Chhath Vrat Me Kya-Kya Kha Sakte Hai: छठ व्रत में क्या-क्या खा सकते हैं और क्या नहीं, जानिए व्रत का पारण किस चीज से करना चाहिए

Chhath Vrat Me Kya-Kya Kha Sakte Hai: छठ व्रत निर्जला रखा जाता है यानि कि इस व्रत में अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता। लेकिन गर्भवती महिलाओं को बिना कुछ खाए पिए ये व्रत नहीं रखना चाहिए। चलिए ऐसे में जानते हैं बीमार और गर्भवती महिलाएं छठ व्रत में क्या-क्या खा सकती हैं।

Chhath Vrat Me Kya-Kya Kha Sakte Hai

Chhath Vrat Me Kya-Kya Kha Sakte Hai

Chhath Vrat Me Kya-Kya Kha Sakte Hai: छठ पर्व में महिलाएं 36 घंटों का निर्जला व्रत रखती हैं। इस दौरान अन्न और जल का पूरी तरह से त्याग कर दिया जाता है। यही कारण है कि छठ व्रत सबसे कठिन माना जाता है। इसलिए ये जरूरी है कि जिन महिलाओं का स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है उन्हें ही ये व्रत रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान में रखते हुए छठ व्रत नहीं रखना चाहिए। लेकिन अगर फिर भी अगर ये व्रत रहना चाहती हैं तो कुछ बातों का खास ध्यान रखें। सबसे पहले तो आप छठ व्रत निर्जला न रखें। जानिए गर्भवती महिलाएं छठ व्रत में क्या खा सकती हैं और क्या नहीं।

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छठ व्रत में क्या-क्या खा सकते हैं? (Chhath Vrat Me Kya Kya Kha Sakte Hai)

छठ व्रत में कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता है। दरअसल ये व्रत निर्जला रखना होता है। ऐसे में छठ व्रत उन्हीं को रखना चाहिए जो छठ व्रत रखने में सक्षम हों। जिनका स्वास्थ्य ठीक हो।

प्रेग्नेंट महिलाएं छठ व्रत में क्या खाएं (Pregnant Lady Chhath Vrat Me Kya Khaye)

प्रेग्नेंट महिलाओं को वैसे तो छठ व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे आपकी और आपके गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत बिगड़ सकती है। लेकिन अगर फिर भी आप छठ व्रत रखना चाहती हैं तो ये व्रत निर्जला न रखें। आप छठ व्रत में हल्का फलाहार ले सकती हैं। व्रत के दौरान फल, नारियल और नींबू का पानी पीते रहें। जिससे शरीर की ऊर्जा में कोई कमी न आ सके। छठ पूजा में लंबे समय तक पानी में खड़े रहने की भी परंपरा होती है, लेकिन प्रेग्नेंसी में देर तक खड़े रहने की वजह से पैरों में सूजन की समस्या हो जाती है। ऐसे में प्रेगनेंट महिलाएं सावधानी बरतें।

छठ का व्रत खोलते समय क्या खाएं? (What to eat while breaking the fast of Chhath)

छठ व्रत खोलने के बाद व्रती को नीबू, गुड़-पानी या शक्कर-पानी का भगवान को भोग लगाने के बाद इससे अपना व्रत खोलना चाहिए। इसके बाद कुछ फल खाने चाहिए। ध्यान रहे कि इस दिन जो भी भोजन करते हैं, उसे पहले भगवान को भोग लगाएं। इसके बाद ही खुद उस भोजन का सेवन करना चाहिए।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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