखी भूखंड के द्वार
-पश्चिम उत्तर कोने में द्वार शुभ रहता है, सफलता प्रदान करता है।
-पश्चिम दक्षिण कोने में द्वार अशुभ रहता है। पुरुषाें का पतन एवं आर्थिक हानि पहुंचाता है।
-द्वारों की सख्या सदैव समसंख्या में ही होनी चाहिए। घर में खिड़कियों और रोशनदानों की संख्या भी सम रहनी चाहिए। विषय संख्या में नहीं होनी चाहिए। कमरे में दरवाजे और खिड़कियां एक दूसरे के विपरीत दिशा या आमने सामने होनी चाहिए। अगर भूखंड बड़ा हो तो उसमें बने हुए मकान में चाराें ओर दरवाजे लगाने चाहिए। ये अति शुभ होते हैं।
रखें ये ध्यान
घर के दरवाजे के ठीक सामने खाली स्थान विशेषकर फ्लैट्स में रिक्त स्थान न हो। बहुत बार लोग इस बात की अनदेखी कर देते हैं। लेकिन ये खालीपन परिवार से सुख शांति भी खाली कर देता है। इसके अलावा घर के दरवाजे के ठीक सामने मंदिर, कुआं, पेड़, दीवार, जलधारा, नहर, लट्ठा, पोल आदि नहीं होने चाहिए। इन्हें द्वार वेध कहा जाता है। भवन निर्माण के समय इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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