Chaiti Chhath 2023 Puja Vidhi, Muhurat, Sandhya Arghya Time: आज है चैती छठ पर्व का तीसरा दिन, जानें सूर्य अर्घ्य मुहूर्त, विधि, सामग्री, मंत्र सबकुछ
Chaiti Chhath Puja 2023 Sandhya Arghya Time, Vidhi: महापर्व चैती छठ का आज तीसरा दिन है। इस दिन व्रती भूखे-प्यासे रहकर अस्ताचलगामी यानी डुबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। फिर 28 मार्च को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना 36 घंटों का निर्जला व्रत खोलेंगे।
Chaiti Chhath Puja Vidhi: चैती छठ पर्व के तीसरे दिन की पूजा विधि जानें यहां
Chaiti
चैती छठ पर्व के तीसरे दिन विशेष भोग तैयार किया जाता है। जिममें ठेकुआ प्रसिद्ध है। प्रसाद बनाने के लिए एकै टौकरी तैयार की जाती है जिसमें फल और सभी प्रसाद सजाये जाते हैं। फिर इस टोकरी को व्रती तालाब, नदी या किसी घाट में लेकर जाते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हुए उसकी पूजा करते हैं।
चैती छठ पूजा 2023 सूर्य अर्घ्य समय (Chaiti Chhath Puja 2023 Surya Arghya Time)
सोमवार को चैत्र शुक्ल षष्ठी है। इस दिन चैती छठ पर्व का तीसरा दिन होता है। 2023 में 27 मार्च को ये दिन पड़ रहा है। आज शाम में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सूर्य को अर्घ्य देने का समय शाम 6:05 का है।
छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को दिया जाता है अर्घ्य (Sandhya Arghya On Chaiti Chhath Puja Third Day)
इस दिन बांस की टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल से बने लड्डू आदि चीजों को सजाया जाता है। फिर शाम में व्रती अपने परिवार सहित सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए किसी तलाब, नदी पर जाते हैं। सूर्य देव को जल और दूध से अर्घ्य देने के बाद सजाए गए सूप से छठी मैया की पूजा होती है। इस दौरान छठी मैया के गीत गाने के साथ व्रत कथा भी सुनी जाती है।
छठ पूजा सामग्री (Chhath Puja Samagri)
बांस की 3 टोकरी, एक सूप, थाली, शकरकंद, गन्ना, पान,सुपारी , नींबू, गिलास, दूध, नारियल, हल्दी,चावल, सिंदूर, दीपक, सब्जी, मिठाई, कपूर, शहद, फल,फूल आदि। इसके अलावा प्रसाद के लिए ठेकुआ, गुड-चावल से बनी खीर, हलवा, मालपुआ और चावल के लड्डू।
छठ पूजा सूर्य अर्घ्य विधि (Chhath Puja Surya Arghya Vidhi)
छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा की जाती है। ये महापर्व पूरे 4 दिनों तक चलता है। जिसमें इसका तीसरा दिन सबसे विशेष माना गया है। इस दिन व्रती पूरे दिन अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करते हैं। शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देते हैं। सूर्य को अर्घ्य देने से पहले सभी पूजन सामग्री को बांस की टोकरी में सजा लें। फिर अपने परिवार के लोगों के साथ नदी, तालाब पर जाएं। इसके बाद सूप में प्रसाद को रखते हुए दीपक जला लें और डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर प्रणाम करें। सूर्य को अर्घ्य देते समय "एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते, अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर" मंत्र का उच्चारण जरूर करें। सूर्य देव की पूजा के साथ छठी मैया की भी पूजा-अर्चना करें। छठी मैया की गीत जरूर गाएं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
Shattila Ekadashi Me Til Ka Mahatva: षटतिला एकादशी पर क्यों बढ़ जाता है तिल की महत्व, जानें इस व्रत में किन तरीकों से कर सकते हैं तिल का इस्तेमाल
25 January 2025 Panchang (25 जनवरी 2025 आज का पंचांग): षटतिला एकादशी कल, पंचांग से जानें पूजा का शुभ मुहुर्त, राहुकाल, साथ ही सूर्योदय और सूर्यास्त का सही समय
Char Dham Yatra 2025: चार धाम यात्रा 2025 कब से शुरू होगी, किस तारीख से शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन
Shattila Ekadashi 2025: 25 या 26 जनवरी- कब है षटतिला एकादशी 2025 की सही डेट, कब होगा पारण, कैसे करें ये व्रत
Importance of Jangam Jogi: जंगम जोगियों से जुड़ी क्या मान्यता है, आखिर क्या है इनका भगवान शिव और महाकुंभ से संबंध, जानिए यहां
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited