Chhath Puja 2023: छठ पूजा क्यों मनाई जाती है, जानिए क्या है इसका महत्व

Chhath Puja 2023: उत्तर भारत में छठ पूजा का बहुत महत्व है। छठ पूजा को महापर्व के नाम कहा जाता है। ये पर्व बिहार, झारखंड और यूपी की तरफ मुख्य रूप से मनाया जाता है। आइए जानते हैं छठ पूजा क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है।

Chhath Puja 2023

Chhath Puja 2023: छठ पूजा के दिन सूर्य देव और छठी मैया की विधि-विधान से पूजा की जाती है। छठ पूजा पूरे चार दिन की पूजा होती है। इस पूजा की शुरुआत नहाय- खाय से लेकर पारण तक चलता है। इस साल छठ पर्व का आरंभ 17 नवंबर से हो रहा है। इस व्रत का समापन इस बार 20 नवंबर को होगा। इस दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है। इसके साथ छठी मैया की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा की शुरुआत सतयुग से हुआ थी। आइए जानते हैं क्यों मनाई जाती है छठ पूजा। क्या है इसका महत्व।

Chhath Puja Kyun Manai Jati Hai (छठ पूजा क्यों मनाई जाती है)पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा परियावंद की कोई संतान नहीं थी। जिस कारण वो बहुत परेशान रहते थे। उन्होंने महर्षि कश्यप से इस बारे में चर्चा की। उस समय महर्षि कश्यप पुत्र प्राप्ति के खाने के लिए दी। उसके बाद राजा बहुत दुखी हुए और आत्महत्या करने के लिए चल दिए। उसी समय ब्रह्मा की मानस पुत्री देवसेना ने राजा पेरियावंद से कहा कि मैं ब्रह्मांड की मूल प्रकृति के छठे अंश से पैदा हुई हूं। इसलिए मेरा नाम षष्ठी है। यदि तुम मेरी पूजा करो और इसे लोगों के बीच फैलाओ तो इससे तुम्हे पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी। इसके बाद राजा ने षष्ठी के दिन रीति-रिवाज के अनुसार पूजा की, जिसके बाद उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई।

Chhath Puja Importance ( छठ पूजा महत्व )छठ पूजा के दौरान महिलाएं भगवान सूर्य और छठी मैया का आशीर्वाद पाने के लिए 36 घंटे का उपवास रखती हैं। छठ के पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है - भक्त गंगा नदी जैसे पवित्र जल में स्नान करते हैं, छठ करने वाली महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और भक्त भगवान सूर्य के लिए प्रसाद तैयार करते हैं। दूसरे और तीसरे दिन को खरना और छठ पूजा कहा जाता है। इन दिनों महिलाएं कठोर निर्जला व्रत रखती हैं। इस बीच चौथे दिन (उषा अर्घ्य) महिलाएं पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं और फिर 36 घंटे का उपवास तोड़ती हैं।

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