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छठ पूजा संध्या अर्घ्य समय, पूजा विधि, मंत्र, आरती, कथा हर एक जानकारी मिलेगी यहां

छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है। इस दिन व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है।

छठ पूजा संध्या अर्घ्य समय, पूजा विधि, मंत्र, आरती, कथा हर एक जानकारी मिलेगी यहां

छठ पूजा संध्या अर्घ्य समय, पूजा विधि, मंत्र, आरती, कथा हर एक जानकारी मिलेगी यहां

भारत में छठ पूजा का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है और समापन सप्तमी के दिन। इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। ये पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। यहां इस पर्व की रौनक देखने लायक होती है। इस साल छठ पर्व 5 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक रहेगा।

Chhath Puja Samagri List In Hindi

छठ पूजा 2024 प्रारंभ और समापन (Chhath Puja 2024 Start And End Date)
इस साल छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर से हो गई है और इसकी समाप्ति 8 नवंबर को होगी। पहला अर्घ्य 7 नवंबर को दिया जाएगा और दूसरा अर्घ्य 8 नवंबर को दिया जाएगा।

Chhath Ke Gane

छठ पूजा कैलेंडर 2024 (Chhath Puja Calendar 2024)
छठ पूजा का पहला दिन- नहाय खाय, 5 नवंबर 2024, मंगलवार
छठ पूजा का दूसरा दिन- खरना, 6 नवंबर 2024, बुधवार
छठ पूजा का तीसरा दिन- संध्या अर्घ्य, 7 नवंबर, गुरुवार
छठ पूजा का चौथा दिन- उगते सूर्य को अर्घ्य, 8 नवंबर 2024, शुक्रवार

Chhath Puja Rangoli

छठ पर्व में सूर्य को अर्घ्य देने का समय (Chhath Puja Surya Arghya Time 2024)
(संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : 7 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 32 मिनट से
(उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय : 8 नवंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 38 मिनट तक।

कैसे मनाया जाता है छठ पर्व (Chhath Kaise Manate Hai)
छठ पर्व का पहला दिन नहाय खाय के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करती हैं और स्नान के बाद इस पर्व की शुरुआत करती हैं। छठ पर्व का दूसरा दिन खरना के नाम से जाना जाता है। खरना पूजा में दिन भर व्रत रहने के बाद व्रती रात को पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर का सेवन करके 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करती हैं। इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी में आग जलाकर साठी के चावल और दूध और गुड़ की खीर बनाई जाती है। इसी दिन से 36 घंटों के कठिन व्रत की शुरुआत होती है। छठ पर्व के तीसरे दिन व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करती हैं। वहीं चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत का समापन किया जाता है।

छठ पूजा का महत्व (Chhath Puja Ka Mahatva)
छठ पूजा के दौरान महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं। व्रत रहते हुए छठ का प्रसाद तैयार करती हैं। फिर पानी में खड़े होकर डूबते और उगते सूरज को अर्घ्य देती हैं। मान्यताओं अनुसार छठ पूजा करने से संतान को दीर्घायु और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कई महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए भी छठ का व्रत रखती हैं।

Nov 7, 2024 | 04:55 PM IST

छठ पूजा 2024 सूर्यास्त समय शहर अनुसार (Chhath Puja 2024 Suryast Time Today)

पटना (Sun Set Time Today In Patna)- 05:04 PM
दिल्ली (Sun Set Time Today In Patna)- 05:32 PM
कोलकाता (Sun Set Time Today In Kolkata)- 04:56 PM
नोएडा (Sun Set Time Today In Noida)- 05:31 PM
मुंबई (Sun Set Time Today In Mumbai)- 06:02 PM
रांची (Sun Set Time Today In Ranchi)- 05:07 PM
लखनऊ (Sun Set Time Today In Lucknow)- 05:19 PM
बनारस (Sun Set Time Today In Banaras)- 05:13 PM
Nov 7, 2024 | 04:02 PM IST

