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Chhath Puja Arghya Time 2023 Live Updates: छठ पूजा का पहला अर्घ्य कितने बजे दिया जाएगा, जानिए मुहूर्त से लेकर पूजा विधि तक सबकुछ

इस साल छठ महापर्व 17 नवंबर से 20 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान सूर्य भगवान और छठी मैया की अराधना की जाती है। यहां जानिए छठ पूजा सामग्री लिस्ट, पूजा विधि, सूर्य अर्घ्य समय और छठ के गीत।

Chhath Puja Arghya Time 2023 Live Updates: छठ पूजा का पहला अर्घ्य कितने बजे दिया जाएगा, जानिए मुहूर्त से लेकर पूजा विधि तक सबकुछ
Chhath Puja 2023 Puja Vidhi, Arghya Time in Hindi Live Updates: छठ पर्व में मुख्य रूप से सूर्य देवता की अराधना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं अनुसार छठी मैया सूर्य देव की बहन है। जिस वजह से इस पर्व में सूर्य की अराधना करने से छठी मैया भी प्रसन्न हो जाती हैं। जिससे छठ महापर्व मनाने वाले व्यक्ति और उसके परिवार में सदैव खुशियां बनी रहती हैं। कहते हैं छठ व्रत रखने से व्यक्ति समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस साल छठ पूजा 17 नवंबर से 20 नवंबर तक चलेगी। ये पर्व पूरे 4 दिनों तक मनाया जाता है।

Chhath Puja 2023 Calendar (छठ पूजा का कैलेंडर 2023)
17 नवंबर 2023-
छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय
18 नवंबर 2023- छठ पूजा का दूसरा दिन खरना
19 नवंबर 2023- छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य
20 नवंबर 2023- छठ पूजा का चौथा दिन उषा अर्घ्य

Chhath Puja Samagri (छठ पूजा सामग्री)
नए वस्त्र, बांस की दो बड़ी टोकरी या सूप, पानी वाला नारियल, चावल, सिंदूर, दीपक, धूप, अदरक का हरा पौधा, हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, केला, नाशपाती, दूध, जल, गिलास, लोटा, थाली, पत्ते लगे गन्ने,कुमकुम, चंदन, अगरबत्ती, धूप बत्ती, कपूर, मिठाई, बांस या फिर पीतल के सूप,गुड़, शकरकंदी, सुथनी, पान, सुपारी, शहद, चावल का आटा, गेहूं।

Chhath Puja Kyu Manaya Jata Hai In Hindi (छठ पूजा क्यों मनाई जाती है)
छठ पूजा करने का सबका अपना-अपना अलग-अलग कारण होता है। मुख्य रूप से छठ पूजा घर परिवार में खुशी, संपन्नता के लिए की जाती है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सूर्यदेव की पूजा करता है उसकी सेहत अच्छी बनी रहती है। इसके अलावा घर में हमेशा धन का भंडार हमेशा भरा रहता है। इसके साथ ही छठ माई संतान सुख प्रदान करने वाली भी मानी गई है। जिस दंपत्ति को सूर्य जैसी श्रेष्ठ संतान की चाह होती है वह भी इस दिन का उपवास अवश्य रखते हैं। कुल मिलाकर छठ पूजा का यह पर्व मनोकामना की पूर्ति के लिए जाना जाता है। कहते हैं छठ पूजा के पहले अर्घ्य से आंखों की रोशनी बढ़ती है साथ ही लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है और आर्थिक संपन्नता भी प्राप्त होती है, वहीं छठ के अंतिम अर्घ्य से संतान से जुड़ी सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं, हृदय और हड्डियों की समस्या में सुधार होता है। यहां देखें छठ पूजा पर क्या करते हैं, छठ पूजा क्यों मनाई जाती है, छठ पर किसकी पूजा होती है, छठ पूजा का अर्घ्य कब दें।
Nov 19, 2023 | 06:11 PM IST

केलवा के पात पर

केलवा के पात पर उगे लन सुरुजमल झांके झुके,के करेलू छठ बरतिया से झांके झुके ||हम तोहसे पूछी बरतिया ए बरतिया के केकरा लागी ||के करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी ||
Nov 19, 2023 | 05:45 PM IST

जय छठी मैया

Nov 19, 2023 | 05:26 PM IST

छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

हर ओर बिखरी है छठ के पावन पर्व की छटा निरालीछठ का ये महापर्व लाता है जीवन में खुशहालीआपके जीवन में भी आएं खुशियां अपारमुबारक हो आपको छठ का ये पावन त्योहारछठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
Nov 19, 2023 | 05:01 PM IST

