चैत्र नवरात्रि घटस्थापना विधि, मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ जानें यहां
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना विधि, मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ जानें यहां
चैत्र नवरात्रि यानी मां दुर्गा की उपासना के नौ दिन। जो इस बार 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं। ये 9 दिन बेहद ही शुभ, पवित्र, पावन माने जाते हैं। मान्यताओं अनुसार जो व्यक्ति इस दौरान सच्चे मन से मां की पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं मां की पूजा से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। चैत्र नवरात्रि का पहला दिन सबसे खास होता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना (Ghatasthapana) की जाती है। हालांकि इस वर्ष नवरात्रि पंचक में प्रारंभ हो रही हैं तो ऐसे में घटस्थापना का क्या रहेगा मुहूर्त और क्या है नवरात्रि की पूजा विधि सबकुछ जानिए यहां।
भारत में कई जगह पर चैत्र नवरात्रि को गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के नाम से जाना जाता है। इस दिन से हिंदू नव वर्ष (Hindi New Year) की शुरुआत भी हो जाती है। इस दौरान माता के नौ स्वरूपों शैलपुत्री देवी, ब्रह्मचारिणी देवी, चंद्रघंटा देवी, कुष्मांडा देवी, स्कंदमाता देवी, कात्यायनी देवी, कालरात्रि देवी, महागौरी देवी, और सिद्धिदात्री देवी की पूजा का विधान बताया गया है। इस साल मां की उपासना के ये नौ दिन 22 मार्च से लेकर 30 मार्च तक रहेंगे और 31 मार्च को नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा।
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पंचक में शुरू हो रही है। बता दें पंचक 19 मार्च से 23 मार्च तक रहेंगे और इसी बीच नवरात्रि पर्व 22 मार्च से शुरू हो जाएगा। ऐसे में नवरात्रि के 2 दिन पंचक रहेगा। आमतौर पर पंचक के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन नवरात्रि पूजा पर पंचर का प्रभाव नहीं पड़ेगा। आप नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना कर सकेंगे। आगे जानिए घटस्थापना मुहूर्त।
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2023 (Chaitra Navratri Ghatasthapana Muhurat 2023):
- चैत्र नवरात्रि घटस्थापना 22 मार्च 2023 को बुधवार के दिन की जाएगी।
- इस दिन घटस्थापना मुहूर्त सुबह 06:23 से सुबह 07:32 तक रहेगा।
- घटस्थापना मुहूर्त की अवधि 1 घण्टा 09 मिनट की रहेगी।
- घटस्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभाव मीन लग्न के दौरान है।
- प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 को रात 10:52 बजे से शुरू होगी।
- प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 22 मार्च 2023 को रात 08:20 बजे होगी।
- मीन लग्न की शुरुआत 22 मार्च 2023 की सुबह 06:23 बजे पर होगी।
- मीन लग्न की समाप्ति 22 मार्च 2023 को सुबह 07:32 बजे पर होगी।
नवरात्रि पूजा के नौ दिन (Navratri Puja 9 Days)
पहला दिन- 22 मार्च 2023, बुधवार, मां शैलपुत्री
दूसरा दिन- 23 मार्च 2023, गुरुवार, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा दिन- 24 मार्च 2023, शुक्रवार, मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा दिन- 25 मार्च 2023, शनिवार, मां कुष्मांडा पूजा
पांचवा दिन- 26 मार्च 2023, रविवार, मां स्कंदमाता पूजा
छठा दिन- 27 मार्च 2023, सोमवार, मां कात्यायनी पूजा
सातवां दिन- 28 मार्च 2023, मंगलवार, मां कालरात्रि पूजा
आठवां दिन- 29 मार्च 2023, बुधवार, मां महागौरी पूजा
नौवां दिन- 30 मार्च 2023, गुरुवार, मां सिद्धिदात्री पूजा और रामनवमी
दसवां दिन- 31 मार्च 2023, शुक्रवार, दशमी और नवरात्रि पारणा
चैत्र नवरात्रि 2023 घटस्थापना मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती, महत्व, दुर्गा सप्तशती पाठ, दुर्गा चालीसा से लेकर नवरात्रि से जुड़ी हर बात जानने के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर...
