Chhath Mata Aarti: छठी मैया की आरती हिंदी में यहां देखें

Chhath Mata Ki Aarti: छठ पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इस पर्व में मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है। ये पूजा बिना छठी मैया के आरती (Chhathi Maiya Aarti) के अधूरी मानी जाती है।

chatth maiya aarti

छठ मैया की आरती

Chhathi Mata Ki Aarti: छठ पूजा जिसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। इस पर्व में सूर्य देव और छठ मैया की उपासना की जाती है। इसके अलावा छठ पूजा के दिन सूर्य को अर्घ्य देने का भी विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार छठ पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को की जाती है और ये चार दिवसीय उत्सव होता है। छठ पर्व के अलग-अलग चारों दिन अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान और रीति-रिवाज किये जाते हैं। छठ पूजा के अवसर पर महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए 36 घंटे का कठोर निर्जला उपवास करती हैं।

छठ मैया की आरती (Chhath Maiya Ki Aarti)

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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