बिहार में छठ पूजा

छठ पूजा की परंपरा बिहार में महाभारत काल से जुड़ी हुई है। दौपदी और पांडवों ने छठ पूजा का व्रत रखा था। उन्होंने अपने राज्य को वापस पाने के लिए यह व्रत रखा था। हिंदू मान्यता के मुताबिक, कथा प्रचलित है कि छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। इस पर्व को सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके शुरू किया था। कहा जाता है कि कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे और वो रोज घंटों तक पानी में खड़े होकर उन्हें अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बने। आज भी छठ में अर्घ्य दान की यही परंपरा प्रचलित है।
Nov 19, 2023 | 04:40 PM IST

छठ पर सूर्य को अर्घ्य कब दिया जाता है

छठ पूजा का पहला अर्घ्य 19 नवंबर की शाम 5 बजकर 26 मिनट पर दिया जाएगा वहीं दूसरा अर्घ्य 20 नवंबर की सुबह 6 बजकर 47 मिनट पर दिया जाएगा।
Nov 19, 2023 | 04:05 PM IST

छठ गीत

उगा हे सूरज देव भोर भिनसरवा,उगा हे सूरज देव भोर भिनसरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||बड़की पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||बाझिन पुकारें देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||अन्हरा पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||निर्धन पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||कोढ़िया पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||लंगड़ा पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||उगह हे सूरज देव भेल भिनसरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||
Nov 19, 2023 | 03:41 PM IST

छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

Nov 19, 2023 | 02:59 PM IST

Chhath Puja: Pahile Pahil Chhathi Maiya Song Lyrics ( छठ पूजा: पहिले पहिल, छठी मईया व्रत तोहार)

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहार ।
करिहा क्षमा छठी मईया,
भूल-चूक गलती हमार ।

सब के बलकवा के दिहा,
छठी मईया ममता-दुलार ।
पिया के सनईहा बनईहा,
मईया दिहा सुख-सार ।

नारियल-केरवा घोउदवा,
साजल नदिया किनार ।
सुनिहा अरज छठी मईया,
बढ़े कुल-परिवार ।

घाट सजेवली मनोहर,
मईया तोरा भगती अपार ।
लिहिएं अरग हे मईया,
दिहीं आशीष हजार ।

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहर ।
करिहा क्षमा छठी मईया,
भूल-चूक गलती हमार ।
Nov 19, 2023 | 02:44 PM IST

छठ पूजा अर्घ्य समय

सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन - 05:13 पी एम
Nov 19, 2023 | 02:29 PM IST

सूर्य को अर्घ्य देने का समय

(संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : 19 नवंबर 2023 की शाम 05 बजकर 26 मिनट से

(उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय : 20 नवंबर 2023 की सुबह 06 बजकर 47 मिनट तक।
Nov 19, 2023 | 01:50 PM IST

सोना सट कुनिया हो दीनानाथ लिरिक्स | Sona Satkuniya Ho Dinanath Lyrics

सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार ॥

सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार ॥

आन दिन उगइछ हो दीनानाथ
आहे भोर भिनसार, आहे भोर भिनसार ॥

आजू के दिनवा हो दीनानाथ
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर ॥

बाट में भेटिए गेल गे अबला
एकटा अन्हरा पुरुष, एकटा अन्हरा पुरुष ॥

अंखिया दियेते गे अबला
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर ॥

बाट में भेटिए गेल गे अबला
एकटा बाझिनिया, एकटा बाझिनिया ॥

बालक दियत गेल गे अबला
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर ॥
Nov 19, 2023 | 01:25 PM IST

Chhath Puja Significance (छठ पूजा का महत्व)

छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाने वाला लोकपर्व है। हर साल यह पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। वैसे तो ये पर्व भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है लेकिन इसकी खास रौनक बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलती है। यहां छठ का नजारा देखने लायक होता है। छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। साथ ही इस दौरान डूबते हुए सूर्य और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है।
Nov 19, 2023 | 12:29 PM IST

कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए लिरिक्स

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए,
बहंगी लचकत जाए ॥

होई ना बलम जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाए,
बहंगी घाटे पहुंचाए ॥

