Chaiti Chhath Puja 2023 Kharna: चैती छठ पर दशकों बाद बन रहा है खास संयोग, यहां देखें संध्या व उषा अर्घ्य का समय व शुभ मुहूर्त
Chaiti Chhath 2023 Date, Kharna, Sandhya arghya, Paran Timing, Shubh Muhurat: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चैती छठ मनाया जाता है। नहाय खाय के साथ शुरू होने वाला यह पर्व चार दिनों तक चलता है। आज यानी 26 मार्च को चैती छठ का दूसरा दिन है। इस दिन निर्जला व्रत कर विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने व सूर्यदेव को अर्घ्य देने से संतान संबंधी सभी समस्याओं को निवारण होता है।
Chaiti Chhath 2023 Date, Kharna, Paran Timing: चैती छठ 2023 तिथि, खरना, पारण का समय व शुभ मुहूर्त
मुख्य बातें
- आज यानी 26 मार्च को चैती छठ का दूसरा दिन खरना।
- इस दिन छठी मइया व सूर्य देव की उपासना की जाती है।
- रामायणकाल में है चैती छठ का उल्लेख।
Chaiti Chhath Puja 2023 Date, Kharna, Paran Timing: छठ पूजा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस पावन पर्व की धूम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलता है। बता दें सालभर में दो बार छठ पूजा का पर्व मनाया (Chaiti Chhath Puja 2023 Date) जाता है। पहला चैत्र माह में, जिसे चैती छठ के नाम से जाना जाता है। वहीं दूसरा कार्तिक माह में दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने व सूर्यदेव को अर्घ्य देने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा जीवन में आने वाले सभी कष्टों व दुखों का निवारण (Chaiti Chhath Puja 2023 Kharna) होता है। साथ ही निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है और संतान संबंधी सभी समस्याओं का निवारण (Chaiti Chhath Puja 2023 Kharna Timing) होता है।संबंधित खबरें
हिंदू पंचांग के अनुसार चैती छठ कल यानी 25 मार्च 2023, शनिवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो चुकी है। आज यानी 26 मार्च, रविवार को खरना होगा। वहीं 27 मार्च, सोमवार को सूर्यदेव की उपासना के साथ संध्या अर्घ्य दिया जाएगा और 28 मार्च को उषा काल में अर्घ्य देने के साथ इस व्रत का समापन होगा। आज व्रत के बाद व्रती महिलाएं चने की दाल व सब्जी का (Chaiti Chhath Puja 2023 Paran Timing) सेवन करेंगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार छठी मइया को सूर्यदेव की बहन माना जाता है, बिना सूर्यदेव की अराधना के छठ का व्रत संपूर्ण नहीं माना जाती है।संबंधित खबरें
धार्मिक ग्रंथों में वर्णित एक कथा के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन को सृष्टि का पहला दिवस माना जाता है। कहा जाता है कि, इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। सृष्टि का निर्माण होने के बाद यहां पूरा अंधकार था और पूरे पृथ्वी पर मात्र जल था। वहीं छठे दिन श्रीहरि भगवान विष्णु ने सौरमंडल का निर्माण किया। इसके बाद सूर्यदेव और चंद्रमा प्रकट हुए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह में छठ का व्रत उठाने के लिए चैती छठ रखना जरूरी होता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं नहाय खाय के साथ शुरू होने वाले चैती छठ का पूजा मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व से लेकर संपूर्ण जानकारीसंबंधित खबरें
Chaiti Chhath 2023 Date, आज चैती छठ का दूसरा दिन
हिंदू पंचांग के अनुसार नहाय खाय के साथ शुरू होने वाले चैती छठ की शुरुआत कल यानी 25 मार्च 2023, शनिवार से हो चुकी है। आज यानी 26 मार्च को खरना है, कल संध्या काल में सूर्यदेव की उपासना के साथ संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं 28 मार्च को उषा काल में सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ इस पर्व का समापन होगा। यहां आप खरना व सूर्य दव को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त जान सकते हैं।संबंधित खबरें
नहाय खाय | 25 मार्च 2023, शनिवार |
खरना - | 26 मार्च 2023, रविवार |
संध्या अर्घ्य - | 27 मार्च 2023, मंगलवार |
उषा अर्घ्य | 28 मार्च 2023, बुधवार |
संध्या अर्घ्य | 27 मार्च 2023 सोमवार, शाम 06:36 |
उषा अर्घ्य | 28 मार्च 2023 मंगलवार, सुबह 06:16 |
दशकों बाद बन रहा है खास संयोग
इस बार चैती छठ पर दशकों बाद खास संयोग बन रहा है। इस बार आज यानी 26 मार्च को कृतिका नक्षत्र व प्रीति योग लग रहा है। वहीं संध्याकाल में रोहिणी नक्षत्र के साथ आयुष्मान योग लगने जा रहा है। इस दौरान व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के साथ संध्याकाल में लौकी व चने की सब्जी ग्रहण करेंगी। वहीं 28 मार्च को मृगशिरा नक्षत्र व सौभाग्य योग बन रहा है। बता दें पूजा पाठ के लिए इस योग को बेहद खास माना जाता है। मान्यता है कि इस दारौन किया गया उपवास व पूजा अधिक फलदायी होता है। तथा कुछ खास उपाय करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।संबंधित खबरें
रामायणकाल में है इसका वर्णन
चैती छठ पूजा का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में भी किया गया है। छठ का महापर्व सालभर में दो बार एक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष और दूसरा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। आज नहाय खाय के बाद खरना है। आपको बता दें छठ पूजा का वर्णन रामायणकाल में भी किया गया है। कहा जाता है कि, चैती छठ पूजा की परंपरा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम जी ने शुरू किया था।संबंधित खबरें
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आदित्य सिंह author
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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