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना विधि (Chaitra Navratri Kalash Sthapana Vidhi)
नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त और सही तरीके से ही घटस्थापना करनी चाहिए। इसके लिए पूजा स्थल को पहले अच्छे से साफ कर लें। वहां पर मिट्टी की वेदी बनाकर या मिट्टी के बड़े पात्र में जौ बोएं। अब कलश या मिट्टी का पात्र लें और उसकी गर्दन पर मौली बांध लें। फिर कलश पर तिलक लगाएं और उसमें जल भर दें। जल के साथ ही कलश में अक्षत, सुपारी, सिक्का आदि चीजें भी डाल दें। अब एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े में लपेट लें। नारियल और लाल कपड़े या चुन्नी को रक्षा सूत्र में बांध लें। इसके बाद जमीन को साफ करके सबसे पहले जौ वाला पात्र रखें, उसके बाद उस पर पानी से भरा कलश रखें, फिर कलश के ढक्कन पर नारियल रख दें। अब कलश पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और दुर्गा जी की प्रतीमा के पास में कलश स्थापित कर दें। इस कलश को 9 दिनों तक मंदिर में ही रखें।नवरात्रि में माता की सवारी ऐसे तय की जाती है (Navratri Mata Sawari)
नवरात्रि यदि रविवार या सोमवार से शुरू होती हैं मां दुर्गा 'हाथी' पर सवार होकर आती हैं। यदि शनिवार और मंगलवार से नवरात्रि की शुरुआत हो तो माता 'घोड़े' पर सवार होकर आती हैं। वहीं यदि गुरुवार और शुक्रवार से नवरात्रि शुरू होती हैं तो माता की सवारी टपालकीट होती है। और अगर नवरात्रि बुधवार से शुरू हो रही हैं तो मां दुर्गा टनावट में सवार होकर आती हैं। इस चैत्र नवरात्रि 2023 में मां नौका पर सवार होकर आ रही हैं।माता की आरती, जय अंबे गौरी आरती हिंदी लिरिक्स (Mata Ki Aarti, Jai Ambe Gauri Aarti Hindi Lyrics)
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कानन कुण्डल शोभित,नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
श्री अंबेजी की आरती, जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना विधि (Chaitra Navratri Kalash Sthapana Vidhi)
नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त और सही तरीके से ही घटस्थापना करनी चाहिए। इसके लिए पूजा स्थल को पहले अच्छे से साफ कर लें। वहां पर मिट्टी की वेदी बनाकर या मिट्टी के बड़े पात्र में जौ बोएं। अब कलश या मिट्टी का पात्र लें और उसकी गर्दन पर मौली बांध लें। फिर कलश पर तिलक लगाएं और उसमें जल भर दें। जल के साथ ही कलश में अक्षत, सुपारी, सिक्का आदि चीजें भी डाल दें। अब एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े में लपेट लें। नारियल और लाल कपड़े या चुन्नी को रक्षा सूत्र में बांध लें। इसके बाद जमीन को साफ करके सबसे पहले जौ वाला पात्र रखें, उसके बाद उस पर पानी से भरा कलश रखें, फिर कलश के ढक्कन पर नारियल रख दें। अब कलश पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और दुर्गा जी की प्रतीमा के पास में कलश स्थापित कर दें। इस कलश को 9 दिनों तक मंदिर में ही रखें।चैत्र नवरात्रि और पंचक (Chaitra Navratri And Panchak)
इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत पंचक में ही होगी। पंचक का प्रारम्भ १९ मार्च से हुआ था जो की २३ मार्च तक रहेगा। पंचक का प्रारम्भ रविवार से हुआ हैं इसलिए इस पंचक को रोग पंचक कहा जाता है। सामान्य जीवन में पंचक के अशुभ प्रभाव भी देखें जाते हैं। आम तौर पर पंचक का नवरात्रि पर प्रभाव कम ही होता हैं लेकिन इस वर्ष पंचक की निर्माण के साथ साथ और गृह नक्षत्रों की स्तिथि के सामायिक विश्लेषण से ये समय बहुत ज्यादा अच्छा नहीं है। विशेष व्यक्तियो और बड़े पदों आसन्न व्यक्तियों के जीवन में रोग आने की संभावना हो सकती है। उनके जीवन में स्वस्थ्य का उतार चढ़ाव हो सकता है। साथ ही साथ पशु पक्षियों को भी रोग हो सकता हैं और उनसे जुड़े कार्यक्षेत्र में लोगो को नुक्सान हो सकता है।मां शैलपुत्री की आरती (Maa Shailputri Aarti Lyrics in Hindi)
