Chhath Aarti Lyrics In Hindi: बिना आरती के पूजा नहीं होगी संपूर्ण, करें छठी मइया की आरती

Chhath Mata Ki Aarti, chhath Puja Aarti Lyrics: स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार बिना आरती व कथा के छठी मइया की पूजा संपूर्ण नहीं मानी जाती है। ऐसे में भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद छठी मइया की आरती करना ना भूलें। इससे आपकी पूजा अधिक फलदायी होती है। यहां हम आपके लिए छठी मइया की पूरी आरती लेकर आए हैं।

Chhatth Puja

Chhath Mata Aarti: छठ माता की आरती

Chhath Mata Ki Aarti, chhath Puja Aarti Lyrics: आज छठ पूजा का चौथा दिन है। सुबह के साथ ही छठ घाट छठी मइया के लोकगीतों से गूंज उठा है, चारो तरफ भक्तिमय माहौल है। पटना से लेकर दिल्ली तक पूरा देश छठ की छटा में सराबोर है। छठ पूजा का त्योहार हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी से लेकर कार्तिक मास की सप्तमी तक मनाया जाता है। इस त्योहार में व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन छठी मइया की विधिवत पूजा अर्चना करने व सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा संतान के जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का (Chhathi Maiya Aarti) अंत होता है। वहीं संतान प्राप्ति के लिए भी इस पर्व को बेहद खास माना जाता है।

आज छठ का चौथा दिन, बीते शाम को संध्या अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाएं परिवार वालों के साथ छठ घाट पर एकत्रित हो गई हैं। हर तरफ छठी मइया के लोकगीत भक्तिमय माहौल बनाए हुए हैं। स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार बिना आरती व कथा के छठी मइया के पूजा की संपूर्ण नहीं मानी जाती है। ऐसे में भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद छठी मइया की आरती (Chhath Geet) करना ना भूलें। इससे आपकी पूजा अधिक फलदायी होती है। यहां हम आपके लिए छठी मइया की पूरी आरती लेकर आए हैं।

सुबह अर्घ्य का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार छठ पूजा का पावन पर्व नहाय-खाय के साथ 28 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का आज चौथा दिन है। इस दिन भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद छठी मइया की आरती व कथा का पाठ किया जाता है। बता दें आज सुबह अर्घ्य का शुभ समय 06 बजकर 32 मिनट है।

छठ मइया की आरती, Chhath Mata Ki Aarti जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…

छठी मइया की आरती व कथा का पाठ करने के बाद पूजा संपूर्ण मानी जाती है। ध्यान रहे सूर्य को अर्घ्य देते समय जल का छीटा आपके पैर पर नहीं पड़ना चाहिए, इसे अशुभ माना जाता है।

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आदित्य सिंह author

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और शिक्षा से जुड़े मुद्दों में विशेष रुचि। साथ ही हेल्...और देखें

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