Chitragupta Aarti Hindi: श्री चित्रगुप्त आरती के हिंदी लिरिक्स, यहां देखें ॐ जय चित्रगुप्त हरे आरती लिखित में

Chitragupta Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi (ॐ जय चित्रगुप्त हरे आरती लिखित में): कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा की जाती है। इस दिन लोग किताब, कलम, दवात और बहीखातों की पूजा करते हैं। यहां देखें चित्रगुप्त पूजा आरती।

Chitragupta aarti

Chitragupta Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

Chitragupta Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi (ॐ जय चित्रगुप्त हरे आरती लिखित में): आज देश भर में चित्रगुप्त पूजा का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन लोग विधि विधान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। मान्यता है इनकी पूजा से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। भगवान चित्रगुप्त इंसान के पाप पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं। इसलिए इनकी पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। यहां देखें चित्रगुप्त जी की आरती के लिरिक्स।

Chitragupta Puja Vidhi, Shubh Muhruat

Chitragupta Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi (चित्रगुप्त जी की आरती लिखित में)

ॐ जय चित्रगुप्त हरे,

स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।

भक्तजनों के इच्छित,

फलको पूर्ण करे॥

विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,

सन्तनसुखदायी ।

भक्तों के प्रतिपालक,

त्रिभुवनयश छायी ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत,

पीताम्बरराजै ।

मातु इरावती, दक्षिणा,

वामअंग साजै ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक,

प्रभुअंतर्यामी ।

सृष्टि सम्हारन, जन दु:ख हारन,

प्रकटभये स्वामी ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

कलम, दवात, शंख, पत्रिका,

करमें अति सोहै ।

वैजयन्ती वनमाला,

त्रिभुवनमन मोहै ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

विश्व न्याय का कार्य सम्भाला,

ब्रम्हाहर्षाये ।

कोटि कोटि देवता तुम्हारे,

चरणनमें धाये ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

नृप सुदास अरू भीष्म पितामह,

यादतुम्हें कीन्हा ।

वेग, विलम्ब न कीन्हौं,

इच्छितफल दीन्हा ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

दारा, सुत, भगिनी,

सबअपने स्वास्थ के कर्ता ।

जाऊँ कहाँ शरण में किसकी,

तुमतज मैं भर्ता ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

बन्धु, पिता तुम स्वामी,

शरणगहूँ किसकी ।

तुम बिन और न दूजा,

आसकरूँ जिसकी ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

जो जन चित्रगुप्त जी की आरती,

प्रेम सहित गावैं ।

चौरासी से निश्चित छूटैं,

इच्छित फल पावैं ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

न्यायाधीश बैंकुंठ निवासी,

पापपुण्य लिखते ।

'नानक' शरण तिहारे,

आसन दूजी करते ॥

ॐ जय चित्रगुप्त हरे,

स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।

भक्तजनों के इच्छित,

फलको पूर्ण करे ॥

कौन हैं चित्रगुप्त महाराज ?

चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ था। इनका काम लोगों के कर्मों के हिसाब किताब रखना है। चित्रगुप्त जी की पूजा करने से लेखनी, वाणी और विद्या का वरदान मिलता है। चित्रगुप्त हिंदुओं के प्रमुख देवता में गिने जाते हैं।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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