नवरात्रि खत्म होने के बाद कलश, जौ और अन्य पूजा सामग्री का क्या करें?
Chaitra Navratri End Date 2024, When Navratri Will End 2024: इस साल चैत्र नवरात्रि का समापन 17 अप्रैल को होगा। अब ऐसे में कई लोग इस चीज को लेकर परेशान होंगे कि आखिर नवरात्रि पूजा में प्रयोग हुई सामग्री का क्या करना है। तो यहां हम आपकी इसी कन्फ्यूजन को दूर करेंगे।
नवरात्रि पूजा में इस्तेमाल की गई सामग्रियों का क्या करें?
When Navratri Will End 2024, Chaitra Navratri Kab Khatam Hoga 2024: नवरात्रि पर्व में माता की पूजा में कई सामग्रियों का इस्तेमाल होता है। जैसे पूजा की शुरुआत में ही घर में एक कलश स्थापित कर दिया जाता है और उसमें जौ भी बोए जाते हैं। लेकिन नवरात्रि खत्म होने के बाद इन चीजों का क्या करना है। इस बारे में कम ही लोगों को पता होता है। कई लोग कलश, जौ समेत पूजा में प्रयोग की गई सभी सामग्रियों को नदी में बहा देते हैं। तो कुछ लोग इसे घर की छत पर रख देते हैं। लेकिन असल में इन सामग्रियों का क्या करना होता है यहां हम इसी बारे में आपको बताएंगे।
Ram Navami Puja Vidhi In Hindi
पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार नवरात्रि में 09 दिन की पूजा में स्थापित किए गए कलश को घर में साल भर रखते हैं। इस कलश को आप पूजा घर या घर के किसी भी कमरे में रख सकते हैं। जौ को भी किसी फूल के पात्र में रखते हैं। बता दें जौ का उगना समृद्धि व धन धान्य को दर्शाता है। नवरात्रि पूजा में प्रयोग की गई जो भी वस्तुएं परिलक्षित व दृष्ट हैं व पूजन सामग्री में प्रयोज्य थीं, उन सबको नदी में प्रवाहित न करें। नदी में प्रवाहित करने से सरिता प्रदूषित होती हैं। निर्मल व शीतल नदी जल दूषित हो जाता है।
इन सामग्रियों को नदी के समीप या किसी लघु सरोवर में प्रवाहित कर दें या पीपल के वृक्ष के नीचे सब समान रख दें। कलश का प्रयोग कर सकते हैं। ज्येष्ठ माह में जब उष्णता अपने चरम पर होता है उस समय इस कलश में जल भरकर नित्य सेवन करें। गर्मी के मौसम में लोग घड़ा दान भी करते हैं। जो घड़ा दान करना है उसमें जल भरकर इस पूजित कलश से स्पर्श कराकर जल सहित घड़े को दान करने से अखंड पुण्य की प्राप्ति होती है।
जौ को अपने अन्न भंडार गृह के अन्न पात्र में मिला सकते हैं। पूजा की शेष सामग्री वहां नहीं रखनी है जिस पर किसी का पैर पड़े या कहीं मार्ग में मत रखें। बेहतर है घर से दूर कहीं उपवन में लघु जल का सांकेतिक सरोवर बनाकर उसमें रखें या पीपल का वृक्ष सहज है, उसके तले रखें।
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सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें
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