शैलपुत्री मां बैल पर सवार करें देवता जय जयकार।शिव शंकर की प्रय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि सिद्धि परवान करे तू। दये करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती जिसने तेरी उतारी।
उसकी सगरी आस जगा दो। सगरे दुख तकलीफ मिटा दो।
घी का सुंदर दीप जलाकर। गोला गरी का भोग लगा कर।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी। शिव मुख चंद चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की होगी पूजा (Chaitra Navratri First Day Puja)
माता शैलपुत्री का जन्म पर्वत राज हिमालय के घर हुआ था। इसी कारण से उन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। माता के स्वरूप की बात करें, तो उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल व और बाएँ हाथ में कमल का फूल है। देवी के माथे पर अर्ध चंद्र सुशोभित है। नंदी बैल यानि वृषभ माता की सवारी है, इसलिए देवी शैलपुत्री को वृषारूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है। माँ शैलपुत्री ही सती के नाम से भी जानी जाती हैं।चैत्र नवरात्रि घटस्थापना महत्व और शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri Ghatasthapana Muhurat)
हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा या शुभ कार्यक्रम की शुरुआत करने से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि यानी कि पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि हमारे धर्म में कलश को भगवान गणेश की संज्ञा दी गई है। मान्यता है कि यदि घटस्थापना शुभ मुहूर्त में और विधिवत न की जाए तो माता रानी नाराज़ हो जाती हैं, इसलिए शुभ मुहूर्त और सही विधि का पता होना बहुत ज़रूरी है। घटस्थापना मुहूर्त 22 मार्च 2023 को 06:23 से 07:32 तक रहेगा।Navratri 2023: देवी मां के कदम आपके घर में आएं
देवी मां के कदम आपके घर में आएंआपका जीवन ख़ुशियों से भर जाएपरेशानियां आपसे आंखें चुराएनवरात्रि की आपको ढेरों शुभकामनाएंNavratri 2023: रामायण पाठ करने का महत्व
नवरात्रि में देवी दुर्गा के साथ भगवान राम की पूजा करने का विधान है । नवरात्रि में रामायण का पाठ करने से भगवान राम प्रसन्न होते हैं और भक्त पर उनकी कृपा बरसती है । घर में रामायण का पाठ करने से कोई भी विपत्ति नहीं आती और किसी भी प्रकार का शत्रु भय नहीं होता ।माता के त्रिनेत्र की रंगोली
मां दुर्गा को समर्पित ये रंगोली, नवरात्रि के लिए बेहतरीन हो सकती है। आप अपनी पसंद के कई सारे रंगों को मिलाकर बहुत ही सुंदर रंगोली डिजाइन बना सकते हैं। माता की ये त्रिनेत्र वाली रंगोली आपके आंगन में कुछ ऐसी लगेगी मानो देवी मैया साक्षात प्रकट हुई हो। सुंदर सी रंगोली को और सुंदर बनाने के लिए आप आस पास फूल पत्ती का डिजाइन बनाकर दीए रख सकते हैं।Navratri 2023: शुभ नवरात्रि 2023
दुर्गा परम सनातनी जग की सृजनहार,आदि भवानी महा देवी श्रृष्टि का आधार.शुभ नवरात्रि 2023Navratri 2023: हमको था इंतजार वो घड़ी आ गई
हमको था इंतजार वो घड़ी आ गई,होकर सिंह पर सवार माता रानी आ गई,होगी अब मन की हर मुराद पूरी,हरने सारे दुःख माता अपने द्वार आ गई,नवरात्रि की शुभकामनाएंNavratri 2023: मां वरदान मत देना हमें,
मां वरदान मत देना हमें,बस थोडा सा प्यार देना हमें,तेरे चरणों में बीते ये जीवन सारा,एक बस यही आशीर्वाद देना हमें।Navratri 2023: हैप्पी नवरात्रि 2023
मां दुर्गा का रूप है अति सुहावन,इस नवरात्रि आप पर बरसे मां की कृपा,ख़ुशियां महके आपके घर-आंगनहैप्पी नवरात्रि 2023Navratri 2023: आप सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं।
माता रानी ये वरदान देना,बस थोड़ा सा प्यार देना,आपकी चरणों में बीते जीवन साराऐसा आशीर्वाद देना।आप सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं।Navratri 2023: काली मां की रंगोली