छठ पूजा अर्घ्य टाइम

07 नवंबर को दिल्ली के समयानुसार सूर्यास्त का समय शाम 5 बजकर 32 मिनट पर होगा। इस समय में संध्या अर्घ्य दिया जाएगा।
Nov 7, 2024 | 03:35 PM IST

Chhath puja significance: छठ पूजा महत्व

मान्यताओं अनुसार इस व्रत को करने से व्यक्ति को हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है। लेकिन मुख्य रूप से छठ व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं। वहीं ये व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए भी खास माना जाता है।
Nov 7, 2024 | 03:02 PM IST

घर पर छठ पूजा कैसे करें? (Ghar par chhath puja kaise kare)

घर पर छठ पूजा आप अपने आंगन या फिर छत पर कर सकते हैं। सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए आप छत पर ही छोटे बच्चों के स्वीमिंग पूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए पूल में पानी भर लें और उसमें खड़े होकर आप सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। इस विधि से आप बिना घाट पर जाए ही अपनी छठ पूजा संपन्न कर सकते हैं। अगर आपके पास स्वीमिंग पूल नहीं है तो आप अपनी छत पर ही मिट्टी से एक गोल आकार बनाएं और उसे अच्छे से ईंटों से कवर कर लें। फिर इसके ऊपर एक प्लास्टिक की शीट लेकर उसे अंदर की तरफ दबा दें। फिर इसमें पानी भर लें। सूर्य को अर्घ्य आप इसमें खड़े होकर भी दे सकती हैं।
Nov 7, 2024 | 02:28 PM IST

Chhath puja why celebrated: छठ पूजा क्यों मनाया जाता है

कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि नहाय खाय से लेकर सप्तमी तिथि उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक छठ पर्व मनाया जाता है। इस दौरान भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा अर्चना की जाती है। छठ पूजा खास तौर पर संतान की कामना और लंबी उम्र के लिए की जाती है। छठी मैया सूर्यदेव की बहन हैं और इस पर्व पर इन दोनों की ही पूजा अर्चना की जाती है।
Nov 7, 2024 | 02:03 PM IST

Chhath puja kyun manaya jata hai: छठ पूजा क्यों मनाया जाता है

कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि नहाय खाय से लेकर सप्तमी तिथि उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक छठ पर्व मनाया जाता है। इस दौरान भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा अर्चना की जाती है। छठ पूजा खास तौर पर संतान की कामना और लंबी उम्र के लिए की जाती है। छठी मैया सूर्यदेव की बहन हैं और इस पर्व पर इन दोनों की ही पूजा अर्चना की जाती है।
Nov 7, 2024 | 01:31 PM IST

छठ पूजा के नियम (Chhath Puja Ke Niyam)

छठ पूजा में शुद्धता, संयम और अनुशासन का विशेष महत्व होता है। इसलिए व्रतधारी को पूरे व्रत के दौरान शुद्धता बनाए रखनी चाहिए।

-छठ पूजा साफ और नए कपड़े पहनकर करनी चाहिए।

-छठ पूजा के दौरान घर में प्याज, लहसुन और मांसाहारी चीजों का सेवन किसी के लिए भी वर्जित है।

-व्रती के द्वारा बनाए गए छठ के भोजन में गंगाजल का उपयोग किया जाता है और इसे मिट्टी या कांसे के बर्तनों में बनाया जाता है।

-छठ पूजा की सामग्री प्रसाद, फल और अर्घ्य की सामग्री बांस की टोकरी यानी सूप में रखी जाती है।

-व्रतधारी को शरीर और मन की शुद्धि के लिए नदी, तालाब या किसी स्वच्छ जलाशय में स्नान करना जरूरी होता है।

-छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य जल में खड़े होकर दिया जाता है।

-व्रती को पूजा के दौरान चमड़े की वस्तुओं का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

-ध्यान रहे कि छठ का प्रसाद बनाने में उपयोग किए जाने वाले बर्तन और चूल्हा शुद्ध होना चाहिए।

-चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी या उपले का इस्तेमाल करें।

