Aaj Chand Kab Niklega 2024: आज चांद कितने बजे निकलेगा, जानिए गणेश चतुर्थी और चौरचन पूजा का चांद उगने का समय
Aaj Chand Kab Niklega 2024: आज गणेश चतुर्थी पर्व और चौरचन पूजा पर्व मनाया जा रहा है। यहां आप जानेंगे आज चांद कितने बजे निकलेगा और गणेश चतुर्थी का चांद कब नहीं देखना चाहिए।
Aaj Chand Kab Niklega 2024: आज चांद कितने बजे निकलेगा, जानिए गणेश चतुर्थी और चौरचन पूजा का चांद उगने का समय
Aaj Chand Kab Niklega 2024: चौरचन पूजा का पर्व मुख्य रूप से बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में मनाया जाता है तो वहीं गणेश चतुर्ती का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। चौरचन पूजा के दिन महिलाएं व्रत रखकर विधि विधान चंद्र देव की पूजा करती हैं। तो वहीं गणेश चतुर्थी के दिन घर पर गणपति बप्पा की प्रतिमा की स्थापना की जाती है। जहां गणेश चौथ का चांद देखना अशुभ होता है वहीं मिथिला में आज चांद की विधि विधान पूजा की जाती है। इस दिन चंद्र देव को भोग लगाने के लिए तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। पूरे दिन उपवास रखने के बाद रात में चंद्र देव की पूजा करके उन्हें प्रसाद अर्पित किया जाता है। इसके बाद व्रती अपना व्रत खोलते हैं। चलिए जानते हैं चौरचन या चौथ चंद्रा 2024 का चांद कब दिखेगा (Chauth Chandra 2024 Chand Time)।
चांद कब दिखेगा 2024 (Chand Dikhne Ka Time 2024)
चौरचन पर्व के दिन चांद शाम 7 बजे के आस-पास दिखना शुरू हो जाएगा।
Today Moonrise Time: चांद निकलने का समय
आज नई दिल्ली में चांद 7 बजकर 30 मिनट पर दिखेगा।आज चांद कब उगेगा
7 सितंबर को चांद 7 बजे से दिखाई देने लगेगा।Today Moonrise Time 2024 In Bihar: बिहार में चांद कब दिखेगा
गोरखपुर में चांद शाम 7 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 53 बजे तक दिखेगा।चौरचन व्रत की कथा (Chaurchan Vrat Katha)
कहते हैं एक बार चंद्रदेव को अपनी सुंदरता पर बड़ा अभिमान हो गया था। जिसके चलते उन्होंने भगवान गणेश का मजाक उड़ा दिया। तब भगवान गणेश ने उन्हें श्राप दिया जिसकी वजह से उनकी सुंदरता चली गई। तब चंद्रदेव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान गणेश को मनाने के लिए भाद्रपद मास की चतुर्थी को गणेश जी की पूजा की। जिसके बाद भगवान गणेश ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि जो भी गणेश चतुर्थी को चंद्रदेव का दर्शन कर उनकी पूजा करेगा। उनका जीवन निष्कलंक रहेगा। कहते हैं तभी से चौरचन पूजा पर्व मनाया जाने लगा।Today Moonrise Time 2024 In Delhi: दिल्ली में चांद कब दिखेगा
दिल्ली में चांद शाम 7 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 53 बजे तक दिखेगा।Today Moonrise Time 2024 In Patna : पटना में चांद कब दिखेगा
पटना में चांद शाम 7 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 53 बजे तक दिखेगा।Today Moonrise Time 2024 In Bihar: बिहार में चांद कब दिखेगा
गोरखपुर में चांद शाम 7 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 53 बजे तक दिखेगा।मिथिला चौरचन पूजा 2024 तिथि व मुहूर्त (Mithila Chaurchan Puja 2024 Date And Time)
इस साल चौरचन पूजा पर्व 6 सितंबर 2024 को शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है। इस दिन चांद की पूजा की जाती है। चौरचन पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।चौरचन पूजा के दिन चांद पूजा का समय (Chaurchan Puja Par Chand Nikalne Ka Samay)
चौरचन पूजा के दिन चांद पूजा का समय शाम 7 बजकर 50 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।Chaurchan Vrat 2024 Katha In Hindi (चौरचन व्रत कथा हिंदी में)
