Chhath Vrat Vidhi In Hindi: छठ व्रत कैसे किया जाता है, यहां जानिए इसकी व्रत विधि और नियम

Chhath Vrat Vidhi In Hindi (छठ व्रत कैसे किया जाता है): छठ पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है। इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व माना जाता है। यहां आप जानेंगे छठ व्रत कैसे रखा जाता है। छठ की व्रत विधि क्या है।

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Chhath Vrat Vidhi In Hindi

Chhath Vrat Vidhi In Hindi (छठ व्रत कैसे किया जाता है): छठ व्रत के दौरान महिलाएं 36 घंटों तक अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करती हैं क्योंकि ये व्रत निर्जला रखा जाता है। छठ सबसे कठिन व्रतों में से एक है। जो कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं डबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। फिर अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। चलिए आपको बताते हैं छठ व्रत की पूरी विधि।

Chhath Puja Ke Gane

छठ व्रत विधि (Chhath Vrat Vidhi In Hindi)

-छठ पूजा के तीसरे दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि से मुक्त होकर 36 घंटों के निर्जला छठ व्रत का संकल्प लें।

-इस दिन अन्न और जल किसी भी चीज का सेवन नहीं किया जाता है।

-छठ व्रत की शाम को व्रती नदी के तट पर जाते हैं और वहां स्नान आदि करके डूबते सूरज को अर्घ्य देते हैं। छठ पूजा के इस पहले अर्घ्य को संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है।

-ध्यान रखें कि सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए बांस की टोकरी का ही प्रयोग करें और अर्घ्य जल से दिया जाता है।

-इसके अलावा छठ पूजा में आप जिन टोकरियों का इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें फल, फूल, सिंदूर आदि सभी सामग्रियां ठीक से रखें।

-सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद टोकरी में ही ठेकुआ, मालपुआ और अन्य व्यंजन को भोग स्वरुप चढ़ाया जाता है।

-पूरे दिन निर्जला व्रत का पालन करने के बाद आप अगले दिन सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है।

छठ पूजा के नियम (Chhath Puja Ke Niyam)

-छठ पूजा में शुद्धता, संयम और अनुशासन का विशेष महत्व होता है। इसलिए व्रतधारी को पूरे व्रत के दौरान शुद्धता बनाए रखनी चाहिए।

-छठ पूजा साफ और नए कपड़े पहनकर करनी चाहिए।

-छठ पूजा के दौरान घर में प्याज, लहसुन और मांसाहारी चीजों का सेवन किसी के लिए भी वर्जित है।

-व्रती के द्वारा बनाए गए छठ के भोजन में गंगाजल का उपयोग किया जाता है और इसे मिट्टी या कांसे के बर्तनों में बनाया जाता है।

-छठ पूजा की सामग्री प्रसाद, फल और अर्घ्य की सामग्री बांस की टोकरी यानी सूप में रखी जाती है।

-व्रतधारी को शरीर और मन की शुद्धि के लिए नदी, तालाब या किसी स्वच्छ जलाशय में स्नान करना जरूरी होता है।

-छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य जल में खड़े होकर दिया जाता है।

-व्रती को पूजा के दौरान चमड़े की वस्तुओं का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

-ध्यान रहे कि छठ का प्रसाद बनाने में उपयोग किए जाने वाले बर्तन और चूल्हा शुद्ध होना चाहिए।

-चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी या उपले का इस्तेमाल करें।

-व्रती को पलंग या चारपाई पर नहीं सोना चाहिए।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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