-व्रती को पलंग या चारपाई पर नहीं सोना चाहिए।
Nov 7, 2024 | 01:03 PM IST

Chhath Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi (छठ मईया की आरती लिरिक्स)

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
Nov 7, 2024 | 12:21 PM IST

Chhath Maiya Kaun Hai: छठ मैया कौन है

पौराणिक कथाओं के मुताबिक छठ मैया ब्रह्मा जी की मानस पुत्री और भगवान सूर्य की बहन हैं। षष्ठी देवी यानी छठ मैया संतान प्राप्ति की देवी हैं।
Nov 7, 2024 | 12:16 PM IST

lok aastha ka mahaparv chhath: लोक आस्था का महापर्व छठ

छठ पूजा सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का एक प्रमुख पर्व है, जिसे विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व है। इस दौरान महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य के लिए 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं। इसके अलावा, संतान प्राप्ति की कामना से भी छठ का व्रत करना फलदायी माना गया है।
Nov 7, 2024 | 11:31 AM IST

छठ पूजा Special उगs हे सूरज देव Uga Hai Suraj Dev

Nov 7, 2024 | 10:24 AM IST

छठ माता किसका अवतार है?

देवी कात्यायनी छठवें दिन की देवी हैं, इसलिए कात्यायनी माता ही छठी माता का स्वरूप हैं।
Nov 7, 2024 | 09:07 AM IST

Chhath Puja Katha: छठ पूजा कथा

महाभारत के अनुसार, कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे। वह प्रतिदिन घंटों तक जल में खड़े होकर सूर्य की पूजा करते थे। सूर्य की कृपा से कर्ण महान योद्धा बने और उन्हें अत्यधिक शक्ति और पराक्रम प्राप्त हुआ। कहा जाता है कि कर्ण ने ही सबसे पहले सूर्य देव की आराधना के रूप में छठ पूजा की शुरुआत की थी।
Nov 7, 2024 | 08:03 AM IST

Chhath Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi (छठ मईया की आरती लिरिक्स)

जय छठी मईया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
Nov 7, 2024 | 07:08 AM IST

पहिले पहिल हम कईनी छठ गीत लिरिक्स (pahile pahil hum kaini lyrics)

पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहर,
छठी मईया व्रत तोहर।
करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार,
भूल-चूक गलती हमार।
गोदी के बलकवा के दिहा, छठी मईया ममता-दुलार,
छठी मईया ममता-दुलार।
पिया के सनईहा बनईहा, मैया दिहा सुख सार,
मैया दिहा सुख सार।
नारियल केरवा घवदवा, साजल नदिया किनार,
साजल नदिया किनार।
सुनिहा अरज छठी मैया, बढ़े कुल परिवार,
बढ़े कुल परिवार।
घाट सजवली मनोहर, मैया तोरा भगती अपार,
मैया तोरा भगती अपार।
लिहि ए अरग हे मैया, दिहीं आशीष हजार,
दिहीं आशीष हजार।
पहिले पहिल हम कईनी, छठीमैया बरत तोहर,
छठीमैया व्रत तोहर।
करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार
भूल-चूक गलती हमार, भूल-चूक गलती हमार।
Nov 7, 2024 | 06:15 AM IST

छठ पर्व के तीसरे दिन क्या करते हैं

छठ के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य का आयोजन किया जाता है, जिसमें व्रतधारी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह पूजा शाम के समय घाट या नदी में की जाती है। इस दिन व्रतधारी व्रत रखकर संध्या समय सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं। पूजा के लिए बांस की टोकरी में ठेकुआ, फल, नारियल, गन्ना, और अन्य सामग्री रखी जाती है। परिवार और समाज के लोग एक साथ घाट पर जाकर सूर्य को नमन करते हैं।
Nov 6, 2024 | 10:00 PM IST

छठ पूजा कैसे मनाते हैं

कार्तिक माह में मनाए जाने वाले इस त्योहार के पहले दिन नहाय खाय की परंपरा को निभाया जाता है। इसके अगले दिन खरना पूजा होती है। इसके बाद निर्जला व्रत की शुरुआत होती है। इसके अगले दिन व्रत किया जाता है और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है।
Nov 6, 2024 | 09:28 PM IST