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए,
बहंगी लचकत जाए ॥

बाटे जे पुछेला बटोहिया
बहंगी केकरा के जाए,
बहंगी केकरा के जाए ॥

तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया,
बहंगी छठ मैया के जाए,
बहंगी छठ मैया के जाए ॥

ऊंहवे जे बारी छठी मैया,
बहंगी उनके के जाए,
बहंगी उनके के जाए ॥

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए,
बहंगी लचकत जाए ॥

होई ना देवर जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाए,
बहंगी घाटे पहुंचाए ॥

ऊंहवे जे बारी छठी मैया,
बहंगी उनके के जाए,
बहंगी उनके के जाए ॥

बाटे जे पुछेला बटोहिया,
बहंगी केकरा के जाए,
बहंगी केकरा के जाए ॥

तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया,
बहंगी छठ मैया के जाए,
बहंगी छठ मैया के जाए ॥

ऊंहवे जे बारी छठी मैया,
बहंगी उनके के जाए,
बहंगी उनके के जाए ॥
Nov 19, 2023 | 12:23 PM IST

Chhath Puja Significance (छठ पूजा का महत्व)

छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाने वाला लोकपर्व है। हर साल यह पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। वैसे तो ये पर्व भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है लेकिन इसकी खास रौनक बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलती है। यहां छठ का नजारा देखने लायक होता है। छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। साथ ही इस दौरान डूबते हुए सूर्य और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है।
Nov 19, 2023 | 11:33 AM IST

Chhath Song: कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए लिरिक्स

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए,
बहंगी लचकत जाए ॥

होई ना बलम जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाए,
बहंगी घाटे पहुंचाए ॥

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए,
बहंगी लचकत जाए ॥

बाटे जे पुछेला बटोहिया
बहंगी केकरा के जाए,
बहंगी केकरा के जाए ॥

तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया,
बहंगी छठ मैया के जाए,
बहंगी छठ मैया के जाए ॥

ऊंहवे जे बारी छठी मैया,
बहंगी उनके के जाए,
बहंगी उनके के जाए ॥

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए,
बहंगी लचकत जाए ॥

होई ना देवर जी कहरिया,
बहंगी घाटे पहुंचाए,
बहंगी घाटे पहुंचाए ॥

ऊंहवे जे बारी छठी मैया,
बहंगी उनके के जाए,
बहंगी उनके के जाए ॥

बाटे जे पुछेला बटोहिया,
बहंगी केकरा के जाए,
बहंगी केकरा के जाए ॥

तू तो आन्हर होवे रे बटोहिया,
बहंगी छठ मैया के जाए,
बहंगी छठ मैया के जाए ॥

ऊंहवे जे बारी छठी मैया,
बहंगी उनके के जाए,
बहंगी उनके के जाए ॥
Nov 19, 2023 | 10:53 AM IST

Surya Bhagwan Ki Aarti (सूर्य भगवान की आरती)

जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।
रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता।
षटपद मन मुदकारी, हे दिनमणि दाता।।
जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।
नभमंडल के वासी, ज्योति प्रकाशक देवा।
निज जन हित सुखरासी, तेरी हम सबें सेवा।।
करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।
कनक बदन मन मोहित, रुचिर प्रभा प्यारी।
निज मंडल से मंडित, अजर अमर छविधारी।।
हे सुरवर रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।।
Nov 19, 2023 | 09:31 AM IST

छठ पर्व में इन नियमों का करें पालन

छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दिन घर की अच्‍छी तरह से साफ-सफाई की जाती है और सात्विक भोजन किया जाता है। इस दिन की शुरुआत से और व्रत पारण के अगले दिन तक घर में प्‍याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
Nov 19, 2023 | 08:44 AM IST

छठी मैया की आरती

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय छठी मईया..।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।।जय छठी मईया..।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय छठी मईया..।।
Nov 19, 2023 | 07:55 AM IST

19 November 2023 Panchang (छठ का पंचांग)

ब्रह्म मुहूर्त- 05:00 AM से 05:53 AM
प्रातः सन्ध्या- 05:26 AM से 06:46 AM
अभिजित मुहूर्त- 11:45 AM से 12:28 PM
विजय मुहूर्त- 01:53 PM से 02:36 PM
गोधूलि मुहूर्त- 05:26 PM से 05:53 PM
सायाह्न सन्ध्या- 05:26 PM से 06:46 PM
अमृत काल- 12:58 PM से 02:29 PM
निशिता मुहूर्त- 11:40 PM से 12:33 AM, नवम्बर 20
द्विपुष्कर योग- 10:48 PM से 05:21 AM, नवम्बर 20
Nov 19, 2023 | 07:40 AM IST

