Chandra Grahan 2023: क्यों लगता है चंद्र ग्रहण, जानिए इसके पीछे की क्या है धार्मिक कहानी

Chandra Grahan 2023: चंद्र ग्रहण लगना एक खगोलिय घटना है। ग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों रूपों में ही अपना अलग- अलग महत्व है। हालांकि शास्त्रों में ग्रहण लगने को एक नाकारात्मक प्रक्रिया मनाई जाती है। इस दौरान बहुत से काम को करने के लिए मना किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण क्यों लगता है और इसकी धार्मिक कथा के बारे में।

Chandr Grahan 2023

Chandr Grahan 2023

Chandra Grahan 2023: चंद्र ग्रहण का लगना एक खगोलिय घटना है, लेकिन इसका धार्मिक रूप से भी बहुत महत्व है। इस साल का आखिरी ग्रहण कल यानि 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इस बार ये ग्रहण पूर्णिमा के दिन लग रहा है। इस कारण इसका नजारा एक अद्भुत देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है। ऐसा केवल पूर्णिमा के दौरान होता है। जब चंद्रमा सूर्य से पृथ्वी की सबसे दूर बिंदू पर होता है। चंद्र ग्रहण काफी लंबे समय तर चलता है। इसका पूरा होने में काफी समय लगता है। आंशिक या पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच होती है और पृथ्वी की पूर्ण या आंशिक छाया चंद्रमा पर पड़ती है। आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण की धार्मिक कथा के बारे में।

चंद्र ग्रहण की धार्मिक कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत पीने को लेकर देवताओं और राक्षसों के बीच विवाद पैदा हो गया। उन्हें शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया। मोहिनी के स्वरूप पर सभी देवता और दानव मोहित हो गए, तब भगवान विष्णु ने देवताओं और दानवों को अलग-अलग बैठा दिया। लेकिन तभी राहु और केतु को भगवान विष्णु की इस चाल पर संदेह हो गया, इसलिए राहु और केतु स छिपकर देवताओं की पंक्ति में बैठ गए और अमृत पीने लगे। देवताओं की पंक्ति में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहु और केतु को ऐसा करते हुए देख लिया। उन्होंने इसकी जानकारी भगवान विष्णु को दी, जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन राहु ने अमृत पी लिया जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सिर का भाग राहु और शरीर केतु के नाम से जाना गया। इसी कारण से राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को ग्रस लेते हैं। इसलिए चंद्र ग्रहण की घटना होती है।

चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक कारण

वैज्ञानिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। एक समय ऐसा आता है जब पृथ्वी परिक्रमी करते हुए सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस समय चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती है। तब इस स्थिति में चंद्र ग्रहण लगता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

    TNN अध्यात्म डेस्क author

    अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें

    End of Article

    © 2024 Bennett, Coleman & Company Limited