Chhath Vrat dos and donts: छठ व्रत के दिन क्या करें क्या नहीं, जानिए इसके नियम
Chhath Vrat Dos And Donts: छठ पर्व को महापर्व के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में इस व्रत को लेकर खास नियम बताए गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं छठ व्रत के दिन क्या करें क्या नहीं। यहां जानिए सारे नियम।
Chhath Vrat Dos And Donts
Chhath Vrat Dos And Donts: छठ का व्रत हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि के दिन रखा जाता है। ये व्रत पूरे चार दिनों तक चलता है। इस साल छठ का व्रत 7 नवंबर 2024 से शुरू होगा और 8 नवंबर 2024 को उषा अर्घ्य के साथ इस व्रत का समापन होगा। छठ के व्रत में सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित किया जाता है और इस दिन छठी मईया की पूजा की जाती है। छठ व्रत के दौरान महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं और विधिवत सूर्य देव की उपासना करती हैं। ये व्रत परिवार की सुख, समृद्धि और संतान की तरक्की के लिए किया जाता है। शास्त्रों में छठ व्रत के दिन के लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि छठ व्रत के दिन क्या करें और क्या नहीं।
Chhath Vrat Dos (छठ व्रत के दिन क्या करें)
- छठ व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद पूरे घर की सफाई कर लें।
- छठ के दिन छठ का प्रसाद बनाने के लिए साफ मिट्टी के चूल्हे का ही इस्तेमाल करें।
- छठ पूजा के व्रत के दिन व्रती को अखंडित वस्त्र ही पहनना चाहिए।
- छठ पूजा के दिन व्रती को बेड पर ना सोकर नीचे बिस्तर बिछाकर सोना चाहिए।
- इस दिन व्रत का प्रसाद चढ़ाने के लिए बांस के सूप या टोकरी का ही प्रयोग करें।
Chhath Vrat Donts (छठ पूजा के दिन क्या ना करें)
- इस दिन भोजन में लहसुन और प्याज का सेवन भूलकर ना करें।
- छठ पूजा व्रत के दिन मांस मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
- छठ व्रत के दिन किसी भी प्रकार के वाद- विवाद में नहीं फंसना चाहिए।
- छठ व्रत का पारण उषा अर्घ्य देने के बाद ही करना चाहिए।
- इस दिन गलती से भी अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
Chhath Puja Ke Niyam (छठ पूजा व्रत के नियम)
छठ पूजा का व्रत लोक आस्था का सबसे बड़ा महापर्व माना जाता है। ये व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक होता है। छठ व्रत में मिट्टी के चूल्हे का ही प्रयोग करें। इसके साथ ही इस दिन मिट्टी के बर्तन ही इस्तेमाल करने चाहिए। मिट्टी के बर्तनों के बिना छठ पूजा का व्रत अधूरा माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन शुद्ध देशी घी में ही ठेकुआ प्रसाद बनाकर भोग लगाना चाहिए और भोग में गन्ने का प्रयोग जरूर करना चाहिए।
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जयंती झा author
बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हु...और देखें
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