Dadi Nani Ki Salah: बेवजह की नहीं है दादी-नानी सलाह, घर से बाहर जाने से पहले दूध पीने से इसलिए रोकती हैं वो
Dadi Nani Ki Salah: घर से बाहर जाते व्यक्ति को कभी न टोकें खाने या दूध पीने के लिए। शरीर में घट जाता है ऑक्सीजन लेवल। हाे सकता है जीवन के लिए घातक भी। यदि गलती से कर भी लिया है दूध या भाेजन का सेवन तो कुछ देर आराम करके ही निकलें घर से बाहर। दादी− नानी की सलाह जरूर मानें क्योंकि ये सलाह लिये होती है वैज्ञानिक आधार भी।
- घर से निकलते वक्त नहीं करना चाहिए दूध का सेवन
- शरीर में हो जाता है केमिकल लोचा, हो सकती है मौत भी
- बाहर जाते व्यक्ति पर न बनाएं दूध या खाना खाने का दबाव
Dadi Nani Ki Salah: बेटा अभी-अभी दूध पीया है, घर से बाहर मत जाओ तुरंत। अभी भाेजन करके चुके हो, थोड़ी देर आराम करके ही बाहर जाना। आम घरों में दादी-नानी अक्सर ये सलाह घर से बाहर जाने वाले परिवार के सभी सदस्यों को देती थीं। बहुत बार उनकी बात मान ली और बहुत बार नहीं भी मानी। जब मान ली तब बाद में किया कर्य सफल रहा और जब नहीं मानी तो कार्य में असफलता भी मिल गयी। लेकिन बहुत दफा जब घर से बाहर दूध पीकर निकले तो अचानक तबियत खराब हो गयी।लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे वैज्ञानिक आधार छिपा है।
जी हां, दादी-नानी का ये टोकना आपके जीवन को संकट से बचाने के लिए ही होता था। इसके पीछे सनातन विज्ञान का आधार छिपा है।
यात्रा के समय दूध या भाेजन न ही करें तो बेहतर
यात्रा के लिए विदा लेते समय या शुभ कार्यों के लिए निवास से प्रस्थान करते समय भाेजन या दूध ग्रहण करने का आग्रह करना सनातन धर्म में निषेध माना गया है इसका परिणाम मृत्यु या दुर्घटना या फिर कार्य में असफलता भी हो सकता है। दरअसल दूध में काफी ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। दूध में लैक्टिक एसिड पाया जाता है। जोकि शरीर में अपच, एसिडिटी, गैस जैसी समस्याएं पैदा करता है। यदि यात्रा से ठीक पूर्व घर से निकलते वक्त दूध का सेवन किया जाएगा तो ये सारी परेशानियां शरीर में हो सकती हैं। लगातार बैठने की यात्रा में दूध सही रूप में पच नहीं पाता और श्वसन की प्रक्रिया में लैक्टिक एसिड का उत्पादन होने लगता है, जो मांसपेशियाें को सक्रिय नहीं रहने देता और थकान आने लगती है।
इसलिए नहीं खाना चाहिए हैवी फूड
इसी तरह गरिष्ठ भाेजन यानी हैवी फूड भी यात्रा से पूर्व नहीं करना चाहिए। घर के बड़े बुजुर्ग बहुत बार यात्रा पर जाने से पहले हैवी फूड करने को मना करते हैं। क्योंकि यात्रा के दौरान शरीर पूर्व में किये गए गरिष्ठ भाेजन को पचा नहीं पाता। पाचन क्रिया को अधिक कार्य करना पड़ता है। जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी भी हो जाती है। बहुत बार हार्ट भी पंपिंग सही से नहीं कर पाता है। ये स्थिति प्राणघातक हो सकती है। यदि यात्रा पर निकल रहे हैं तो हल्का भाेजन या फल अथवा जूस लेकर निकलें। मानव में ये दोनाें आग्रह उसकी गति एवं कार्यशैली में गतिरोध उत्पन्न करते हैं। इसलिए घर से जाते समय कभी भी किसी व्यक्ति को दूध पीकर जाएं, भोजन करके जाएं शब्दों का प्रयोग न करें। यदि भूल से पूछ भी लें तो उसे कुछ क्षण के लिए विश्राम का अवश्य कहें। कुछ समय विश्राम करने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह लेवल में हो जाता और पेशियां फिर से कार्य करने लगती हैं।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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