Chhath Puja Vidhi, Arghya Time 2022: छठ पूजा सामग्री और पूजा विधि स्टेप बाय स्टेप यहां देखें

Chhath Puja 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri: छठ पर्व का तीसरा दिन सबसे खास होता है। इसी दिन 36 घंटों का निर्जला व्रत रखा जाता है। इस दिन डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है।

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Chhath Puja Vidhi, Muhurat: छठ पूजा विधि और मुहूर्त

Chhath Puja 2022 Samagri, Puja Vidhi, Muhurat: छठ महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो चुकी है। ये त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है लेकिन इसका तीसरा दिन सबसे खास माना जाता है। ये दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पड़ता है। इस बार ये तिथि 30 अक्टूबर दिन रविवार को पड़ रही है। इस तिथि को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रती 36 घंटों का निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। जानिए छठ पूजा की सामग्री लिस्ट और पूजा विधि सबकुछ यहां।

छठ पूजा 2022 संध्या अर्घ्य मुहूर्त (Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Muhurat)

छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। 30 अक्टूबर को सूर्य को अर्घ्य देने का समय शाम 5 बजकर 38 मिनट का है। बेहतर होगा इससे पहले ही आप घाट पहुच जाएं।

छठ पूजा सामग्री (Chhath Puja Samagri)

बांस की लकड़ी के सूप, कपूर, जोतबत्ती, अगरबत्ती, धूपबत्ती, दक्षिणा, पूजा थाली, गिलास, माचिस, दूध, जल, चावल, चंदन, दीपक, घी, सिंदूर, कुमकुम, चावल, पान, सुपारी, अनाज, सफेद फूल, नारियल, हल्दी, सुथनी, व्रत कथा की किताब और फलों में मीठा नींबू, शरीफा, केला, खजूर, नाशपाती, पकवानों में ठेकुआ, मालपुआ, मिठाई, सूजी का हलवा, पूड़ी और लड्डू आदि।

छठ पूजा विधि (Chhath Puja Vidhi)

  • षष्ठी के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेते समय इस मंत्र का उच्चारण करें- 'ऊं अद्य अमुकगोत्रोअमुकनामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वकशरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।'
  • फिर पूरा दिन निराहार और निर्जल रहकर नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
सूर्य देव को अर्घ्य देने की विधि:
  • बांस की तीन बड़ी टोकरी या पीतल के तीन खाली सूप, थाली, दूध और गिलास ले लें। फिर इनमें चावल, लाल सिंदूर, दीपक, नारियल, हल्दी, गन्ना, सुथनी, सब्जी और शकरकंदी रखें।
  • इसमें नाशपाती, बड़ा नींबू, कैराव, शहद, पान, साबुत, सुपारी, कपूर, चंदन, और मिठाई भी रखें।
  • प्रसाद के रूप में ठेकुआ, मालपुआ, सूजी का हलवा, खीर, पूरी, चावल से बने लड्डू रखें।
  • इन सामग्रियों को टोकरी में रख लें। सूर्य को अर्घ्य देते समय ये सारा प्रसाद सूप में रखें और सूप के अंदर ही दीपक भी जला लें। इसके बाद नदी में उतर कर सूर्य देवता को अर्घ्य दें।
  • फिर सूप को दोनों हाथों में लेकर इस मन्त्र 'ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥' का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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