छठ पूजा का इतिहास क्या है

त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।
Nov 6, 2024 | 09:00 PM IST

chhath puja samagri list: छठ पूजा का सामान

गन्ना
कपूर
दीपक
अगरबत्ती
बाती
कुमकुम
चंदन
धूपबत्ती
माचिस
फूल
हरे पान के पत्ते
साबुत सुपाड़ी
शहद
हल्दी
मूली
पानी वाला नारियल
अक्षत
अदरक का हरा पौधा
बड़ा वाला मीठा नींबू
शरीफा
केला और नाशपाती
शकरकंदी
सुथनी
मिठाई
पीला सिंदूर
दीपक
घी
गुड़
गेंहू
चावल का आटा
Nov 6, 2024 | 08:33 PM IST

छठ पूजा में कोसी कैसे भरा जाता है

कोसी बनाने के लिए सबसे पहले छठ पूजा की टोकरी को एक स्थान पर रखकर इसे चारों ओर चार या सात गन्ने की मदद से एक छत्र बनाया जाता है। गन्ने को खड़ा करने से पहले उसके ऊपरी हिस्से पर एक लाल कपड़े में ठेकुआ और फल आदि रखे जाते हैं। अब इसके अंदर मिट्टी के हाथी को रखा जाता है और उसके ऊपर एक घड़ा रखा जाता है।
Nov 6, 2024 | 08:00 PM IST

Why Chhath Puja is Celebrated? (क्यों मनाई जाती है छठ पूजा)

छठ पूजा का पर्व सूर्य देव को धन्यवाद देने और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। लोग इस दौरान सूर्य देव की बहन छठी मईया की भी पूजा करते हैं।
Nov 6, 2024 | 07:42 PM IST

छठ पूजा क्यों मनाते हैं

त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।
Nov 6, 2024 | 07:21 PM IST

पीरियड में छठ पूजा कैसे करें

छठ का व्रत यदि एक बार शुरू कर दिया जाता है तो उस व्रत को बीच में नहीं छोड़ा जाता है। छठ पर्व में शारिरिक और मानसिक दोनों ही शु्द्धता बहुत ही मान्य रखती है। ऐसे में यदि किसी भी महिला को छठ व्रत के बीच में पीरियड आ जाए तो वो व्रत तो कर सकती हैं, लेकिन पूजा के सामान को छूने की मनाही होती है। पीरियड के दौरान आप निर्जला व्रत जरूर रख सकती है पर पूजा का प्रसाद बनवाने से लेकर अन्य सारे काम आप किसी और से करवा सकती हैं। वहीं अगर आपके पीरियड्स का पहला या दूसरा दिन ही हो तो आप सूर्य देवता को अर्घ्य भी ना दें। वो भी अपने परिवार या पड़ोस में किसी व्रती महिला से दिलवा सकती है। अगर आपके पीरियड का पांचवां दिन हो तो आप सर धोकर अच्छे नहाकर सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित कर सकती हैं।
Nov 6, 2024 | 06:59 PM IST

छठ पूजा का तीसरा दिन

छठ पर्व में छठी मैया और सूर्यदेव की पूजा-आराधना का विशेष महत्व है। छठ के तीसरे दिन किसी तालाब या नदी में खड़े होकर शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता है कि इस समय सूर्य देव अपनी दूसरी पत्नी प्रत्यूषा के साथ होते हैं। प्रत्यूषा को शाम के समय की देवी माना जाता है।
Nov 6, 2024 | 06:40 PM IST

7 november 2024 ko kya hai

7 नवंबर 2024 को छठ पूजा का संध्य अर्घ्य दिया जाएगा।
Nov 6, 2024 | 06:01 PM IST

छठ पूजा कहां मनाया जाता है

छठ के पहले दिन संध्याकाल अर्घ्य होता है, जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल की टोकरी या सूप का इस्तेमाल किया जाता है. छठ पूजा एक हिंदू त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में मनाया जाता
Nov 6, 2024 | 05:40 PM IST