पीले और सफेद रंग की ये मां काली की रंगोली बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली लग रही है। आप इस रंगोली को चैत्र नवरात्रि 2023 के शुभ अवसर पर बनाएंगे, तो माता अवश्य ही आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगी। इस खास रंगोली को आप कंघी की मदद से भी बना सकते हैं, अच्छा शेड आएगा।Navratri 2023: नवरात्रि पूजन सामग्री
कलश स्थापना के लिए मिट्टी, मिट्टी का कलश, मिट्टी का ढक्कन, कलावा, जटा वाला नारियल, जल, गंगाजल, लाल रंग का कपड़ा, एक मिट्टी का दीपक, थोड़ा सा अक्षत, हल्दी, दुर्गासप्तशती किताब, साफ चावल, श्रृंगार का सामान, दीपक घी, फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, लायची, बताशे या मिसरी, कपूर, उपले, फल, मिठाई, दुर्गा चालीसा, लाल रंग की गोटेदार चुनरी, आम के पत्ते, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, आरती की किताब, देवी की प्रतिमा या फोटो, आम की लकड़ी, जौ, लोबान, गुगल, कमल गट्टा और हवन कुंड भी।Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिकेशरण्ये त्र्यम्बके गौरी, नारायणी नमोस्तुतेचैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएंNavratri 2023: शुभ नवरात्रि !
सारा जहान है जिसकी शरण में,नमन है उस माँ के चरण में,हम हैं उस माँ के चरणों की धूल,आओ मिलकर माँ को चढ़ाएं श्रद्धा के फूल।शुभ नवरात्रि !Navratri 2023: आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो
लक्ष्मी का हाथ हो, सरस्वती का साथ हो, गणेश का निवास होमां दुर्गा के आशीर्वाद से आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश होशुभ नवरात्रिNavratri 2023 Puja: लाल रंग से सजा मां का दरबार
लाल रंग से सजा मां का दरबार,आनंदित हुआ मन महक हुआ संसार,अपने पावन क़दमों से माँ आए आपके द्वार,मुबारक हो आपको नवरात्रि का ये त्यौहार।Navratri 2023 Puja: नवरात्रि पूजा का इतिहास
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महिषासुर के अत्याचार से परेशान होकर सभी देवी-देवता स्वर्ग लोक को छोड़कर त्रिदेव के पास गए और वहां उनसे महिषासुर का वध करने को कहा। गुस्से में त्रिदेव के मुख से एक बड़ा ही तेज प्रकट हुआ जो नारी के रूप में बदल गया। देवी ने देवताओं को सताने वाले महिषासुर को युद्ध के लिए ललकारा। माता के ललकार को सुनकर महिषासुर मां दुर्गा की तरफ युद्ध करने के लिए दौड़ा। यह युद्ध 9 दिनों तक चला। दसवें दिन माता ने नव दुर्गा का रूप धारण करके देवताओं को सताने वाले दुष्ट महिषासुर का वध कर दिया। ऐNavratri 2023 Puja: नवरात्रि में ऐसे करें पूजा
सबसे पहले मां दुर्गा की चौकी को अच्छे से सजा लीजिए और उस पर माता की प्रतिमा या फोटो रखिए। इसके बाद माता के सामने विधिवत नियम से मिट्टी के बर्तन में जौ डाले और उसमें पानी का छिड़काव करें। इसके बाद उस बर्तन में कलश रखें। कलश को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मां दुर्गा को फूल चढ़ाए और पूजा अर्चना करें। इसके बाद अखंड दीप जलाकर आरती करें और बाद में प्रसाद को भोग लगाएं।चैत्र नवरात्रि के दिन प्रकट हुई थी मां आदिशक्ति
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार चैत्र नवरात्रि के दिन मां आदिशक्ति प्रकट हुई थी और ब्रह्मा जी के आग्रह पर सृष्टि का निर्माण किया था। ब्रह्म पुराण में वर्णित एक कथा में कहा गया है कि स्वयं ब्रह्मा जी ने बृहस्पति को चैत्र नवरात्रि का महत्व बताया था। यदि आप भी इस बार नवरात्रि करने की सोच रहे हैं,तो यहां आप इसकी तारीख, पूजा मुहूर्त, महत्व और इसके पीछे का इतिहास जान सकते हैं।Navratri 2023: नवरात्रि के पहले दिन होता है देवी दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के बाद देवी दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। उनके माथे पर अर्ध चंद्र सुशोभित है। मां के इस स्वरूप को सती के नाम से भी जाना जाता है। माता का ये रूप करुणा और स्नेह का प्रतीक माना गया है।Navratri 2023: नवरात्रि की शुभकामनाएं!
