Chaturmas 2024 Start Date: चातुर्मास क्या है, कब से शुरू हो रहा है, इस दौरान क्या करें और क्या ना करें
Chaturmas 2024 Start Date: चातुर्मास आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से शुरू होकर देवउठनी एकादशी तक रहता है। हिंदू मान्यताओं अनुसार इन चार महीनों की अवधि में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। इसलिए इस दौरान शादी-ब्याह जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। चलिए जानते हैं 2024 में चातुर्मास कब से शुरू हो रहा है और इसका महत्व क्या है।
Chaturmas 2024 Date
Chaturmas 2024 Start And End Date: चातुर्मास के चार महीनों में शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है क्योंकि इस दौरान भगवान विष्णु जागृत अवस्था में नहीं होते। यही वजह है कि इन चार महीनों में विवाह, मुंडन, वधु विदाई, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन ये समय जाप, ध्यान, पाठ और आत्म-चिंतन करने के लिए बेहद उत्तम होता है। इसके अलावा चातुर्मास में दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। चलिए जानते हैं चातुर्मास कब से कब तक रहेगा और इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए।
Weekly Horoscope 15 July To 21 July 2024
चातुर्मास 2024 (Chaturmas 2024 Start And End Date)
इस साल चातुर्मास 17 जुलाई 2024, बुधवार के दिन से शुरू होकर 12 नवंबर 2024, मंगलवार के दिन तक रहेगा। इस 118 दिन की अवधि में सभी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। बता दें चातुर्मास का प्रारंभ देवशयनी एकादशी से होता है और इसका समापन देवउथनी एकादशी से होता है।
चातुर्मास क्या होता है (Chaturmas Kya Hota Hai)
हिंदू धर्म में चातुर्मास चार महीने की वो अवधि होती है जब भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा के लिए चले जाते हैं और इस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथ में सौंप देते हैं। आसान शब्दों में समझें तो चातुर्मास की अवधि भगवान विष्णु के शयनकाल की होती है।
चातुर्मास का महत्व (Chaturmas Ka Mahatva)
चातुर्मास में भगवान विष्णु संसार का सारा कार्यभार भगवान शिव को देकर योग निद्रा में चले जाते हैं। यही वजह है कि चातुर्मास में आने वाले श्रावण महीने में भगवान शिव की पूजा होती है। कहते हैं जो भक्त इस महीने सच्चे मन से पूजा-पाठ करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
चातुर्मास के नियम- क्या करें और क्या ना करें (Chaturmas Ke Niyam - Kya Kare Aur Kya Na Kare)
चातुर्मास के दौरान सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। इन चार महीनों में सात्विक भोजन करना चाहिए। इस अवधि में ज्यादा से ज्यादा दान करना चाहिए। इस दौरान दही, अचार, हरी सब्जियां और मूली खाने से बचना चाहिए। चातुर्मास में सगाई, मुंडन, नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश और शादी आदि शुभ कार्य नहीं करवाना चाहिए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
19 January 2025 Panchang (19 जनवरी 2025 आज का पंचांग): कल इतने बजे रहेगा राहुकाल, पंचांग के जानें दिशा शूल, शुभ मुहूर्त, तिथि और रविवार के उपाय
Havan Ahuti Mantra 108: हवन आहुति मंत्र 108 और हवन करने की विधि यहां देखें, जिससे पंडित जी न मिलें तो आप खुद भी कर सकते हैं हवन
Kaal Sarp Dosh Upay: मौनी अमावस्या पर कर लें ये 3 खास उपाय, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति तो घर में आएगी सुख और समृद्धि
18 January 2025 Panchang (18 जनवरी 2025 आज का पंचांग): पंचांग से जानिए शनिवार को कब है पूजा का शुभ मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
Moon Rise Time, 17 January 2025: पंचांग से जानिए सकट चौथ का चांद कितने बजे दिखाई देगा
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited