Chhath Puja Evening Arag Time 2022: सप्तमी तिथि पर बन रहा है महासंयोग, करें सूर्य देव की पूजा, चमकेगी किस्मत
Chhath Puja Evening Arag Time 2022: सप्तमी तिथि पर बन रहा है महासंयोग, करें सूर्य देव की पूजा, चमकेगी किस्मत
Chhath Puja 2022 Puja Vidhi, Muhurat in Hindi Live Updates: महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। पूरे चार दिनों तक मनाया जाने वाला यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश सहित संपूर्ण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। ये पर्व परिवार की सुख-समृद्धि और मनचाहा फल पाने के लिए मनाया जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से इस पर्व की शुरुआत होती है और समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है। इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। आज छठ का तीसरा दिन है, भगवान भास्कर को संध्या अर्घ्य दे दिया गया है। वहीं अब व्रती महिलाएं छठी मइया की भक्ति में लीन होकर सुबह के अर्घ्य की तैयारी में लग गई हैं। सुबह सूर्योदय को अर्घ्य देने के बाद ही छठ के व्रत को पूर्ण माना जाएगा।
Chhath Puja 2022 Samagri List
सूर्य को अर्घ्य देने का समय: 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय प्रात: 06 बजकर 32 मिनट का है।
Anuradha Paudwal Chhath Puja Song
यहां आप जानेंगे सूर्य को अर्घ्य देने की विधि और नई दिल्ली, पटना, रांची, झारखंड, चंडीगढ़, नोएडा समेत अन्य शहरों में सूर्यास्त होने का क्या रहेगा समय।
दो साल बाद दिखा रौनक
कोराना काल के बाद इस बार करीब दो साल बाद छठ पूजा पर रौनक देखने को मिला है। बता दें छठ पूजा के इस व्रत को सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है।छठ का प्रसाद
कहा जाता है कि, छठ पूजा का प्रसाद जितना बांटा जाए इसका फल उतना ही मिलता है। ऐसे में इस पावन अवसर पर अपने मित्रों, सगे, संबंधियों को प्रसाद वितरित करें.Chhath Puja 2022 - छठ पूजा संपन्न
उगते सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा संपन्न हो चुकी है। इसके बाद से लोग अपने मित्रों व सगे संबंधियों के यहां प्रसाद बांटने में लग गए हैं।Chhath Puja 2022 - छठ पूजा हुई संपन्न
भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा संपन्न हो चुकी है। मान्यता है कि, इस दिन विधि विधान से छठी मइया और सूर्य देव की पूजा अर्चना करने से सबी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है।सूर्य देव की आरती
आज का दिन सूर्य देव की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है। ऐसे में भगवान सूर्य देव की विधिवत पूजा करना ना भूलें। यहां देखें सूर्य देव की आरतीओम् जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान।।सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान।।पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।। ।।ॐ जय सूर्य भगवान।।ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।। धरत सब ही तव ध्यान, ।।ॐ जय सूर्य भगवान।।Chhath Puja 2022 - छठ पर पढ़ें यह पौराणिक कथा
सूर्य देव को अर्ध्य देने के बाद छठी मइया की इस आरती का पाठ करना ना भूलें। इस कथा का उल्लेख रामायण व महाभारत काल में किया गया है।महाभारत में जब पांडव जुए में अपना सारा राजपाट हार गए थे, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था। द्रौपदी के व्रत से प्रसन्न होकर छठी मइया ने पांडवों को उनका राजपाट वापस दिला दिया था। वहीं एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक, महाभारत काल में सूर्य पुत्र कर्ण ने सबसे पहले सूर्य देव की पूजा की थी, कहा जाता है कि घंटों पानी में खड़े होकर कर्ण सूर्य देव को अर्घ्य देता था। सूर्य देव की कृपा से कर्ण एक शक्तिशाली योद्धा बना। इस दिन से प्रत्येक वर्ष छठ का पावन पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि, विधिवत छठी मइया की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।Chhath Puja 2022 - करें यह कार्य, मनोकामनाएं होगी पूर्ण
सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद छठी मइया की आरती व कथा का पाठ करें। मान्यता है कि, इससे छठी मइया का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता है व सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।Chhath Puja 2022 - सुबह अर्घ्य का समय
सूर्य देव को सुबह अर्घ्य का समय - 31 अक्टूबर 2022, प्रात: 06 बजकर 32 मिनट पर।Chhath Puja 2022 - सूर्य देव के इन मंत्रों का करें जप
सूर्य देव के इन मंत्रों का जप करें सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। तत्सवितुर्वरेण्यम् रूपं हि मण्डलमृचोथ तनुर्यजूंषि।सामानि यस्य किरणा: प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्।।Chhath Puja 2022 - अर्घ्य देते समय इन बातों का रखें ध्यान
सूर्य को अर्घ्य देते समय पानी की धार पर पड़ रही किरणों को देखना बहुत शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ध्यान रहे अर्घ्य देते समय पानी का छीटा आपके पैर पर नहीं पड़ना चाहिए, इसे काफी अशुभ माना जाता है।Chhath Puja 2022 - छठी मइया की आरती
सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद छठी मइया की आरती करें। यहां आप छठी मइया की आरती देख सकते हैं।जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…पूजा में इन चीजों को कें शामिल
चंदनधुपबत्तीचावलसिंदूरकुमकुमनारियलकलावाकपूरमिट्टी के दीएतेल और बातीसुपारीफूल और मालासुबह अर्घ्य की तैयारी
उत्तर प्रदेश बिहार से लेकर पूरे देश में लोकास्था के महापर्व छठ की धूम देखने को मिल रही है। छठ घाट पर भक्तिमय माहौल बना हुआ है। वहीं व्रती महिलाएं अब सुबह अर्घ्य की तैयारी में लग गई हैं। बता दें संध्या काल में अर्घ्य देने के बाद महिलाएं पूरा रात छठी मइया का भजन करती हैं।Chhath Puja 2022 - नोट करें सुबह अर्घ्य का समय
उषा काल अर्घ्य का समय - 31 अक्टूबर 2022, प्रात: 06 बजकर 32 मिनट परसंतान प्राप्ति के लिए खास
छठ पूजा के दिन विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने व सूर्यदेव को अर्घ्य देने से संतान संबंधी सभी समस्याएं खत्म होती हैं। तथा जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है।पूरे देश में छठ की छटा
दिल्ली, गोरखपुर और वाराणसी समेत पूरे देश में छठ पूजा पर एक अलग ही धूम देखने को मिली है। पटना से दिल्ली तक छठ की छटा निराली नजर आई। वहीं एक बार सुबह फिर भक्तों का सैलाब छठ घाट पर देखने को मिलेगा।दिल्ली एनसीआर में श्रद्धालुओं की भीड़
बता दें दिल्ली एनसीआर के 1500 से अधिक घाटों पर व्रतधारी श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया। दिल्ली-एनसीआर में देर शाम 05 बजकर 38 मिनट पर संध्या अर्घ्य दिया गया। वहीं अब कल यानी 31 अक्टूबर को प्रात: 06 बजकर 32 मिनट पर सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त है।उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन छठ पूजा में हुए शामिल
गोमती घाट पर पहुंचे योगी आदित्यनाथ
झारखंड के रांची में श्रद्धालुओं की भीड़
Chhath Puja 2022 - मुंबई के जुहू बीच पर भक्तों की भीड़
छठपूजा के अवसर पर मुंबई के जुहू बीच पर भक्तों की भीड़ देखने को मिली। सोशल मीडिया पर बीच की तस्वीरें व वीडियो जमकर वायरल हो रही हैं।Chhath Puja 2022 - पश्चिम बंगाल में छठ पूजा की धूम
पश्चिम बंगाल में भी छठ पूजा की धूम देखने को मिली है। कोलकाता के ताकड़ घाट पर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने डूबते सूरज को अर्घ्य दिया।Chhath Puja Argya Timing - बिना अर्घ्य के पूजा नहीं होगी पूर्ण
संध्या अर्घ्य को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ध्यान रहे बिना अर्घ्य के छठी मइया के पूजन को संपूर्ण नहीं माना जाता है। अर्घ्य देने के बाद छठी मइया की पुन: आरती करें इसके बाद मंत्रों का जप करें।Chhath Puja - सबसे कठिन व्रत
छठ का व्रत सुख समृद्धि की प्राप्ति व संतान की खुशहाली व दीर्घायु के लिए रखा जाता है। इस व्रत को सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है। संतान की प्राप्ति के लिए विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करें।Chhath Aarti Lyrics - छठी मइया की आरती
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥ जय छठी मैया…ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥ जय छठी मैया…सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद छठी मइया और सूर्य देव की आरती का पाठ करें। यहां पढ़े सूर्य देव की आरतीमारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥ जय छठी मैया…Chhath Puja - सूर्य देव को दें अर्घ्य
यूपी व बिहार के लोग लगातार गूगल पर संध्या अर्घ्य के समय को लेकर सर्च कर रहे हैं। बता दें पटना में सूर्यास्त व संध्या अर्घ्य का समय 05 बजकर 10 मिनट पर है। ऐसे में यदि आपने अभी तक भगवान सूर्य को अर्घ्य नहीं दिया है, तो दे सकते हैं।Chhath Puja 2022 - पौराणिक कथाओं में उल्लेख
सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने व सूर्यदेव को संध्या व उषा काल में अर्घ्य देने से छठी मइया व सूर्यदेव का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता है।Chhath Puja 2022 - कुछ ही देर में संध्या अर्घ्य
आज पूरे देश में छठ पूजा की धूम देखने को मिल रही है। बता दें संध्या अर्घ्य शाम 05 बजकर 38 मिनट पर दिया जाएगा। नदी, घाट व मंदिर बेहद अद्भुत लग रहा है।Chhath Puja 2022 - बिना अर्घ्य पूजा नहीं होती पूर्ण
बता दें बिना सूर्यदेव को संध्या व उषा काल में अर्घ्य दिए भगवान भास्कर की पूजा को संपूर्ण नहीं माना जाता है। इसके लिए विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने के बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य दें।Chhath Puja 2022 - संध्या अर्घ्य का समय
छठ पूजा पर संध्या काल अर्घ्य और उषा काल का विशेष महत्व है। बता दें संध्या काल का समय हो गया है। कुछ ही देर में भक्त सूर्यदेव को अर्घ्य दे सकते हैं। संध्या अर्घ्य का समय आज शाम 05 बजकर 38 मिनट पर है। इसके बाद कल सूर्योदय के समय अर्घ्य दिया जाएगा।Chhath Puja 2022 - अर्घ्य का विशेष महत्व
छठ पूजा के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि, इससे सूर्य देव का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता हैChhath Sandhya Arag Timing - संध्या अर्घ्य का समय
संध्या अर्घ्य का समय पास आता जा रहा है। व्रती महिलाएं पथिया और सूप में ठकुआ, भुसवा, सुपारी, मखान आदि चीजें लेकर घाट पर जाने की तैयारी कर रही हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड से लेकर पूरे देश में छठ की एक अलग ही धूम देखने को मिल रही है।Chhath Puja 2022 - पूरे देश में छठ का धूम
आज यानी 30 अक्टूबर 2022 को यूपी, बिहार से लेकर पूरे देश में छठ की धूम देखने को मिल रही है। मान्यता है कि, इस दिन विधि विधान से छठी मइया की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। तथा संतान के जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। वहीं संतान की प्राप्ति के लिए भी इस पर्व का विशेष महत्व है।Chhath Puja Arag - पथिया और सूप जरूरी
छठ पूजा में पथिया और सूप का होना जरूरी है, इसमें सूर्य भगवान के भोग का सामान ठेकुआ, भुसवा, सुपारी, मखान आदि चीजें रखी जाती हैं। बता दें छठी मइया की पूजा अर्चना व व्रत कथा का पाठ करने के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।Chhath Puja 2022 - सूर्यदेव की पूजा का विधान
सनातन धर्म में सूर्यदेव को भगवान का स्वरूप माना जाता है। छठ पूजा के दिन सूर्यदेव की विधिवत पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन शाम के समय व सप्तमी तिथि को सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से छठी मइया का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है।सूर्य को अर्घ्य देते समय इस बात का रखें ध्यान
सूर्य देव को अर्घ्य देते समय अपना चेहरा हमेशा पूर्व दिशा की ओर ही रखें। सूर्य सच्ची श्रद्धा के साथ अर्घ्य देने वालों की ही मनोकामना पूरी करते हैं।छठ पूजा 2022 सूर्य अर्घ्य टाइम (Chhath Puja 2022 Time)
दिल्ली- शाम 05 बजकर 38 मिनट परकोलकाता-शाम 05:00 बजे
मुंबई-शाम 06 बजकर 06 मिनट पर
चेन्नई- शाम 05 बजकर 43 मिनट पर
पटना- शाम 05 बजकर 10 मिनट पर
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