Chhath Puja Arghya Time 2023 (छठ पूजा अर्घ्य समय 2023)

सूर्योदय समय छठ पूजा के दिन - 06:46 AM
सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन - 05:26 PM
षष्ठी तिथि प्रारम्भ -18 नवम्बर 2023 को 09:18 AM बजे
षष्ठी तिथि समाप्त - 19 नवम्बर 2023 को 07:23 AM बजे
Nov 19, 2023 | 07:00 AM IST

Chhath Puja Prasad List 2023: छठ पूजा प्रसाद

ठेकुआ (Thekua)
ठेकुआ छठ पर्व का सबसे मुख्य प्रसाद होता है। ठेकुए को गुड़ और आटे से तैयार किया जाता है। छठ की पूजा ठेकुआ के बिना अधूरी मानी जाती है।
डाब नींबू (daab nimbu)
छठ पूजा का दूसरा सबसे मुख्य प्रसाद डाब नींबू है। डाब नींबू सामान्य नींबू से बड़ा होता है और इसका स्वाद खट्टा–मीठा होता है। इसका आकार इतना बड़ा होता है, जिस वजह से इसे पशु-पक्षी खा नहीं पाते हैं। इसलिए इसे शुद्धा माना जाता है।

केला (Banana)
कहते हैं केला छठी मईया को बहुत पसंद है। साथ ही केला को काफी शुद्ध फल भी माना जाता है। इसलिए छठी मैया को चढ़ाने के लिए कच्चा केला शुभ होता है। पूजा में कच्चे केले को घर लाकर पकाया जाता है जिससे फल झूठा न हो जाए।
Nov 19, 2023 | 06:29 AM IST

Chhath Puja Surya Arghya Samagri List (छठ पर्व में सूर्य को अर्घ्य देने की सामग्री)

  • बांस से बनी 3 बड़ी टोकरी
  • बांस या पीतल के बने 3 सूप
  • एक थाली, एक गिलास और दूध
  • नारियल, दीपक, सब्जी, शकरकंदी, हल्दी, चावल, लाल सिंदूर, गन्ना और सुथनी
  • पान, बड़ा नींबू, शहद,चंदन, साबुत सुपारी, नाशपती, मिठाई, कैराव और कपूर
  • प्रसाद के रूप में ठेकुआ, खीर-पुड़ी, सूजी का हलवा, मालपुआ, चावल के बने लड्डू रख सकते हैं।
Nov 19, 2023 | 12:01 AM IST

छठ पूजा के लिए भोजपुरी गाने

कांच ही बांस के बहंगिया,कांच ही बांस के बहंगिया,बहंगी लचकत जाए,बहंगी लचकत जाए ||होए ना बलम जी कहरिया ,बहंगी घाटे पहुंचाए,बहंगी घाटे पहुंचाए |कांच ही बांस के बहंगिया ,बहंगी लचकत जाए,बहंगी लचकत जाए ||बाट जे पूछे ना बटोहिया ,बहंगी केकरा के जाय,बहंगी केकरा के जाय |
Nov 18, 2023 | 11:44 PM IST

बिहार में छठ पूजा क्यों मनाते हैं

छठ पूजा की परंपरा बिहार में महाभारत काल से जुड़ी हुई है। दौपदी और पांडवों ने छठ पूजा का व्रत रखा था। उन्होंने अपने राज्य को वापस पाने के लिए यह व्रत रखा था। हिंदू मान्यता के मुताबिक, कथा प्रचलित है कि छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। इस पर्व को सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके शुरू किया था। कहा जाता है कि कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे और वो रोज घंटों तक पानी में खड़े होकर उन्हें अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बने। आज भी छठ में अर्घ्य दान की यही परंपरा प्रचलित है।
Nov 18, 2023 | 11:27 PM IST

छठ के गीत

उगा हे सूरज देव भोर भिनसरवा,उगा हे सूरज देव भोर भिनसरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||बड़की पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||बाझिन पुकारें देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||अन्हरा पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||निर्धन पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||कोढ़िया पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||लंगड़ा पुकारे देव दुनु कर जोरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||उगह हे सूरज देव भेल भिनसरवा,अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो ||
Nov 18, 2023 | 10:57 PM IST