ओम सर्वमंगल मांगल्येशिवे सर्वार्थ साधिके,शरण्ये त्रयम्बके गौरीनारायणी नमोस्तुते. नवरात्रि की शुभकामनाएं!Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के लिए रंगोली डिजाइंस
नवरात्रि में मां के नाम से अपना घर आंगन महकाने के लिए आप भी रंगोली की खूबसूरत डिजाइंस बना सकते हैं। घर के द्वार और मंदिर को रंगोली से सजाकर नवरात्रि पर माता का खास स्वागत कर विशेष लाभ पाएं। देखें नवरात्रि के लिए 6 खास रंगोली डिजाइंस जिन्हें आप आसानी से घर के द्वार, आंगन या मंदिर में बनाकर कलश स्थापना कर सकते हैं।Chaitra Navratri 2023: 22 अप्रैल से शुरू होगी पूजा
हिंदू शास्त्र के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन से ही चैत्र नवरात्रि की पूजा प्रारंभ हो जाती है। इस बार 22 अप्रैल से पूजा (Navratri Puja Vidhi) की शुरूआत हो जाएगी। इस बार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन 22 मार्च 2023 को घट स्थापना की जाएगी। घटना स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 32 तक है।इस बार पूरे नौ दिन रहेंगे नवरात्रि (Navratri 2023)
यह चैत्र नवरात्रि 2023 बेहद खास होने वाली है क्योंकि इस बार के नवरात्रि पूरे 9 दिन तक चलेंगे और इसकी तिथियों में किसी भी तरह की घटबढ़त देखने को नहीं मिलेगी। ऐसे में, संपूर्ण नवरात्रि में निरंतर 9 दिनों तक मां के 9 स्वरूपों की श्रद्धाभाव से पूजा की जाएगी।चैत्र नवरात्रि पर बन रहा है महासंयोग Chatra Navratri Maha Sayong
चैत्र नवरात्रि का आरंभ शुभ योगों में होने जा रहा है क्योंकि इस दिन 4 योगों का निर्माण होगा और ऐसे में भक्तों को माता का भरपूर आशीर्वाद मिलेगा। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा नौका पर सवार होकर अपने भक्तों के घर आएंगी और उनके समस्त कष्टों का अंत करेंगी। हालांकि, इनका प्रस्थान डोली पर होगा जिससे बहुत ही शुभ माना जाता है। आपको बता दें कि नौका पर देवी का आगमन भक्त के जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आता है।चैत्र नवरात्रि का महत्व (Chaitra Navratri Importance)
बात करें नवरात्रि शब्द की तो इसकी उत्पत्ति एक संस्कृत शब्द से हुई है जिसका सामान्य भाषा में अर्थ होता है नौ रातें। भारत में कई जगहों पर चैत्र नवरात्रि को गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा चैत्र नवरात्रि की शुरुआत से ही हिंदू नव वर्ष का भी आरंभ होता है।नवरात्रि में जौ बोने का महत्व (Importance of sowing barley in Chaitra Navratri)
प्राचीन मान्यता अनुसार जौ ही पृथ्वी की सबसे पहली फसल थी इसे अन्नपूर्णा के रूप में पूजा जाता है अन्नपूर्णा देवी दुर्गा का प्रतीक है। इसलिए नवरात्रि में जौ बोने का अत्यधिक महत्व है। नवरात्रि में जौ बोने में मां दुर्गा की विशेष कृपा मिलती है। घर में समृद्धि और वृद्धि आती है।चैत्र नवरात्रि 09 दिन और देवी प्रसाद (Chaitra Navratri 9 Days Prasad)
पहला दिन मां शैलपुत्री- इन्हें गाय के घी या उससे बने पदार्थों का यदि भोग लगाया जाए।दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी- मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग बेहद ही प्रिय होता है।
तीसरा दिन मां चंद्रघंटा- मां चंद्रघंटा को दूध का भोग लगाना बेहद ही शुभ फलदाई साबित होता है।