छठ पूजा का इतिहास क्या है: Chhath Puja History

छठ पर्व से जुड़ी एक पौराणिक लोक कथा के अनुसार जब भगवान श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस लौटे तो कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन ही राम राज्य की स्थापना हो रही थी, उस दिन भगवान राम और माता सीता ने व्रत रखा और सूर्य देव की आराधना की। कहत हैं सप्तमी के दिन सूर्योदय के समय उन्होंने पुनः अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया था। ऐसा माना जाता है, कि तब से लेकर आज तक छठ पर्व के दौरान ये परंपरा चली आ रही है।
Nov 6, 2024 | 05:01 PM IST

छठ पूजा कैसे करते हैं: Chhath puja kaise karte hain

स दिन व्रती महिलाएं मिट्टी का नया चूल्हा बनाती हैं। गुड़ और चावल की खीर का प्रसाद बनाती हैं। इसके बाद खरना पूजा होती है और छठी मैया को प्रसाद का भोग अर्पित किया जाता है। इस प्रसाद को व्रती महिलाएं ग्रहण करती हैं और परिवार के सदस्यों में प्रसाद का वितरण किया जाता है।
Nov 6, 2024 | 04:40 PM IST

छठ पूजा के नियम (Chhath Puja Ke Niyam)

छठ पूजा में शुद्धता, संयम और अनुशासन का विशेष महत्व होता है। इसलिए व्रतधारी को पूरे व्रत के दौरान शुद्धता बनाए रखनी चाहिए।

-छठ पूजा साफ और नए कपड़े पहनकर करनी चाहिए।

-छठ पूजा के दौरान घर में प्याज, लहसुन और मांसाहारी चीजों का सेवन किसी के लिए भी वर्जित है।

-व्रती के द्वारा बनाए गए छठ के भोजन में गंगाजल का उपयोग किया जाता है और इसे मिट्टी या कांसे के बर्तनों में बनाया जाता है।

-छठ पूजा की सामग्री प्रसाद, फल और अर्घ्य की सामग्री बांस की टोकरी यानी सूप में रखी जाती है।

-व्रतधारी को शरीर और मन की शुद्धि के लिए नदी, तालाब या किसी स्वच्छ जलाशय में स्नान करना जरूरी होता है।

-छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य जल में खड़े होकर दिया जाता है।

-व्रती को पूजा के दौरान चमड़े की वस्तुओं का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

-ध्यान रहे कि छठ का प्रसाद बनाने में उपयोग किए जाने वाले बर्तन और चूल्हा शुद्ध होना चाहिए।

-चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी या उपले का इस्तेमाल करें।

-व्रती को पलंग या चारपाई पर नहीं सोना चाहिए।
Nov 6, 2024 | 04:00 PM IST

छठ पूजा कितने दिन का होता है: Chhath Puja Kitne din ka hota hai

छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला आस्था का पर्व है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व से राजा प्रियव्रत की एक पौराणिक कहानी जुड़ी हुई है।
Nov 6, 2024 | 03:32 PM IST

छठ पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद | Chhath Puja Prasad

  • ठेकुआ
  • केला
  • डाभ नींबू
  • नारियल
  • गन्ना
  • सिंघाड़ा, सुपारी और सुथनी
  • आंवला
  • मूली और पत्ते
  • कच्चा हल्दी
  • खजूर
  • त्रिफला
Nov 6, 2024 | 02:34 PM IST

छठ पूजा 2024 सूर्य अर्घ्य समय (Chhath Puja Surya Arghya Time 2024)

संध्या अर्घ्य: 7 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 32 मिनट से
उषा अर्घ्य: 8 नवंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 38 मिनट तक।
Nov 6, 2024 | 01:35 PM IST