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान गणेश अपने वाहन मूषक के साथ पूरे कैलाश का भ्रमण कर रहे थे। उसी समय अचानक वहां पर चंद्र देवता के हंसने की आवाज सुनाई दी। जब भगवान गणेश ने उनसे उनके हंसने की वजह पूछी तो चंद्रदेव ने कहा कि उनको भगवान गणेश की ये विचित्र रूप देखकर हंसी आ गई। इसके साथ ही वो वहां पर भगवान गणेश से अपने रूप की प्रशंसा करने लगे।चंद्र देवता के इस मजाक उड़ाने की प्रवृति को देखकर भगवान गणेश को बहुत ही क्रोध आ गया। उसी क्षण भगवान गणेश ने चंद्र देवता को श्राप दे दिया कि जिस रूप पर तुमको इतना अभिमान है, वो रूप आज के कंलकित और कुरूप हो जाएगा। जो कोई भी इस दिन चंद्र देवता दर्शन करेगा। उसके झूठे कलंक का सामना करना पड़ेगा।
इस बात को सुनकर चंद्रदेन तुरंत ही भगवान गणेश से क्षमा याचना करने लगे। उन्होंने गणपति जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि- विधान के साथ भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश जी की पूजा की। चंद्र देव को पश्चाताप करते हुए देखकर गणेश जी उनसे प्रसन्न हुए और उनको उनकी भूल के लिए क्षमा कर दिया, लेकिन वो अपना श्राप तो नहीं वापस ले सकते थे। इसका कारण उन्होंने कहा कि जो भी कोई इस चतुर्थी तिथि पर चंद्रमा की विधि- विधान से पूजा करेगा तो उस पर कलंकित चंद्रमा का असर कम होगा। यदि किसी को झूठे कलंक से बचना है तो उसको भादव मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन चंद्रमा का पूजन करना होगा। इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन पर लगने वाला कलंक निष्कलंक हो जाएगा। इसी दिन के बाद से चौरचन व्रत करने की परंपरा शुरू हो गई। चौरचन के चंद्र देव की पूजा की जाती है और हाथों में फल या मिठाई लेकर चंद्रमा के दर्शन किये जाते हैं।
चौरचन पूजा क्यों की जाती है (Chaurchan Puja Ki Kahani In Hindi)
चौरचन पूजा की कथा अनुसार जब हेमांगद ठाकुर मिथिला आये तो रानी हेमलता ने कहा कि मिथिला का चांद आज कलंकमुक्त हो गया है, इसलिए हम उनका दर्शन और पूजन करेंगे। इस तरह से रानी हेमलता के पूजन की बात जन जन तक पहुंची। जिसके बाद मिथिला के बाकी लोगों ने भी चंद्र पूजा की इच्छा व्यक्त की। इसके बाद मिथिला के पंडितों से विचार विमर्श के बाद राजा हेमांगद ठाकुर ने इसे लोकपर्व का दर्जा दे दिया। फिर मिथिला के लोगों ने चांद के कलंकमुक्ति की कामना को लेकर चतुर्थी चन्द्र की पूजा शुरू कर दी। कहते हैं तभी से लेकर आज तक हर साल मिथिला के के लोग शाम को अपने घर के आंगन या छत पर चिकनी मिट्टी से या फिर गाय के गोबर से नीप कर पीठार से अरिपन देते हैं। जिसके बाद पूरी-पकवान, फल, मिठाई, दही आदि चीजों को अरिपन पर सजाया जाता है और फिर इसे हाथ में उठाकर चंद्रमा का दर्शन कर उन्हें भोग अर्पित किया जाता है।चौरचन पूजा मंत्र (Chaurchan Puja Mantra)
चौरचन पूजा में चांद की पूजा करते समय 'रोहिणीक्षत्र भाद्रशुक्ल चतुर्थी चंद्रायनमः' मंत्र पढ़ा जाता है।Today Moonrise Time 2024 In Bihar: बिहार में चांद कब दिखेगा
गोरखपुर में चांद शाम 7 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 53 बजे तक दिखेगा।चौरचन पूजा विधि इन हिंदी (Chaurchan Puja Vidhi In Hindi)
चौरचन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें।ये व्रत सुबह से शाम तक रखा जाता है।
शाम के समय घर के आंगन को गाय के गोबर से लीपकर अच्छे से साफ-सुथरा कर लें।
इसके बाद घर के आंगन में पीसे हुए चावल से रंगोली बनाएं।
फिर केले के पत्ते की मदद से एक गोलाकार चांद बना लें।
इसके बाद तरह-तरह के मीठे पकवान जैसे खीर, मिठाई, गुझिया और फल आदि भोग के रूप में चढ़ाने के लिए तैयार कर लें।
फिर चंद्रमा की विधि विधान पूजा करें।
चौरचन पूजा में दही का जरूर इस्तेमाल किया जाता है।
इस दिन मिट्टी के बर्तन में दही जरूर जमाया जाता है।
साथ ही बांस के बर्तन में खीर तैयार की जाती है। इसी खीर का चंद्र देव को भोग लगाया जाता है।
6 सितंबर 2024 चांद निकलने का समय (6 September 2024 Moonrise Time)
