Cat Eye Benefits: केतु की चाल को बेहतर बनाने के लिए लहसुनिया है सबसे बेहतर रत्न
Cat Eye Benefits: राहु और केतु के साथ शनि की दशा चलने पर भी लहसुनिया धारण कर सकते हैं। बिल्ली की आंख जैसा दिखने के कारण इसे कैट आई भी कहते हैं। लहसुनिया यानी कैट आई धारण करने के फायदे, पहचान के बारे में आज आपको पूरी जानकारी देते हैं।
जानिए लहसुनिया की विशेषता
मुख्य बातें
- कम से कम पांच रत्ती का ही धारण करें लहसुनिया
- दानव ग्रह केतु का प्रतिनिधित्व करता है लहसुनिया
- लहसुनिया करता है गुप्त शत्रु और दुर्घटना से रक्षा
Cat Eye Benefits: केतु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है लहसुनिया रत्न। हल्के पीले रंग का यह पत्थर पर धारी या बिल्ली की आंख की तरह सफेद रंग का सूत होता है। जोकि इसकाे हिलाने पर चलती हुयी प्रतीत होती है। जिसकी वजह से ये बिल्ली की आंख जैसी दिखायी देती है, इसलिए इसे अंग्रेजी में कैट आई कहते हैं। इसे धारण करने से केतु ग्रह जनित समस्त दोष शांत हो जाते हैं। संबंधित खबरें
लहसुनिया की विशेषता
यह खनिज रत्न है। अपनी रासायनिक संरचना में यह बैरीलियम का एल्यूमीनेट हाेता है। इसका हल्का पीलापन लिये रंग फैरल आक्साइड के कारण होता है। इसमें अल्प मात्रा में अयम और क्रोमियम तत्व भी होता है। बहुत अल्प मात्रा में लहसुनिया श्याम आभायुक्त भी पाया जाता है। लहसुनिया श्रीलंका, ब्राजील, चीन और बर्मा में होता है। भारत में यह प्रमुख रूप से उड़ीसा में काफी मात्रा में पाया जाता है। कनखखेत का लहसुनिया बेहद मूल्यवान होता है। यह बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है।संबंधित खबरें
लहसुनिया की विशेषता और लाभ संबंधित खबरें
लहसुनिया दानव ग्रह केतु का प्रतिनिधित्व रत्न है, अतः लहसुनिया धारण करने से केतु ग्रह जनित समस्त दोष शांत हो जाते हैं। राहु की दशा में भी यह रत्न प्रभावी है और राहु, केतु, शनि तीनों की दशा में भी अपना प्रभाव विशेष रूप से दिखाता है। लहसुनिया धारण करने से बल, तेज, पराक्रम, सुख, संपत्ति, आनंद, पुत्र की प्राप्ति होती है। यह दिमागी परेशानियां शारीरिक दुर्बलता, दुख, दरिद्रता आदि से छुटकारा दिलाता है। लहसुनिया यदि अनुकूल आ जाए तो यह धन− दौलत में तेजी से वृद्धि करता है। आकस्मिक दुर्घटना, गुप्त शत्रु से भी यह रक्षा करता है। यह रत्न वायु और पित्त नाशक भी है। इसे धारण करने से रात्रि में भयानक स्वप्न नहीं आते हैं, इसे लॉकेट के रूप में पहनने से यह दमा और श्वांस नली की सूजन में आराम पहुंचाता है।संबंधित खबरें
लहसुनिया धारण करने की विधि संबंधित खबरें
लहसुनिया पांच रत्ती से कम का असरहीन होता है और जितना वजनदार होता है उतना अधिक शुभ फल देता है। इसे चांदी की अंगूठी में जड़वाना चाहिए। लहसुनिया की अंगूठी को बुधवार या शनिवार के दिन कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध करके ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए। संबंधित खबरें
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)संबंधित खबरें
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