Maa Durga Temple: राजस्थान में देवी भगवती के 5 प्रसिद्ध मंदिर, नवरात्रि में श्रद्धालुओं की लगती है भीड़
Maa Durga Famous Temple: नवरात्रि में अब गिनती के दिन बाकी हैं। मान्यता है कि इन नौ दिनों देवी भगवती के दर्शन करने व विधि विधान से पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण होता है। ऐसे में यहां हम आपके लिए राजस्थान में देवी भगवती के प्रसिद्ध मंदिरों की सूची लेकर आए हैं। मान्यता है कि, यहां एक बार देवी भगवती के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मरीदें पूरी होती हैं।
Maa Durga Famous Temple In India: राजस्थान में मां दुर्गा के 5 प्रसिद्ध मंदिर
Maa Durga Famous Temple In Rajasthan: राजस्थान को भारत की शान और दिल की धड़कन कहा जाता है। ये शहर अपनी समृद्ध संस्कृति और इतिहास के लिए भी जाना (Navratri 2023) जाता है। यह शहर हजारों लाखों वर्षों से भारतीय इतिहास समेटे खड़ा है, इसे सांस्कृतिक खजाने का हिस्सा भी कहा (Navratri 2023 Date) जाता है। साथ ही राजस्थान आध्यात्मिक दृष्टि से भी बेहद खास है। यहां देवी भगवती के कई मंदिर हैं, जिनका वर्णन पौराणिक ग्रंथों में भी किया (Navratri 2023 Start Date) गया है। मान्यता है कि एक बार इन मंदिरों के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं। तथा जीव न में आने वाले सभी कष्टों का निवारण होता है। नवरात्रि के अवसर पर यहां पर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं।
नवरात्रि में अब गिनती के दिन बाकी हैं। मान्यता है कि इस दौरान देवी भगवती के दर्शन करने व विधि विधान से पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण (Navratri 2023 Ghatsthapna Muhurat) होता है। हिंदु पंचांग के अनुसार नवरत्रि चैत्र मास के प्रतिपदा तिथि यानी 22 मार्च से शुरू होकर नवमी तिथि 30 मार्च को समाप्त हो रही है। ऐसे में यहां हम आपके लिए राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों की सूची लेकर आए हैं। नवरात्रि के पावन अवसर पर इन मंदिरों के दर्शन कर आप देवी भगवती की पूजा अर्चना कर सकते हैं। ऐसे में यदि आप राजस्थान के निवासी हैं या फिर नवरात्रि के पावन अवसर पर राजस्थान जाने की योजना बना रहे हैं, तो एक बार राजस्थान के इन मंदिरों की सैर अवश्य करें।
करणी माता मंदिर
चूहों वाली माता के नाम से प्रसिद्ध ये मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित है। चूहों की अधिक संख्या के कारण इसे रैट टैंम्पल के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि, यहां माता के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं। नवरात्र के दिनों में इस मंदिर में लोगों की अपार भीड़ देखने को मिलती है।
तनोट माता मंदिर
सन् 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध से इस मंदिर की प्रसिद्धि देश भर में फैल गई थी। तनोट माता का मंदिर राजस्थान के जैसलमेर जिले में पाकिस्तान बॉर्डर के निकट स्थित है। आपको शायद ही पता होगा कि, साल 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान ने इस मंदिर पर 3000 से भी ज्यादा बमों की वर्षा की थी, लेकिन मां के चमत्कार से इस मंदिर को खरोंच तक नहीं आई।
शिला देवी मंदिर
देवी दुर्गा को समर्पित यह मंदिर आमेर किले में स्थापित है। इस मंदिर को आमेर के राजा मान सिंह प्रथम ने बनवाया था। कहा जाता है कि, राजा मान सिंह के खिलाफ बंगाल में लड़ाई हारने के बाद, जेसोर के राजा ने उन्हें एक काले पत्थर की पटिया भेंट की थी। जिसमें से देवी दुर्गा की छवि दिखाई देती है। शिला देवी मंदिर में नवरात्रि पर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। यहां नवरात्रि के नौ दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है। तथा विधिवत माता की पूजा की जाती है और अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है।
आशापूरा माता मंदिर
राजस्थान के पाली जिले के नाड़ोल गांव में स्थित आशापूरा माता मंदिर काफी प्रसिद्ध है, इसे चौहान राजवंश की कुलदेवी भी माना जाता है। यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि, माता के दर्शन मात्र से भक्तों की मुरादें पूरी हो जाती हैं। यही कारण है कि, इसे आशापूरा मंदिर कहा जाता है। नवरात्रि के पावन अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है।
जीण माता मंदिर
करणी माता मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। यहां से मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर जीण माता मंदिर स्थित है। वहीं यदि आप यहां से 28 किलोमीटर दूर चलें तो खाटू श्याम के दर्शन कर सकेंगे। यहां नवरात्र के अवसर पर भक्तों तांता लगता है। यहां के स्थानीय लोगों की मानें तो, सैकड़ो वर्ष पहले यहां जीण नाम की राजकन्या ने अपनी भाभी के बुरे व्यवहार से प्रताड़ित होकर आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर कठोर तपस्या की थी। तथा धीरे धीरे वह लोक देवी के रूप में प्रसिद्ध हो गई।
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