इस दिन चांद का उदय सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर हो जाएगा। शाम होते-होते ही चांद दिखने लगेगा। वहीं चंद्रमा का अस्त रात 8 बजकर 16 मिनट पर होगा।मिथिला चौरचन पूजा 2024 तिथि व मुहूर्त (Mithila Chaurchan Puja 2024 Date And Time)
इस साल चौरचन पूजा पर्व 6 सितंबर 2024 को शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है। इस दिन चांद की पूजा की जाती है। चौरचन पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।चौरचन पूजा आरती
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी ।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा ।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी ।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी ।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे ।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी ।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें ।
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
चौरचन पूजा क्यों की जाती है (Chaurchan Puja Ki Kahani In Hindi)
चौरचन पूजा की कथा अनुसार जब हेमांगद ठाकुर मिथिला आये तो रानी हेमलता ने कहा कि मिथिला का चांद आज कलंकमुक्त हो गया है, इसलिए हम उनका दर्शन और पूजन करेंगे। इस तरह से रानी हेमलता के पूजन की बात जन जन तक पहुंची। जिसके बाद मिथिला के बाकी लोगों ने भी चंद्र पूजा की इच्छा व्यक्त की। इसके बाद मिथिला के पंडितों से विचार विमर्श के बाद राजा हेमांगद ठाकुर ने इसे लोकपर्व का दर्जा दे दिया। फिर मिथिला के लोगों ने चांद के कलंकमुक्ति की कामना को लेकर चतुर्थी चन्द्र की पूजा शुरू कर दी। कहते हैं तभी से लेकर आज तक हर साल मिथिला के के लोग शाम को अपने घर के आंगन या छत पर चिकनी मिट्टी से या फिर गाय के गोबर से नीप कर पीठार से अरिपन देते हैं। जिसके बाद पूरी-पकवान, फल, मिठाई, दही आदि चीजों को अरिपन पर सजाया जाता है और फिर इसे हाथ में उठाकर चंद्रमा का दर्शन कर उन्हें भोग अर्पित किया जाता है।Today Moonrise Time 2024 In Bihar: बिहार में चांद कब दिखेगा
गोरखपुर में चांद शाम 7 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 53 बजे तक दिखेगा।Today Moonrise Time In Noida: नोएडा में चांद निकलने का समय
नोएडा में चांद 7 बजे निकलेगा तो शाम 7 बजकर 50 मिनट तक दिखाई देगा।चौरचन पूजा के दिन चांद पूजा का समय (Chaurchan Puja Par Chand Nikalne Ka Samay)
चौरचन पूजा के दिन चांद पूजा का समय शाम 7 बजकर 50 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।चौरचन पूजा मंत्र (Chaurchan Puja Mantra)
चौरचन पूजा में चांद की पूजा करते समय 'रोहिणीक्षत्र भाद्रशुक्ल चतुर्थी चंद्रायनमः' मंत्र पढ़ा जाता है।Gorakhpur Moonrise Time Today: गोरखपुर में चांद कब दिखेगा
गोरखपुर में चांद शाम 7 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 53 बजे तक दिखेगा।Muzaffarpur Moonrise Time Today: मुज़फ़्फ़रपुर में चांद दिखने का समय
मुज़फ़्फ़रपुर में चांद शाम 6 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 45 मिनट तक दिखाई देगा।Darbhanga Moonrise Time Today 2024: दरभंगा में चौरचन का चांद कब दिखेगा
आज दरभंगा में चौरचन का चांद शाम 7 बजे से दिखना शुरू होगा और 7 बजकर 43 मिनट तक दिखाई देगा।Bhagalpur Moonrise Time Today 2024: भागलपुर में चांद कब दिखेगा
भागलपुर में चांद दिखने का समय शाम 7 बजे से लेकर 7 बजकर 39 मिनट तक का है।Chaurchan Puja 2024 Chand Time In Ranchi: रांची में चांद कब दिखेगा
चौरचन पूजा का चांद रांची में शाम 7 बजे दिखेगा और 7 बजकर 48 मिनट पर चंद्रास्त हो जाएगा।Aaj Ka Panchang 16 December 2024: पंचांग से जानिए पौष मास की प्रतिपदा के दिन पूजा का मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
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