Kanya Pujan 2024 Date, Muhurat: अष्टमी या नवमी किस दिन करना चाहिए कन्या पूजन? जान लें पूरी विधि, सामग्री लिस्ट और मुहूर्त

Kanya Pujan 2024 Date, Time, Vidhi, Samagri List: नवरात्रि में अष्टमी या नवमी किसी भी दिन कन्या पूजन कर सकते हैं क्योंकि ये दोनों ही तिथियां कन्याओं की पूजा के लिए शुभ मानी गई हैं। यहां आप जानेंगे कन्या पूजन कैसे करते हैं, इसकी विधि, मुहूर्त और सामग्री लिस्ट क्या है।

Kanya Puja Vidhi In Hindi

Chaitra Navratri 2024 Kanya Pujan Vidhi, Samagri List: चैत्र नवरात्रि पर्व का समापन होने को है। 16 अप्रैल को महाअष्टमी मनाई जाएगी तो वहीं 17 अप्रैल को दुर्गा नवमी यानी राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा। कई लोग महाअष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं तो कई राम नवमी के दिन। बता दें ये दोनों ही दिन कन्या पूजन के लिए शुभ माने जाते हैं। कहते हैं नवरात्रि में कन्या पूजन करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यहां आप जानेंगे कन्या पूजन कैसे किया जाता है, इसकी विधि और मुहूर्त क्या है।

Kanya Pujan 2024 Date And Muhurat (चैत्र नवरात्रि 2024 कन्या पूजन मुहूर्त)

  • 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट तक महाअष्टमी तिथि रहेगी। इस दिन आप सुबह के समय कन्या पूजन कर सकते हैं।
  • 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी। इस दिन कन्या पूजन आप दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक कर सकते हैं।

कन्या पूजन सामग्री (Kanya Pujan Samagri)

  • कन्याओं का पैर धुलवाने के लिए साफ जल
  • पैर पोछने के लिए एक साफ कपड़ा
  • कन्याओं को तिलक करने के लिए रोली और अक्षत
  • कन्याओं के हाथ में बांधने के लिए कलावा
  • फूल
  • चुन्नी
  • फल और मिठाई
  • भोजन सामग्री
  • कन्याओं के बैठने के लिए आसन
कन्या पूजन कैसे करें (Kanya Puja Vidhi In Hindi)

  • अगर आप नवरात्रि की अष्टमी तिथि को कन्या पूजन कर रहे हैं तो सबसे पहले मां महागौरी की पूजा करें। इसके बाद ही कन्या पूजन की तैयारी करें।
  • अगर आप नवरात्रि की नवमी पर कन्या पूजन कर रहे हैं तो पहले मां सिद्धिदात्री की पूजा करें इसके बाद कन्या पूजन करें।
  • कन्या पूजन के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश और मां दुर्गा की विधि विधान पूजा करें।
  • फिर अपने घर में 2 से लेकर 10 वर्ष की कन्याओं को भोजन के लिए बुलाएं। ध्यान रखें कि कन्याओं के साथ एक बालक को भी बुलाना है।
  • नौ कन्याओं को जहां मां दुर्गा का नौ स्वरूप माना जाता है वहीं एक बालक को बटुक भैरव का स्वरूप मानकर पूजा जाता है। इसलिए कन्या पूजन में एक लड़के को जरूर बुलाते हैं।
  • कन्याओं को घर में बुलाकर उनका पैर स्वयं धोए और पोछें।
  • इसके बाद उन्हें लकड़ी के पटरी पर बिठाएं और फिर उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं। अगर लकड़ी की पटरी नहीं है तो आप उन्हें एक साफ कपड़े के ऊपर भी बिठा सकते हैं।
  • इसके बाद कन्याओं और बालक के हाथ में कलावा बांधें। ध्यान रहे कि कन्याओं के बाएं हाथ में तो बालक के दाएं हाथ में कलावा बांधना है।
  • इसके बाद आरती की थाली सजाएं और सभी कन्याओं की आरती उतारें।
  • इसके बाद कन्याओं को भोजन परोसें। इस दिन विशेष रूप से कन्याओं को पूड़ी, चना और हलवा खिलाया जाता है।
  • कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्हें यथाशक्ति के अनुसार कोई ना कोई उपहार दें।
  • जब कन्याएं घर से जाने लगे तो उनका पैर छूकर उनका आशीर्वाद जरूर प्राप्त करें।
कन्या पूजन महत्व (Kanya Pujan Mahatva)

कन्या पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं इससे मां अंबे की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही कन्या पूजन करने से ही नवरात्रि व्रत संपूर्ण माना जाता है।

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