चौथा दिन मां कूष्मांडा- मां कुष्मांडा को मालपुआ बेहद ही प्रिय होता है।
पांचवा दिन मां स्कंदमाता- मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है।
छठा दिन मां कात्यायनी- मां कात्यायनी को शहद बेहद प्रिय है।
सातवां दिन कालरात्रि- मां कालरात्रि को गुड़ का भोग बेहद ही प्रिय होता है।
आठवां दिन मां महागौरी- मां का प्रिय भोग हलवा है।
नौवां दिन मां सिद्धिदात्री- मां को खीर बेहद प्रिय होती है।
इन कार्यों को करने के लिए नवरात्रि शुभ (Navratri 2023)
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक यदि आप घर खरीदना या बेचना चाहते हों, नए घर में प्रवेश करना चाहते हों, कोई नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हों या कोई भी नया काम करना चाहते हों तो आप इस दौरान कर सकते हैं। आपको उस काम में सफलता अवश्य मिलेगी।चैत्र नवरात्रि शुभ योग (Chaitra Navratri Shubh Yoga)
माना जाता है कि इन शुभ योगों में यदि मां देवी की पूजा अर्चना की जाए तो इससे बेहद शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। इस वर्ष नवरात्रि के दूसरे, छठे और महा-नवमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहने वाला है। 27 मार्च और 30 मार्च को अमृत सिद्धि योग भी रहेगा। वहीं नवरात्रि के तीसरे, पांचवे, और महा-अष्टमी तिथि पर रवि योग रहेगा और अंत में 30 मार्च को गुरु पुष्य योग रहने वाला है।चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त (Chaitra Navratri Ghatasthapana Muhurat 2023)
चैत्र घटस्थापना बुधवार, 22 मार्च 2023 कोघटस्थापना मुहूर्त - 06:23 ए एम से 07:32 ए एम
अवधि - 01 घण्टा 09 मिनट्स
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है।
घटस्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभाव मीन लग्न के दौरान है।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - मार्च 21, 2023 को 10:52 पी एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त - मार्च 22, 2023 को 08:20 पी एम बजे
मीन लग्न प्रारम्भ - मार्च 22, 2023 को 06:23 ए एम बजे
मीन लग्न समाप्त - मार्च 22, 2023 को 07:32 ए एम बजे
चैत्र नवरात्रि उपाय (Chaitra Navratri Upay)
सुख समृद्धि के लिए नवरात्रि के पहले दिन अखंड ज्योत अवश्य जलाएं। इसके अलावा नवरात्रि के दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बेहद ही शुभ माना गया है।चैत्र नवरात्रि 2023: मां की सवारी
चैत्र नवरात्रि 2023 में मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आ रही हैं। मां दुर्गा की ये सवारी शुभ मानी जाती है। ऐसे में व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।चैत्र नवरात्रि शुभ संयोग (Chaitra Navratri 2023)
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 3 शुभ योगों में मनाई जाएगी। दरअसल नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल योग में हो रही है। इसके तुरंत बाद ही ब्रह्मा योग प्रारंभ हो जाएगा और ब्रह्मा योग के बाद इंद्र योग लग जाए। ये सभी योग शुभ माने जाते हैं।Tulsi Pujan Diwas 2024: दिसंबर में कब मनाया जाता है तुलसी पूजन दिवस, जानिए इस दिन क्या करते हैं
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