छोटी दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त शुरू, यहां जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा
छोटी दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और यम देवता की पूजा की जाती है। कई जगह इस दिन हनुमान जी और काली माता की भी पूजा होती है। चलिए आपको बताते हैं छोटी दिवाली कैसे मनाई जाती है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
छोटी दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त शुरू, यहां जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा
छोटी दिवाली पर नरक चतुर्दशी, हनुमान जयंती और काली चौदस का त्योहार भी मनाया जाता है। छोटी दिवाली को कई जगह रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन शाम में माता लक्ष्मी, हनुमान भगवान और काली माता की पूजा होती है। फिर शुभ मुहूर्त में यम के नाम का दीपक निकाला जाता है। कहते हैं छोटी दिवाली पर यम के नाम का दीया जलाने से घर परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु के बाधा से मुक्ति मिल जाती है। इस साल छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जा रही है। चलिए आपको बताते हैं छोटी दिवाली और नरक चतुर्थी पूजा का मुहूर्त, विधि, सामग्री लिस्ट, महत्व सबकुछ।
Chhoti Diwali Wishes In Hindi
छोटी दिवाली पूजा मुहूर्त 2024 (Chhoti Diwali Puja Muhurat 2024)
छोटी दिवाली 30 अक्टूबर की दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से 31 अक्टूबर की दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। छोटी दिवाली पूजा का मुहूर्त 30 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
Diwali Laxmi Pujan Vidhi
नरक चतुर्दशी 2024 पर यम दीपक जलाने का समय (Narak Chaturdashi 2024 Par Yam Deepak Jalane Ka Time)
नरक चतुर्दशी पर यम दीपक जलाने का समय शाम 5 बजकर 30 मिनट से शाम 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। नरक चतुर्दशी पर्व को ‘नरक चौदस’, ‘रूप चतुर्दशी’, ‘काल चतुर्दशी’ तथा ‘छोटी दीवाली’ के नाम से भी जाना जाता है।
दीया जलाने का मंत्र (Diya Jalane Ka Mantra)
ॐ यमदेवाय नमः
नरक चतुर्दशी पूजा विधि (Narak Chaturdashi Puja Vidhi)
नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज और चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। कहते हैं जो कोई इस दिन सच्चे मन से यमराज की पूजा करता है उसे नरक के भय से मुक्ति मिल जाती है। कई जगह ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। नरक चतुर्दशी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान किया जाता है। फिर शाम में यम के लिए दीपदान किया जाता है।
छोटी दिवाली पर क्या करते हैं (Chhoti Diwali Par Kya Karte Hain)
छोटी दिवाली पर शाम के समय हनुमान पूजा, काली पूजा और यमराज के निमित्त दिए जलाए जाने का विधान है। इस दिन शाम के समय यम के नाम सा दीपक निकाला जाता है। छोटी दिवाली पर 14 दीपक जलाने का विधान है।
छोटी दिवाली पर कितने दीपक जलाने चाहिए? (Chhoti Diwali Par Kitne Diya Jalane Chahiye)
छोटी दिवाली पर 14 दीपक जलाने की परंपरा है। जिसमें एक दीपक यमराज के निमित्त, दूसरा मां काली के लिए, तीसरा भगवान श्री कृष्ण के लिए, चौथा घर के मुख्य द्वार के लिए, पांचवा दीपक घर की पूर्व दिशा के लिए, छठवा दीपक घर की रसोई में मां अन्नपूर्णा के लिए, सातवां घर की छत पर, आठवां तुलसी माता के लिए, नवां दीपक बालकॉनी के लिए या घर की सीढ़ियों के पास जलाकर रखा जाता है। बचे हुए दीपकों को घर के इष्ट देव और अन्य देवी-देवताओं को समर्पित किया जाता है। ध्यान रखें कि सभी दीपक सरसों के तेल में ही जलाएं।
Choti diwali ke puja kaise karen: छोटी दिवाली की पूजा कैसे करें
छोटी दिवाली के दिन सुबह के समय तिल का तेल लगा कर स्नान करने से भगवान कृष्ण की कृपा से रूप और सौंदर्य की प्राप्ति होती है।इस दिन भगवान कृष्ण, यम देवता और हनुमानजी की पूजा अर्चना की जाती है।
इस दिन सुबह स्नान आदि के बाद हनुमानजी का पूजन करें। सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं इसके बाद हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना करें।
फिर एक जल का लोटा भरकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। फिर हनुमान जी को हलवे का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करें।
सबसे पहले भगवान कृष्ण की प्रतिमा को तिलक लगाएं और फिर भगवान कृष्ण की आरती करें और अंत में उन्हें भी भोग लगाएं।
इसके अलावा शाम के समय भी घर में पूजा करें और रात के समय घर के बाहर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके एक तेल का दीपक यम देवता के नाम से जलाएं।
Narak Chautrdashi Puja Vidhi (नरक चतुर्दशी पूजा विधि)