Chhath Puja Third Day: छठ पूजा का तीसरा दिन

छठ के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य का आयोजन किया जाता है, जिसमें व्रतधारी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह पूजा शाम के समय घाट या नदी में की जाती है। इस दिन व्रतधारी व्रत रखकर संध्या समय सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं। पूजा के लिए बांस की टोकरी में ठेकुआ, फल, नारियल, गन्ना, और अन्य सामग्री रखी जाती है।
Nov 6, 2024 | 12:30 PM IST

Chhath Puja History In Hindi: छठ पूजा का इतिहास

छठ पर्व से जुड़ी एक पौराणिक लोक कथा के अनुसार जब भगवान श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस लौटे तो कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन ही राम राज्य की स्थापना हो रही थी, उस दिन भगवान राम और माता सीता ने व्रत रखा और सूर्य देव की आराधना की। कहत हैं सप्तमी के दिन सूर्योदय के समय उन्होंने पुनः अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया था। ऐसा माना जाता है, कि तब से लेकर आज तक छठ पर्व के दौरान ये परंपरा चली आ रही है।
Nov 6, 2024 | 12:03 PM IST

<sup>Khesari Lal Yadav Chhath Puja Songs: खेसारी लाल यादव छठ पूजा गाने</sup>

Nov 6, 2024 | 11:36 AM IST

घर पर छठ पूजा कैसे करें? (chhath puja Ghar Par kaise kare)

सामान्यत: छठ पूजा नदी के घाट पर की जाती है लेकिन अगर आपके आस-पास घाट नहीं है तो आप घर की छत या आंगन में भी छठ पूजा कर सकते हैं। आप अपनी सभी छठ पूजा सामग्रियों को एकत्रित करके छठ माता की पूजा करें। इसके बाद फिर सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए आप अपने घर की छत पर ही छोटे बच्चों के लिए इस्तेमाल होने वाला स्वीमिंग पूल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए उस पूल में पानी भरें और उसमें खड़े होकर आप सूर्य को अर्घ्य दे सकती हैं। इस प्रकार से बिना घाट पर जाए ही आप अपनी छठ की पूजा संपन्न कर सकते हैं।
Nov 6, 2024 | 10:41 AM IST

छठ पूजा की सामग्री (Chhath Puja Samagri List In Hindi)

बांस की टोकरी यानी सूप: इसमें पूजा की सामग्री रखी जाती है।
ठेकुआ: गेहूं के आटे और गुड़ से बना विशेष प्रसाद।
फलों का प्रसाद: केला, नारियल, गन्ना, अनार, सेब, नींबू, और अन्य मौसमी फल।
गंगाजल: स्नान और सूर्य को अर्घ्य देने के लिए।
नारियल: जल से भरा नारियल पूजा के लिए आवश्यक है।
दीपक: मिट्टी का दीपक और शुद्ध घी।
धूप और अगरबत्ती: सूर्य देव की आरती और पूजन के लिए।
सिंदूर और हल्दी: सुहागन स्त्रियों के लिए विशेष पूजन सामग्री।
कपूर: पूजा में आरती के लिए।
Nov 6, 2024 | 09:58 AM IST

Chhath Puja Kitne Din Ka Hota Hai: छठ पूजा कितने दिन का होता है

छठ पूजा 4 दिन का होता है। जिसमें पहले दिन नहाय खाय पूजा होती है है, दूसरे दिन खरना पूजा का होता है, तीसरे दिन संध्या अर्घ्या और चौथे दिन उषा अर्घ्य दिया जाता है।
Nov 6, 2024 | 08:32 AM IST

छठ पूजा Special छठ पूजा गीत

Nov 6, 2024 | 07:20 AM IST

Chhath Puja 2024: छठ पूजा की शुरुआत कितने की थी

छठ पूजा की एक और प्रसिद्ध कथा महाभारत काल से जुड़ी है। जब पांडव अपना राजपाट हार गए थे, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था। वह सूर्य देव की उपासना करके अपने पति और परिवार की समृद्धि और पुनः राजपाट प्राप्त करने के लिए व्रत करने लगीं। उनकी भक्ति और तपस्या के परिणामस्वरूप पांडवों को खोया हुआ राजपाट और सुख-समृद्धि प्राप्त हुई।

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