Chhath Puja 2024 Date, Puja Timings: आज नहाय खाय के साथ हुई चैती छठ की शुरुआत, जानें खरना पूजा, संध्या अर्घ्य की तिथि और शुभ मुहूर्त
Chhath Puja 2024 Date, Time, Puja Muhurat Kab Ka Hai in Bihar: आज से नहाए खाए के साथ लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ की शुरुआत हो गई है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस साल छठ व्रत के दौरान नहाय खाय, खरना और अर्घ्य की डेट, समय और शुभ मुहूर्त क्या है।
Chaiti Chhath Puja 2024 Timing, Shubh Muhurat, Date, Calender
Chhath Puja 2024 Date, Time, Puja Muhurat Kab Ka Hai in Bihar: सनातन धर्म में छठ महापर्व का बड़ा विशेष महत्व है। कहते हैं कि छठ मईया से पूरी आस्था से जो मांगो वो मिलता ही है। छठ एकलौता ऐसा पर्व है जिसमें डूबते हुए सूर्यदेव की भी पूजा होती है। ये दिखाता है कि जिसका अंत है, उसका उदय भी होगा। साल में दो बार छठ का पर्व मनाया जाता है। पहला चैत्र मास में और दूसरा कार्तिक मास में। यूपी-बिहार में जिसतरह से कार्तिक मास की छठ में धूम देखने को मिलती है ठीक वैसे ही चैती छठ को भी बड़ी धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। आज यानी 12 अप्रैल के साथ ही छठ त्योहार की शुरुआत हो गई है। इस महापर्व का समापन 15 अप्रैल को होगा। ऐसे में आज हम हिंदू पंचाग के अनुसार चैती छठ में नहाए खाए, खरना और अर्घ्य की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में आपको बताते हैं।
चैती छठ की डेट कैलेंडर-चैत्र मास में आने वाले चैती छठ पर्व की शुरुआत 12 अप्रैल 2024 को नहाय खास के साथ होगी और 15 अप्रैल को सूर्य अर्घ्य के साथ इसका समापन होगा।
चैती छठ का पहला दिन | 12 अप्रैल 2024 | नहाय खाय |
चैती छठ का दूसरा दिन | 13 अप्रैल 2024 | खरना पूजा |
चैती छठ का तीसरा दिन | 14 अप्रैल 2024 | संध्या अर्घ्य |
चैती छठ अंतिम दिन | 15 अप्रैल 2024 | उगते सूर्य को अर्घ्य |
पहला दिन - नहाए खाए 2024आज यानी 12 अप्रैल से नहाए खाए के साथ छठ पूजा की शुरुआत हुई है। आज के दिन व्रती महिलाएं सूर्य देवता को जल चढ़ाती हैं और साथ ही कद्दू का प्रसाद बनाती हैं। इस दिन सात्विक भोजन ही किया जाता है।
दूसरा दिन - खरना 2024चैती छठ का दूसरा दिन 13 अप्रैल को है। इस दिन के साथ व्रत रखने की शुरुआत होती है, जो 36 घंटे तक चलती है। इस दिन दूध-गुड़ वाली खीर और रोटी प्रसाद के रूप में बनाया जाता है। खास बात है कि इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर ही बनाया जाता है। इसके बाद महिलाएं स्नान आदि के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य देती हैं। साथ ही जमीन पर अपना बिस्तर बनाती हैं।
तीसरा दिन- संध्या अर्घ्य 202414 अप्रैल रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को छठव्रती अर्घ्य अर्पित करेंगे। शाम 5:20 से लेकर 5:55 बजे तक अर्घ्य अर्पण करने का शुभ समय होगा। इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर या ईंट के चूल्हे पर छठी मैया का प्रसाद तैयार किया जाता है। ठेकुआ तैयार किया जाता है और उसके बाद ऋतु के अनुसार फल का दउरा तैयार किया जाता है और शाम होने के साथ छठवर्ती के साथ-साथ पूरे परिवार छठ घाट पर पहुंचते हैं।
शुभ मुहूर्त- शाम 5:20 से लेकर 5:55 बजे तक
चौथा दिन- सुबह का अर्घ्य 2024दूसरे दिन सुबह 15 अप्रैल सोमवार को छठ वर्ती अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित करेंगी। इसके साथ ही महापर्व का समापन हो जाएगा। सुबह 5:45 से लेकर के 5:55 बजे तक सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करने का शुभ मुहूर्त है।
शुभ मुहूर्त- सुबह 5:45 से लेकर के 5:55 बजे तक
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर कॉपी एडिटर कार्यरत हूं। मूल रूप से बिहार की रहने वाली हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में मेरी सबसे ज्यादा दिलचस्पी...और देखें
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