Chitragupta Puja Katha In Hindi: चित्रगुप्त पूजा की व्रत कथा पढ़ने से हर पाप से मिलेगा छुटकारा

Chitragupta Puja Vrat Katha In Hindi: चित्रगुप्त पूजा का त्योहार हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। यहां जानिए चित्रगुप्त पूजा की व्रत कथा।

Chitragupta Puja Vrat Katha In Hindi

Chitragupta Puja Vrat Katha In Hindi: चित्रगुप्त पूजा का त्योहार इस साल 15 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन चित्रगुप्त पूजा के साथ कलम दवान, बहीखातों की भी विधिवत पूजा की जाती है। कहते हैं इस दिन की पूजा से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। पुराणों के अनुसार चित्रगुप्त पूजा से व्यक्ति को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। यहां जानिए चित्रगुप्त पूजा की व्रत कथा।

Chitragupta Puja Vrat Katha In Hindi

किसी नगर में एक सौदास नाम का राजा रहता था। वह किसी के साथ भी अच्छा नहीं करता था। क्योंकि वह एक अन्यायी और अत्याचारी राजा था। एक दिन वह अपने राज्य में घूम रहा था तभी उसका सामना एक ब्राह्मण से हुआ जो पूजा कर रहे थे। ब्राह्मण को देख राजा की जिज्ञासा जगी और उनसे पूछा कि वह किस भगवान की पूजा कर रहे हैं। ब्राह्मण ने कहा कि आज कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन है। इसलिए मैं मृत्यु के देवता यमराज और चित्रगुप्त की पूजा कर रहा हूं।
ब्राह्मण ने कहा कि इस पूजा से पाप कम होते हैं और नरक से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा सुनकर सौदास ने भी अनुष्ठानों का पालन करते हुए पूजा करना शुरू कर दिया। राजा की मृत्यु के बाद जब उसे यमराज के पास ले जाया गया। तो भगवान चित्रगुप्त ने उनके कर्मों को देखा। फिर उन्होंने यमराज को सूचित किया कि इस राजा ने भले ही कई सारे पाप किए हैं लेकिन उसने पूरी श्रद्धा से आपका यानि यम का पूजन किया है। इसलिए राजा को नरक नहीं भेजा जा सकता। इस प्रकार राजा केवल एक दिन पूजा करने से ही अपने सभी पापों से मुक्त हो गया।
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