नरक चतुर्दशी के दिन शरीर में तेल लगाकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें।उसके बाद विधि- विधान के साथ यमराज की पूजा करें।
फिर शाम के समय में दीपदान जरूर करें और यम दीप जलाएं।
इस दिन भगवान कृष्ण की भी विधिवत पूजा करें।
घर की दक्षिण दिशा साफ करके शाम में यम के नाम का दीपक जलाएं।
छोटी दिवाली पूजा मुहूर्त: Chhoti Diwali Puja Muhurat
चौघड़िया शाम में 7 बजकर 14 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक।अमृत चौघड़िया रात में 8 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट तक।
छोटी दिवाली पूजा विधि: Chhoti diwali Puja Vidhi
छोटी दिवाली को रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर आप सुबह तिल का तेल लगाकर स्नान करते हैं तो भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से आपको रूप और सौन्दर्य की प्राप्ति होती है।इस दिन भगवान कृष्ण और यमदेव के साथ-साथ हनुमानजी की भी पूजा की जाती है। इस दिन हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। \
इस दिन स्नान के बाद धूप-दीप जलाकर हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
इस दिन लोग हनुमान चालीसा और हनुमान जी की आरती करते हैं और फिर हनुमान जी को भोग लगाते हैं।
इस दिन शाम को घर के प्रवेश द्वार पर चार दिशाओं वाला आटे का दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपक कहा जाता है।
यह दीपक दक्षिण मुखी सामने वाले दरवाजे पर होनी चाहिए।
choti diwali diya jalane ke time: छोटी दिवाली पर दिया जलाने का टाइम
छोटी दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम के 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। आप छोटी दिवाली की पूजा करने के बाद घर के बाहर दक्षिण दिशा में यम का दीया रख सकते हैं। पौराणिक मान्यता है कि यम का दीया निकालने के बाद उसके पास नहीं जाना चाहिए।Choti diwali par kitne diye jalaye: छोटी दिवाली पर कितने दिए जलाएं
इस दिन 14 दीपक जलाने की परंपरा है। छोटी दीवाली के दिन एक दीपक यमराज के निमित्त भी जलाया जाता है। वहीं, दूसरा दीया मां काली के लिए जलाया जाता है और तीसरा दीया भगवान श्री कृष्ण के लिए।narak chaturdashi Katha: नरक चतुर्दशी की कथा
कथाओं के अनुसार, नरकासुर नाम का एक राक्षस था, जिसने अपने अत्याचारों से पृथ्वी पर आतंक मचा रखा था। उसने 16,000 कन्याओं को बंदी बना लिया था और अनेक ऋषि-मुनियों को परेशान कर रखा था। देवताओं की प्रार्थना पर भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ नरकासुर का वध किया और उन कन्याओं को मुक्त कराया। कहा जाता है कि इस दिन नरकासुर का वध हुआ था और इसीलिए इसे नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।Choti Diwali puja timing today: छोटी दिवाली पूजा का समय क्या होगा
लाभ चौघड़िया शाम में 4 बजकर 14 मिनट से 5 बजकर 37 मिनट तक।इसके बाद शुभ चौघड़िया शाम में 7 बजकर 14 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक।
अमृत चौघड़िया रात में 8 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट तक।
यम दीपक कैसे जलाएं (Yam Deepak Kaise Jalaye)
यम का दीपक जलाने के लिए मिट्टी का एक बड़ा और चौमुखा दीपक लें। इसमें चार बत्तियां लगा लें और सरसों का तेल भर दें। फिर शाम को प्रदोष काल में दक्षिण दिशा की तरफ ये दीपक जलाएं।छोटी दिवाली पर कितने दिये जलाएं: how many diya ligh on choti diwali
इस दिन पांच दीपक जलाना शुभ होता है। इसके अलावा, छोटी दीवाली पर 7, 14 या 21 दीपक भी जला सकते हैं।3choti diwali pooja timing 2024: छोटी दिवाली पूजा टाइमिंग 2024
लाभ चौघड़िया शाम में 4 बजकर 14 मिनट से 5 बजकर 37 मिनट तक।इसके बाद शुभ चौघड़िया शाम में 7 बजकर 14 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक।
अमृत चौघड़िया रात में 8 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट तक।
yam deep daan 2024: यम दीप दान 2024
यम दीपक कोई धनतेरस के दिन निकालता है तो कोई नरक चतुर्दशी के दिन। 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी है। इस दिन देवी-देवताओं की पूजा के बाद शुभ मुहूर्त में शाम के समय यमराज के नाम से दीपक जरूर जलाएं।Bhoot Chaturdashi 2024: भूत चतुर्दशी
विक्रम संवत के पंचांग के अनुसार भूत चतुर्दशी की तिथि हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता हैं। वर्ष 2024 में भूत चतुर्दशी की तिथि 30 अक्टूबर को बुधवार के दिन पड़ी हैं। इसे घर से बुरी शक्तियों या नकारात्मक उर्जाओं को दूर करने के लिए मनाया जाता है।छोटी दिवाली पर क्या नहीं करना चाहिए? : Chhoti diwali par kya na kare
नरक चतुर्दशी के दिन घर की दक्षिण दिशा को गंदा नहीं करना चाहिए.ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पितर और यमराज नाराज हो सकते हैं.
