Chandra Grahan 2022 Date, Timings in India: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण हुआ समाप्त
Chandra Grahan 2022 Date, Timings in India: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण हुआ समाप्त
Chandra Grahan 2022 Date and Time in India, Lunar Eclipse 2022 Date, Timings in India, Chandra Grahan kitne baje se kitne baje tak hai: साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण के बाद महज 15 दिनों के भीतर 08 नवंबर 2022 को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण लग रहा है। खगोल शास्त्र की मानें तो, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढ़क जाती है। जिसके परिणामस्वरूप आंशिक या पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है। बता दें इस बार 08 नवंबर को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) लगने जा रहा है। भारत के कुछ हिस्सों कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची और गुवाहटी में इसका असर अधिक देखने को मिलेगा। इसके अलावा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों में पूर्ण चद्र ग्रहण दिखाई देगा। ऐसे में सूतक काल मान्य होगा। ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल प्रभावी हो जाता है और ग्रहण काल की समाप्ति के बाद सूतक काल समाप्त होता है।
ज्योतिषशास्त्रों की मानें तो भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत 08 नवंबर, शाम 05 बजकर 32 मिनट पर होगी। वहीं इसकी समाप्ति शाम 06 बजकर 18 मिनट पर होगी। सूतक काल सुबह 9 बजकर 21 मिनट से प्रभावी हो जाएगा।
Chandra Grahan 2022 City Wise Time Live Update
ग्रहण काल में भोजन करना, पूजा-पाठ करना अशुभ माना जाता है। साथ ही इस दौरान यात्रा करने से बचें। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान बाहर निकलने व कुछ खाने पीने से बचना चाहिए। कहा जाता है कि, इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ग्रहण से संबंधित अधिक जानकारी के लिए हमारे इस ब्लॉग से जुड़े रहें, यहां हम आपको चंद्र ग्रहण का लाइव अपडेट देते रहेंगे।
यहां देख सकते हैं चंद्र ग्रहण लाइव Total Lunar Eclipse 2022 LIVE
वृषभ वालों के लिए शुभ नहीं है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण
वृषभ राशि के जातकों को धन संबंधी कार्य में सावधानी बरतनी अपेक्षित होगी क्योंकि अचानक से धन हानि होने के योग बन सकते हैं। शेयर मार्केट या लॉटरी आदि से संबंधित कामों में घाटा होने के योग बनेंगे। आप के खर्चे में आशातीत बढ़ोतरी होगी, जो आपको परेशान कर सकती है। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए अस्पताल का रुख भी करना पड़ सकता है।नोट कर लें चंद्र ग्रहण का टाइम
वर्ष 2022 में पड़ने वाला यह दूसरा चंद्रग्रहण एक पूर्ण चंद्रग्रहण है। यदि भारतीय समय के अनुसार नई दिल्ली के लिए समय बताया जाए तो वहां पर ग्रहण चंद्रोदय होते ही शुरू होता हुआ दिखाई देगा और शाम 5:32 से शुरू होकर शाम 6:18 तक रहेगा। इस प्रकार दिल्ली में ग्रहण की अवधि लगभग 45 मिनट 48 सेकेंड की रहेगी।नग्न आंखों से देख सकते हैं चंद्र ग्रहण
बता दें चंद्ग ग्रहण कुछ अवधि तक प्रदर्शित होता है। ध्यान रहे आप चंद्र ग्रहण नग्न आंखों से देख सकते हैं।तीन प्रकार का होता चंद्र ग्रहण
बता दें चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है। पहला आंशिक चंद्र ग्रहण, दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण और तीसरा उपछाया चंद्रग्रहण।शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित
एक बार आपको पुन: सूचित किया जाता है कि, सूतक काल सुबह से ही प्रभावी हो गया है। ऐसे में कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य ना करें। इस दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है।ग्रहण काल में करें यह कार्य
ध्यान रहे चंद्र ग्रहण लगने से कुछ देर पहले मंदिर के कपाट बंद कर दें। मान्यता है कि, ग्रहण काल में सभी देवी देवता संकट की स्थिति में होते हैं। साथ ही ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल से स्नान अवश्य करें।Chandra Grahan 2022 Date - चंद्र ग्रहण टाइम और सूतक काल का समय
चंद्र ग्रहण की शुरुआत - 05 बजकर 18 मिनट सेचंद्र ग्रहण की समाप्ति - 06 बजकर 12 मिनट परसूतक काल की समाप्ति - 06 बजकर 12 मिनट परलग गया पूर्ण चंद्र ग्रहण
बता दें यह साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। कई सालों बाद पूर्ण चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसके बाद यह स्थिति करीब 3 साल बाद यानी 2025 में दिखाई देगा। इसे ब्लड मून भी कहा जा रहा है।उपछाया चंद्र ग्रहण कैसे बनता है?
उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा के बाहरी हिस्से में ही पड़ती है। इससे चंद्रमा सिर्फ थोड़ा सा धुंधला सा हो जाता है। इसी को उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।L अक्षर से शुरू होने वाले नाम के लोगों को चंद्र ग्रहण से रहना होगा सतर्क
ज्योतिष की मानें तो इस ग्रहण का सबसे ज्यादा अशुभ प्रभाव इस अक्षर से शुरू होने वाले नाम के लोगों पर पड़ सकता है। इतना ही नहीं जिन देशों के नाम इन अक्षर से शुरू होते हैं उनके लिए भी ये ग्रहण परेशानी बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि जिन भी लोगों का नाम L अक्षर से शुरू होता है वो आने वाले 3 महीनों तक किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचकर रहें। अपने काम से काम रखें। आलस बिल्कुल भी न करें। किसी पर भी आंख बंद करके भरोसा न करें। खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना होगा।आज लाल रंग का दिखाई देगा चांद
8 नवंबर 2022 को लगने वाला चंद्र ग्रहण एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा क्योंकि पृथ्वी की छाया चंद्रमा के प्रकाश को पूर्ण रूप से ढक लेगी और कुछ समय के लिए चंद्रमा लाल रंग का नजर आएगा।चंद्र ग्रहण का समय Chandra Grahan Time
वर्ष 2022 में पड़ने वाला यह दूसरा चंद्रग्रहण एक पूर्ण चंद्रग्रहण है। यदि भारतीय समय के अनुसार नई दिल्ली के लिए समय बताया जाए तो वहां पर ग्रहण चंद्रोदय होते ही शुरू होता हुआ दिखाई देगा और शाम 5:32 से शुरू होकर शाम 6:18 तक रहेगा। चंद्र ग्रहण के लगभग 9 घंटे पूर्व से ही सूतक काल शुरू हो जाएगा। नई दिल्ली में इसके सूतक प्रातः काल 9:21 से शुरू होंगे और ग्रहण के समाप्त होने पर अर्थात 6:18 पर समाप्त हो जाएंगे।चंद्र ग्रहण में क्या करें (What To Do During Lunar Eclipse 2022)
- ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
चंद्रग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमःॐ चं चंद्रमस्यै नम:
ॐ ऐं क्लीं सौमाय नामाय नमः
श्री गणेशाय नम:
ऊं रामदूताय नम:
कृं कृष्णाय नम:
चंद्र ग्रहण के समय क्या करें
चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए चंद्रमा के किसी भी मंत्र का यथाशक्ति जाप करना चाहिए। भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप ग्रहण काल में करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। ग्रहण काल में दान पुण्य और जप करने का अत्यंत लाभ होता है। चंद्र ग्रहण के समय भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।चंद्र ग्रहण 2022 (Chandra Grahan 2022)
एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, उत्तरी पूर्वी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से, भारत में पूर्ण ग्रहण केवल पूर्वी भागों में दिखाई देगा जबकि आंशिक ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा।दक्षिणी पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका में ग्रहण दिखाई नहीं देगाचंद्र ग्रहण से पहले लग जाते हैं सूतक
विज्ञान के लिहाज से चंद्र या सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है, लेकिन धार्मिक लिहाज से ग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है और इस दौरान कुछ चीजों को करना पूरी तरह से निषेध है, तो कुछ चीजों को करना जरूरी माना गया है। ग्रहण के दौरान प्रभु का नाम जपना या भजन-कीर्तन करने के अनुमति है। सूतक लगते ही मंदिर बंद कर दिए जाते हैं और इस दौरान केवल प्रभु को याद करने को कहा गया है।देखने का तरीका
जहाँ चंद्रमा की छाया की लघुता के कारण सूर्यग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, वहीं चंद्रग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है। इसके अतिरिक्त चंद्रग्रहण को, सूर्यग्रहण के विपरीत, आँखों के लिए बिना किसी विशेष सुरक्षा के देखा जा सकता है, क्योंकि चंद्रग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चंद्र से भी कम होती है।कैसे होता है चंद्रग्रहण
चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है।चंद्रग्रहण का प्रकार एवं अवधि चंद्र आसंधियों के सापेक्ष चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चांद के इस रूप को 'ब्लड मून' भी कहा जाता है।चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद ये पहले काले और फिर धीरे-धीरे सुर्ख लाल रंग में तब्दील होता है।किसी सूर्यग्रहण के विपरीत, जो कि पृथ्वी के एक अपेक्षाकृत छोटे भाग से ही दिख पाता है, चंद्रग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है।ग्रहण काल के दौरान यात्रा करने से बचें
ग्रहण काल में भोजन करना, पूजा-पाठ करना अशुभ माना जाता है। साथ ही इस दौरान यात्रा करने से बचें। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान बाहर निकलने व कुछ खाने पीने से बचना चाहिए। कहा जाता है कि, इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिर के खोल दें कपाट
चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट खोल दें, सभी देवी-देवताओं को गंगाजल से स्नान करवाएं।मेष राशि वालों के लिए अशुभ है चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण मेष राशि वालों के लिए अशुभ है। ज्योतिष के जानकरों की मानें तो ग्रहण के अशुभ प्रभाव की वजह से इस राशि के लोगों को धन की हानि हो सकती है। इसके अलावा स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष के जानकारों की सलाह है कि इस दौरान कहीं निवेश करने से बचना चाहिए।Chandra Grahan 2022 - ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव
ग्रहण काल के दौरान गर्भवता महिलाओं को विशेष ध्यान रखना होगा। इस दौरान भूलकर भी बाहर ना निकलें। साथ ही नुकीली चीजों के प्रयोग से बचें, ऐसा करने से आप पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।धनु राशि वालों के लिए शुभ
धनु राशि वाले जातकों के लिए भी आज का दिन बेहद खास रहने वाला है। इस दौरान आपके अंदर धार्मिक उन्नति भी होगी जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। अचानक से धन की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आय प्राप्ति के नये मार्ग खुलेंगे।मिथुन राशि के जातकों के लिए शुभ
कुछ राशि के जातको के लिए चंद्र ग्रहण शुभ रहने वाला है। मिथुन राशि के जिन लोगों ने अभी नया बिजनेस शुरू किया है उनके लिए ग्रहण काफी शुभ दिखाई दे रहा है। स्वास्थ्य का लेकिन ध्यान रखना होगसूतक काल 9 घंटे पहले
चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से ठीक 9 घंटे पहले सूतक काल प्रभावी हो जाता है। ऐसे में सूतक काल 08 नवंबर 2022 को सुबह 9 बजकर 21 मिनट से प्रभावी हो जाएगा।Chandra Grahan - देव दिवाली
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चंद्र ग्रहण लगने के कारण लोग देव दीपावली की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। बता दें देव दिवाली का पावन पर्व कई स्थानों पर आज मनाया जा रहा है।Chandra Hrahan 2022 - तुलसी का पत्ता डालकर रख दें
सूतक काल से पहले तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें। चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद तुलसी का पत्ता तोड़ना अशुभ माना जाता है। तथा ग्रहण काल लगने से पहले सभी खाने पीने की सामाग्री में तुलसी का पत्ता डालकर रख दें। इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव खाने-पीने की चीजों पर नहीं पड़ता है।कब लगता है चंद्र ग्रहण
ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है। वैज्ञानिकीय दृष्टि के अनुसार जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है, तो इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं। साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को लगने जा रहा है।Chandra Grahan 2022 - देवतागण संकट में
धार्मिक ग्रंथों में ग्रहण का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि ग्रहण काल में सभी देवी देवतागण संकट की स्थिति में होते हैं। ऐसे में इस दौरान कोई भी शुभ व धार्मिक कार्य ना करें।शुभ व मांगलिक कार्यों पर पाबंदी
ग्रहण काल से 09 घंटे पहले सूतक काल प्रभावी हो जाता है। इस दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों पर पाबंदी होती है। ऐसे में भूलकर भी इस दौरान कोई शुभ व मांगलिक कार्य न करें।ध्यान दें
बता दें पूर्ण चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, उत्तरी पूर्वी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से में दिखाई देखा। वहीं भारत के पूर्वी भागों में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा9 घंटे पहले सूतक काल
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कुछ ही देर में लगने वाला है। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाएगा। ध्यान रहे सूतक काल के दौरान खाने-पीने व यात्रा करने पर पाबंदी होती है। इस दौरान व्यर्थ के कार्यों से बाहर ना निकलें।कितने दिनों तक रहता है चंद्र ग्रहण का प्रभाव?
ये देखा गया है कि ग्रहण का असर हर राशि पर पड़ता है लेकिन माना गया है कि गर्भवती स्त्री और उसके होने वाले बालक के लिए ग्रहण का प्रभाव 108 दिनों तक रहता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इसको लेकर बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।सूतक लगने से पहले करें ये काम
चंद्र ग्रहण का सूतक लगने से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दें।चंद्र ग्रहण 2022 डेट और समय
पूर्ण चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को शाम 5 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और इसकी समाप्ति शाम 6 बजकर 18 मिनट पर होगी। चंद्र ग्रहण का सूतक सुबह 9 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगा और इसकी समाप्ति चंद्र ग्रहण के साथ होगी।24 November 2024 Panchang: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के शुभ मुहूर्त, राहुकाल समेत पूरा पंचांग यहां देखें
इन चार राशि वालों के जीवन में तबाही मचा देगा शुक्र का मकर राशि में गोचर, चेक करें कहीं आपकी राशि तो इनमें नहीं
Shani Gochar 2025: शनि के मीन राशि में गोचर से क्यों घबरा रहे हैं ज्योतिष, क्या तृतीय विश्व युद्ध की है आहट
Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत 2025, जानें जनवरी से दिसंबर तक की डेट्स
Ekadashi 2025: एकादशी व्रत 2025, जानें जनवरी से दिसंबर तक की डेट्स
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited