Chhath Puja 2022: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पूजा संपन्न, छठी मइया के जयाकारों से गूंजा यूपी, बिहार
Chhath Puja 2022: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पूजा संपन्न, छठी मइया के जयाकारों से गूंजा यूपी, बिहार
Chhath Puja 2022 Live Update: छठ हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव और छठी माता की उपासना की जाती है। मान्यताओं अनुसार छठ व्रत बच्चों की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है। ये सबसे कठोर व्रत माना जाता है। इस दौरान महिलाएं पूरे 36 घंटों तक अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करती हैं। प्रमुख रूप से ये पर्व पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार और झारखंड में मनाया जाता है। इस व्रत में सारे नियमों का पालन किया जाता है। विधि विधान छठी मैया और सूर्य देव की पूजा होती है। इस व्रत में सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है।
Chhath Puja 2022 Surya Arghya Time City Wise
सूर्य को अर्घ्य देने का समय यहां चेक करें - 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय प्रात: 06 बजकर 32 मिनट पर
छठ पूजा विधि: संध्या अर्घय के अगले दिन सुबह-सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य देते समय प्रसाद पथिया और सूप में रखा जाता है और सूप के अंदर एक दीप प्रज्वलित किया जाता है। इसके बाद नदी में उतर कर सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाता है।
छठ पूजा विधि संपूर्ण
छठ पूजा से जुड़ी हर एक अपडेट जानने के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर...
व्रत का पारण
नहाय-खाय के साथ चलने वाला महापर्व छठ का समापन हो गया है। व्रती महिलाएं अब छठ का प्रसाद खाकर पारण कर सकती हैं। बता दें छठ के बाद भी कुछ दिनों तक सात्विक भोजन ही ग्रहण किया जाता है।Chhath Puja 2022
छठ पूजा का पावन पर्व संपन्न हो चुका है। लोग एक अपने मित्रों, करीबियों व सगे संबंधियों के यहां छठ पूजा का प्रसाद वितरित कर रहे हैं।ओडिशा के कुआखाई घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़
Chhath Puja 2022 - छठ हुआ संपन्न
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा संपन्न हो चुकी है। लगातार 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखने के बाद व्रती महिलाएं छठ माता का प्रसाद खाकर व्रत का पारण करने के लिए तैयार हैं।Chhath Puja 2022 - श्रद्धालुओं की लगी भीड़
पटना, बिहार, गोरखपुर से लेकर दिल्ली तक छठ की छटा में पूरा देश सराबोर हो चुका है। हर तरफ नदी, तलाब, जलाशय व मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई है।आज छठ का चौथा दिन
आज छठ का चौथा दिन है। उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व की समाप्ति होगी। पटना से लेकर दिल्ली तक पूरा देश छठ की छटा में सराबोर है। हर तरफ छठी मइया के लोकगीत से भक्तिमय माहौल बना हुआ है।Chhath Puja 2022 - छठी मइया की भक्ति में सराबोर हुआ पूरा देश
छठ की छटा में पूरा देश सराबोर हो चुका है। पटना से लेकर दिल्ली तक छठ की धूम देखने को मिल रही है। मान्यता है कि, छठ पूजा के दिन विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना कर सूर्यदेव को अर्घ्य देने से माता का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता है।Chhath Puja 2022 - पूरे देश में भक्तिमय माहौल
छठ पूजा के अवसर पर पूरा देश छठी मइया की भक्ति में सराबोर हो गया है। पूरे देश में भक्तिमय माहौल हो गया है। इस दिन विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने से सबी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।Chhath Puja 2022 - छठी मइया की पूजा
बता दें शाम को अर्घ्य देने के बाद, वृती महिलाएं पूरी रात छठी मइया का भजन करती हैं। अगली सुबह प्रात: उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है।Chhath Puja - पूरे देश में छट की धूम
कोरोना वायरस के भयावह प्रकोप के बाद करीब दो साल बाद, इस बार छठ पूजा की धूम देखने को मिला है। पटना, गोरखपुर और वाराणसी से लेकर पूरे देश में छठ का धूम देखने को मिल रहा है।सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस कथा का करें पाठ
पौराणिक मान्यता के अनुसार राजा प्रियव्रत और उनकी पत्नी मालिनी संतान सुख से वंचित थे। इस बात से राजा-रानी काफी दुखी रहते थे। एक दिन उन्होंने संतान प्राप्ति के लिए महर्षि कश्यप से पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। महर्षि ने यज्ञ संपन्न करने के बाद मालिनी को खीर दी। खीर का सेवन करने के बाद मालिनी गर्भवती हो गई और 9 महीने बाद उसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई लेकिन दुर्भाग्य से उसका पुत्र मृत पैदा हुआ। ये देखकर राजा-रानी बहुत दुखी हो गए और निराशा की वजह से राजा ने आत्महत्या करने का मन बना लिया।परंतु जैसे ही राजा आत्महत्या करने लगे तो उनके सामने भगवान की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुईं और उन्होने कहा कि मैं षष्ठी देवी हूं और मैं लोगों को पुत्र सुख प्रदान करती हूं। जो व्यक्ति सच्चे मन से मेरी पूजा करता है उसकी मैं सभी मनोकामना पूर्ण करती हूं। यदि राजन तुम मेरी विधि विधान से पूजा करोगे तो मैं तुम्हें पुत्र रत्न प्राप्ति का वरदान दूंगी। देवी के कहे अनुसार राजा प्रियव्रत ने कार्तिक शुक्ल की षष्ठी तिथि को देवी षष्ठी की पूजा की। इस पूजा के फलस्वरूप रानी मालिनी एक बार फिर से गर्भवती हुई और ठीक 9 महीने बाद उन्हें एक संदुर पुत्र की प्राप्ति हुई।सुबह दिया जाता है अर्घ्य
महापर्व छठ का आखिरी दिन उषा अर्घ्य के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं। बता दें सुबह अर्घ्य के बाद छठ का समापन होता है।Chhath Puja - छठ का है विशेष महत्व
प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने व सूर्यदेव को अर्घ्य देने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।भक्तिमय माहौल में सराबोर..
पटना से लेकर दिल्ली तक पूरा देश छठ की छटा में सराबोर हो चुका है। हर तरफ भक्तिमय माहौल बना हुआ है। संध्या अर्घ्य के बाद, लोग अपने घरों में छठी मइया की पूजा कर रहे हैं। बता दें सुबह अर्घ्य के बाद छठ पूजा का समापन होगा।गोरखपुर और लखनऊ में छठ की धूम
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और लखनऊ में छठ के पर्व की एक अलग ही धूम देखने को मिली। छठ पूजा के अवसर पर लखनऊ के गोमती घाट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुंचेChhath Puja 2022 - यमुना घाट पर लगा श्रद्धालुओं का तांता
Chhath Puja 2022 - दीघा घाट पर पहुंचकर तेजस्वी यादव ने दिया सूर्य को अर्घ्य
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने छठ के अवसर पर दीघा घाट पहुंचकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। उन्होंने कहा सभी देशवासियों को छठ की शुभकामनाएं। 2 साल कोविड के कारण लोग बड़े पैमाने पर छठ मना नहीं पाए थे। इस बार लोग बड़ी संख्या में छठ के लिए आए हैं।Chhath Puja 2022 - भगवान सूर्य को लगाएं भोग
मिठाईयांखाजाभगवान सूर्य को इन मिठाइयों का लगाएं भोगगुड़दूध से बनी मिठाइयांलड्डूChhath Puja - संतान प्राप्ति के लिए खास
बता दें रामायणकाल व महाभारत काल में भी छठ पूजा का वर्णन मिलता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत छठी मइया की पूजा करने व सूर्यदेव को अर्घ्य देने से संतान की प्राप्ति होती है व संतान के जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है।Chhath Puja 2022 - संध्या अर्घ्य का समय
चार दिनों तक चलने वाला छठ के महापर्व का आज तीसरा दिन है। संध्या अर्घ्य का समय हो गया है। चारों तरफ छठी मइया के गीत सुनाई दे रहे हैं। छठ के प्रसाद की खुशबू चारो ओर फैल चुकी है। बता दें छठ का समापन कल यानी 31 अक्टूबर को सूर्योदय के साथ होगा।Chhath Puja Arghya Samay - संध्या अर्घ्य का महत्व
नहाय खाय के साथ शुरू होने वाला महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन यानी आज शान को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद अगले दिन भोर में सूर्योदन के समय भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद अर्घ्य दिया जाता है।Chhath Puja Sandhya Arghya Time - जानें उषा अर्घ्य का समय
संध्या अर्घ्य का समय - 30 अक्टूबर 2022, शाम 05 बजकर 38 मिनट परउषा काल अर्घ्य का समय - 31 अक्टूबर 2022 प्रात: 06 बजकर 32 मिनट परChhath Puja 2022 - सुबह का अर्घ्य
संध्या अर्घ्य के बाद छठ घाट पर छठी मइया का गीत होता है। इसके बाद सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस पर्व का समापन होता हैChhath Puja 2022 - सबसे कठोर व्रत
सभी व्रतों में छठ का व्रत सबसे कठोर माना जाता है। इस दौरान महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं। साथ ही संध्या अर्घ्य के बाद छठी मइया का गीत होता है और सुबह सूर्योदय के बाद अर्घ्य देकर व्रत का समापन होता है।Chhath Puja 2022 - संतान प्राप्ति के लिए विशेष महत्व
प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि, इस दिन विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा संतान के जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। वहीं संतान प्राप्ति के लिए भी इस पर्व का विशेष महत्व है।गाय का दूध होता है शुभ
छठ पूजा के दिन विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने व व्रत कथा का पाठ कर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। बता दें अर्घ्य देने के लिए गाय का दूध शुभ माना जाता है। अर्घ्य देने के बाद सभी सामाग्रियों से सूर्यदेव को भोग लगाएं।सूर्य को अर्घ्य देते समय कैसे पकड़ें जल का पात्र
सूर्य देव को अर्घ्य देते समय जल के पात्र को हमेशा दोनों हाथों से पकड़ें और हाथों को सिर के ऊपर सीधा रखें। अर्घ्य देते समय पात्र में अक्षत और लाल रंग का फूल रखना ना भूलें।छठ पूजा मुहूर्त 2022 Chhath Puja Surya Arghya Time
लखनऊ- शाम 05 बजकर 25 मिनट परजयपुर- शाम 05 बजकर 46 मिनट पर
भोपाल- शाम 05 बजकर 43 मिनट पर
रायपुर- शाम 05 बजकर 29 मिनट पर
देहरादून- शाम 05 बजकर 32 मिनट पर
सूर्य को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का करें जाप
भगवान सूर्य को अर्घ्य देते समय सिर्फ औपचारिकता पूरी न करें, बल्कि पूरे मंत्रोच्चारण के साथ अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय इस मंत्र का स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यम् रूपं हि मण्डलमृचोथ तनुर्यजूंषि।सामानि यस्य किरणा: प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्।। मंत्र का जाप करें।छठी मैया की प्राचीन आरती (Chhathi Maiya Aarti)
जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।
सूर्य को अर्घ्य देने की विधि Surya Arghya Chhath Puja 2022
शाम के समय सभी परिवार के सदस्य नदी तट पर जाते है। वहां जाते समय परिवार की महिलायें मैया के गीतों को गातीं हैं। महिलाओं के साथ परिवार के पुरुष चलते हैं जो कि अपने साथ बेहेंगी यानी की एक बांस की टोकरी को साथ लिए चलते हैं। इसके बाद नदी के किनारे छठ माता का चौरा बनाकर दीप प्रज्वलित किया जाता है और डूबते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा की जाती है।छठ पूजा की सामग्री (Chhath puja ki samagri)
- चावल
- सिंदूर
- धुपबत्ती
- कुमकुम
- कपूर
- मिट्टी के दीए
- तेल और बाती
- नारियल
- कलावा
- सुपारी
- फूल और माला
छठ पूजा की मिठाईयां
खाजागुजिया
गुड़
दूध से बनी मिठाइयां
लड्डू
छठ पूजा की सामग्री (Chhath puja ki samagri):
चंदनधुपबत्ती
चावल
सिंदूर
कुमकुम
नारियल
कलावा
कपूर
मिट्टी के दीए
तेल और बाती
सुपारी
फूल और माला
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