सूर्य को अर्घ्य देने का समय क्या है

छठ पूजा का पहला अर्घ्य 19 नवंबर की शाम 5 बजकर 26 मिनट पर दिया जाएगा वहीं दूसरा अर्घ्य 20 नवंबर की सुबह 6 बजकर 47 मिनट पर दिया जाएगा।
Nov 18, 2023 | 10:45 PM IST

Chhath Ki Rangoli

Nov 18, 2023 | 10:33 PM IST

Why is Chhath Celebrated in Hindi: छठ पूजा की शुरुआत कहां से हुई थी

इतिहासकार बताते हैं कि दानवीर सूर्यपुत्र कर्ण, पानी में ख़ड़े होकर घंटों सूर्यदेव की पूजा किया करते थे,उसके बाद वो जल चढ़ाते थे. छठ पर्व में भी इसी तरह पूजा करने का विधि-विधान है, इसलिए कहा जाता है कि छठ पूजा महाभारत काल से शुरू हुई थी.
Nov 18, 2023 | 10:25 PM IST

छठ पूजा के उपाय

संतान के सौभाग्य और सुख-समृद्धि के लिए गुड़ डालकर मीठे चावल बनाए और अब इन चावलों को सूर्यदेव को दिखाने के बाद घर के पूजा स्थल में रखें और सूर्यदेव के मंत्र ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:‘ का 108 बार जाप करें। अब गुड़ से बने चावलों को प्रसाद के रूप में अपनी संतान को खिलाएं।
Nov 18, 2023 | 09:38 PM IST

Chhath Puja Katha: द्रोपदी में भी रखा था छठ व्रत

छठ पर्व के बारे में एक कथा और भी है। इस किवदंती के मुताबिक, जब पांडव सारा राजपाठ जुए में हार गए, तब द्रोपदी ने छठ व्रत रखा था। इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को सब कुछ वापस मिल गया। लोक परंपरा के अनुसार, सूर्य देव और छठी मईया का संबंध भाई-बहन का है। इसलिए छठ के मौके पर सूर्य की आराधना फलदायी मानी गई।
Nov 18, 2023 | 09:19 PM IST

Happy Chhath Puja 2023

Nov 18, 2023 | 09:00 PM IST

Chhath Puja Arghya Time: छठ पूजा अर्घ्य समय

छठ पूजा का पहला अर्घ्य 19 नवंबर की शाम 5 बजकर 26 मिनट पर दिया जाएगा वहीं दूसरा अर्घ्य 20 नवंबर की सुबह 6 बजकर 47 मिनट पर दिया जाएगा।
Nov 18, 2023 | 08:35 PM IST

छठी व्रत के नियम

छोटे बच्चों को पूजा का कोई भी सामान छूने नहीं दें।जब तक पूजा पूर्ण न हो जाए बच्चे को तब तक प्रसाद न खिलाएं, ।छठ पूजा के समय व्रती या परिवार के सदस्यों के साथ कभी भी अभद्र भाषा का उपयोग न करें। जो भी महिलाएं छठ मैय्या का व्रत रखें, वह सभी चार दिनों तक पलंग या चारपाई पर न सोते हुए जमीन पर ही कपड़ा बिछाकर सोएं।छठ पर्व के दौरान व्रती समेत पूरे परिवार सात्विक भोजन ग्रहण करे।पूजा की किसी भी चीज को छूने से पहले हाथ अवश्य साफ कर लें।
Nov 18, 2023 | 08:17 PM IST

Chhath Puja Samagri: छठ पूजा सामग्री

प्रसाद रखने के लिए बांस की दो बड़ी-बड़ी टोकरियां बांस या फिर पीतल का सूपएक लोटा (दूध और जल अर्पण करने के लिए) एक थालीपानसुपारीचावलसिंदूरघी का दीपकशहद धूप या अगरबत्तीशकरकंदीसुथनीगेहूं, चावल का आटागुड़ठेकुआव्रती के लिए नए कपड़े5 पत्तियां लगे हुए गन्नेमूली, अदरक और हल्दी का हरा पौधाबड़ा वाला नींबूफल-जैसे नाशपाती, केला और शरीफापानी वाला नारियल मिठाईयां
Nov 18, 2023 | 08:01 PM IST