छोटी दिवाली के दिन तिल के तेल का दान नहीं करना चाहिए.
मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का वास घर में नहीं होता है.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के दिन भूलकर भी झाड़ू को पैर नहीं मारना चाहिए.
छोटी दिवाली के दिन झाड़ू को सीधा खड़ा भी नहीं करना चाहिए.
मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और घर में नहीं वास करती हैं
Choti diwali significance: :छोटी दिवाली का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, छोटी दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का संहार किया था. इसलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. इसलिए इस दिन लोग राक्षस पर भगवान कृष्ण की जीत का जश्न मनाते हैं. घरों की साफ-सफाई करते हैं और इसे फूलों या लाइटों से सजाते हैं।छोटी दिवाली पर क्या करें
छोटी दिवाली पर घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं और 14 दिए जलाएं। इस दिन यम के नाम से भी दीप दान जरूर करें।नरक चतुर्दशी 2024 यम दीपक जलाने का टाइम (Narak Chaturdashi 2024 Yam Deepak Jalane Ka Time)
नरक चतुर्दशी पर यम दीपक जलाने का समय शाम 5 बजकर 30 मिनट से शाम 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।यम दीपक जलाने की विधि (Yam Deepak Jalane Ki Vidhi)
यम का दीपक जलाने के लिए मिट्टी का एक बड़ा और चौमुखा दीपक लें। इसमें चार बत्तियां लगा लें और सरसों का तेल भर दें। फिर शाम को प्रदोष काल में दक्षिण दिशा की तरफ ये दीपक जलाएं।इस दिन कैसे करें कृष्ण भगवान और हनुमान जी की पूजा?
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठे और अपने पूरे शरीर पर तिल का तेल लगाएं और उसके बाद स्नान करें।
- नहाने के बाद भगवान कृष्ण और हनुमान जी की पूजा करें।
- हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें और उस पर धूप, दीप, नवैद्य, दीप जलाएं।
- हनुमान जी को गुलाब की माला चढ़ाएं और सिन्दूर लगाएं उसके बाद उनकी आरती करें।
छोटी दिवाली का दूसरा नाम क्या है
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है।छोटी दिवाली पर करें ये काम
छोटी दिवाली के दिन कुल देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए और उनके साथ पितरों के नाम का भी दीपक जलाना चाहिएछोटी दिवाली पर कितने दीए जलाने चाहिए
इस दिन भी घर में दीप जलाए जाते हैं। इस दिन मुख्य तौर पर 14 दीपक जलाने की परंपरा है।छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी पर क्या करना चाहिए
इस दिन किसी पुराने दीपक में शाम के समय यम के नाम का दीपक जलाना चाहिए। लेकिन इस क्रिया से पहले सुबह सरसों का तेल और उपटन लगाकर स्नान करना चाहिए। पूरे दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। शाम में हनुमान भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। फिर यम के नाम की दीपक निकालना चाहिए।छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी चौघड़िया मुहूर्त 2024
लाभ - उन्नति - 06:32 AM से 07:55 AMअमृत - सर्वोत्तम - 07:55 AM से 09:18 AM
शुभ - उत्तम - 10:41 AM से 12:05 PM
चर - सामान्य - 02:51 PM से 04:14 PM
लाभ - उन्नति - 04:14 PM से 05:37 PM
शुभ - उत्तम - 07:14 PM से 08:51 PM
अमृत - सर्वोत्तम - 08:51 PM से 10:28 PM
चर - सामान्य - 22:28 PM से 12:05 PM
नरक चतुर्दशी पर क्या करते हैं (Narak Chaturashi Par Kya Karte Hain)
नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली और काली चौदस भी कहा जाता है। इसी दिन हनुमान जयंती भी होती है। जिस दौरान विशेष तौर पर शाम के समय हनुमान पूजा, काली पूजा और यमराज के निमित्त दिए जलाए जाने का विधान है। माना जाता है कि छोटी दिवाली पर ऐसा करने से हर तरह का भय समाप्त हो जाता है और परिवार की अकाल मृत्यु नहीं होती है।Ganga Snan 2024 Date: कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान कब है 15 या 16 नवंबर, जानिए सही तारीख और मुहूर्त
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