Navratri Havan Mantra: नवरात्रि नवमी हवन सामग्री, विधि, मंत्र, मुहूर्त जानें सबकुछ
Havan Manta, Samagri List, Vidhi: नवरात्रि की नवमी तिथि पर हवन करने का खास महत्व माना जाता है। कहते हैं हवन करने से पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त हो जाता है। जानिए नवरात्रि नवमी हवन मंत्र (Navratri Navami Havan Mantra), विधि, सामग्री और महत्व।
Navratri Ashtami And Navami Havan Mantra, Vidhi: चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कैसे करें हवन, जानें पूरी विधि विस्तार से यहां।
नवरात्रि हवन सामग्री (Navratri Havan Samagri)
नवरात्रि हवन विधि (Navratri Havan Vidhi)
- हवन शुरू करने से पहले पंचोपचार सहित पाद्य, आर्घ्य, आचमन, स्नान, फल, मिठाई, फूल, अक्षत, चंदन, सिंदूर से माता और उनके साथ आए नवग्रह, पंचदेवता की भी पूजा करें।
- जिस स्थान पर हवन करना है वहां हवन कुंड रखें।
- हाथ में गंगाजल लेकर सभी सामग्रियों पर छींटे मार लें।
- हवन करने जा रहे हैं इस बात का संकल्प लें।
- हवनकुंड में आम की लकड़ियां रखें। फिर रूई में घी लगाकर लकड़ी के ऊपर रखें।
- फिर कपूर से हवनकुंड की अग्नि प्रज्जवलित कर लें।
- इसके बाद आप घी से 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः' मंत्र से माता के नाम से हवन कुंड में आहुति दें।
- इसके बाद घी से 3 या 5 बार गणेशजी, पंचदेवता, क्षैत्रपाल, नवग्रह, ग्रामदेवता को आहुति दें।
- इसके बाद हवन सामग्री से 108 बार में आहुति दें।
- हवन के बाद कपूर और घी से माता की आरती करें।
- फिर माता रानी को खीर, पूरी-चना और हलवे का भोग लगाएं।
- हवन का भभूत घर के सभी लोग लगाएं।
- इसके बाद कन्याओं को भोजन करवाएं।
नवरात्रि हवन मंत्र (Navratri Havan Mantra)
- ओम आग्नेय नम: स्वाहा
- ओम गणेशाय नम: स्वाहा
- ओम गौरियाय नम: स्वाहा
- ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
- ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
- ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
- ओम हनुमते नम: स्वाहा
- ओम भैरवाय नम: स्वाहा
- ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
- ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
- ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
- ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
- ओम शिवाय नम: स्वाहा
- ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमस्तुति स्वाहा
- ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा
- ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा
- ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते
- ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा
दुर्गा सप्तशती के मंत्रो से ऐसे करें हवन (Havan With Durga Saptshati Mantra)
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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