Chaitra Navratri 2024 Ashtami Date: कब रखा जाएगा चैत्र नवरात्रि का अष्टमी व्रत, यहां जानें डेट और महत्व

Chaitra Navratri 2024 Ashtami Date (चैत्र नवरात्रि अष्टमी 2024): जल्द ही चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है। इस दौरान माता के भक्त माता रानी की विशेष पूजा- अर्चना करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि कब है और इसके महत्व के बारे में।

Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri 2024 Ashtami Date (चैत्र नवरात्रि अष्टमी 2024): चैत्र नवरात्रि का पर्व हर वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और नवमी तिथि को समाप्त होता है। इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है। इसके साथ ही इसका समापन 17 अप्रैल को होगा। नवरात्रि का त्योहार पूरे देश में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दौरान माता के नौ रूपों की अलग- अलग तरीके से पूजा- अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि में मां धरतीलोक पर अपने भक्तों से मिलने आती हैं और उनकी सारी मनोकामना को पूरी करती हैं। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी के दिन मां के आठवें रूप मां महागौरी की पूजा का विधान है। चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व है। ऐसे में आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि कब है।

Chaitra Navratri 2024 Ashtami Date (चैत्र नवरात्रि अष्टमी 2024 कब है)चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी की शुरुआत 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट होगी। इसके साथ ही इस तिथि का समापन 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 16 अप्रैल को अष्टमी का व्रत रखा जाएगा।

Chaitra Navratri 2024 Ashtami Shubh Muhurat (चैत्र नवरात्रि अष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त)इस साल चैत्र नवरात्रि की अष्टमी का व्रत 16 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन सुबह की पूजा के लिए सुबह 9 बजकर 8 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 58 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है। इसके साथ रात में 8 बजकर 11 मिनट से लेकर 9 बजकर 34 मिनट तक पूजा की जा सकती है।

चैत्र नवरात्रि अष्टमी पूजा विधि (Chaitra Navratri Ashtami Puja Vidhi)
  • अष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें।
  • उसके बाद पूजा घर को साफ कर। मां की ज्योति जलाएं।
  • फिर मां महागौरी को अक्षत, सिंदूर और फूल अर्पित करें।
  • इसके बाद माता को मिठाई अर्पित करें।
  • इस दिन मां महागौरी की चालीसा करें और आरती गाएं।
  • अंत में माता को भोग लगाएं और कन्या पूजन कराएं।

चैत्र नवरात्रि अष्टमी महत्व (Chaitra Navratri Ashtami Importance)शास्त्रों में नवरात्रि का अष्टमी तिथि का खास महत्व बताया गया है। इस दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मां के इस रूप की पूजा करने से साधक के सारे ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। इसके साथ ही मां कृपा से उसके घर में सुख, समृद्धि आती है। इस दिन मां की पूजा सच्चे मन से करने से साधक की सारी मनोकामना की पूर्ति होती है।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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