छठ पूजा की विधि

1. आज से व्रतधारियों 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा। 2. महिलाएं आज शाम को पूजा करने के बाद 36 घंटे के लिए निर्जला उपवास रखेंगी और सूर्य को अर्घ्य देंगी। 3. शाम के समय घी लगी रोटी, गूड़ की खीर, और फल से भगवान का भोग लगाया जाता है। 4. भोग लगाने के बाद महिलाएं यह प्रसाद के तौर पर ग्रहण करती हैं 5. इसके बाद से उनका 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। 6. यह उपवास चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है। 7. अगले दिन अर्घ्य देने के लिए महिलाएं एक दिन पहले से प्रसाद बनाने की तैयारी करने लगती हैं।
Nov 18, 2023 | 07:39 PM IST

Chhath Puja 2023 Puja Vidhi, Arghya, Kharna Time Live Updates

Nov 18, 2023 | 07:22 PM IST

छठ पूजा कब है

छठ पूजा का त्योहार 17 नवंबर से शुरू हो रहा है. इस साल छठ पूजा 19 नवंबर को होगी. इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और इसी के साथ छठ पूजा (Chhath Puja 2023) का समापन व व्रत पारण किया जाएगा.
Nov 18, 2023 | 07:10 PM IST

छठ पूजा प्रसाद

छठ पूजा के दूसरे दिन गुड़ और चावल की खीर बनाई जाती है। जिसे शाम में घी लगी रोटी और केले के साथ भोग स्वरूप चढ़ाया जाता है। गुड़ और चावल से बनी खीर को ही रसियाव कहा जाता है। इस खीर को या रसियाव को मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है। जिसके लिए आम की लड़कियों का इस्तेमाल किया जाता है। व्रती इस खीर का शाम में भोग लगाकर इसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करके अपना 36 घंटों का निर्जला व्रत शुरू करते हैं। व्रती के खाने के बाद इस प्रसाद को घर के अन्य सदस्यों में भी बांट दिया जाता है।
Nov 18, 2023 | 06:31 PM IST

Sawa Lakh ke sari Bhije Lyrics

चननि ताने चलले महादेवघुटी भर धोती भीजेघुटी भर धोती भीजे भीजता त धोती मोरा भीजे देहुचननि मोर नहीं भीजेचननि मोर नहीं भीजेचननि मोर नहीं भीजे कोसी भरे चलली गौरा देइसवा लाख के साडी भीजेसवा लाख के साडी भीजे भीजता ता साडी मोरा भीजे देहुकोसी मोर नाही भीजेकोसी मोर नाही भीजेकोसी मोर नाही भीजे गरजी गरजी देव रिमझिम बरसेपनिया के बूँद टपके पगिया ऊपर सेगरजी गरजी देव रिमझिम बरसेपनिया के बूँद टपके पगिया ऊपर से चङनि तान चलले धर्मेन्दर सेवकाघुटी भर धोती भीजेघुटी भर धोती भीजे भीजता त धोती मोर् भीजे देहुचङनि मोरा नाही भीजेचङनि मोरा नाही भीजेचङनि मोरा नाही भीजे धन धन बाटे मोरा अँगना के भाग होदुलारी छठी मैय्या आइल बाड़ी आज होधन धन बाटे मोरा अँगना के भाग होदुलारी छठी मैय्या आइल बाड़ी आज हो ता कोसी भरे चलली अमिता देइनौलखा हार भीजेनौलखा हार भीजे अ भीजता ता हार मोरा भीजे देहुकोसी मोरा नहीं भीजेकोसी मोरा नहीं भीजेकोसी मोरा नहीं भीजे छोटकी बलकावा के माई रक्षा करिहैंबरती केवईयां के अन्धन से भरिहैंनन्हका बलकावा के माई रक्षा करीहेंबरती केवईयां के अन्धन से भरिहैं ता चङनि तान चलले पंकज सेवकाघुटी भर धोती भीजेघुटी भर धोती भीजे के भीजता त धोती मोर् भीजे देहुचननी मोर नहीं भीजेचननी मोर नहीं भीजेचननी मोर नहीं भीजे कोसी भरे चलली अंजानो देइसवा लाख के साडी भीजेसवा लाख के साडी भीजे के भीजता ता साडी मोरा भीजे देहुकोसी मोरा नहीं भीजेकोसी मोरा नहीं भीजेकोसी मोरा नहीं भीजे
Nov 18, 2023 | 06:09 PM IST

Chhath Puja Kharna Time

आज 18 नवंबर 2023 को छठ का दूसरा दिन है। दूसरे दिन खरना किया जाता है। इस दौरान सूर्योदय का समय सुबह 06:46 बजे का रहेगा और सूर्यास्त शाम 05:26 बजे होगा।