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Dasha Mata Ki Katha: दशा माता का व्रत रखने वाली महिलाएं आज जरूर पढ़ें ये कथा

Dasha Mata Ki Katha (दशा माता की व्रत कथा): दशा माता का व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा परिवार की सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। पंचांग अनुसार ये व्रत हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को पड़ता है। यहां आप जानेंगे दशा माता की कथा।

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Dasha Mata Ki Katha

Dasha Mata Ki Katha (दशा माता की व्रत कथा): दशा माता की पूजा इस साल 24 मार्च को की जाएगी। धर्म ग्रंथों अनुसार दशा माता देवी पार्वती का ही एक रूप हैं। कहते हैं जो श्रद्धालु इनकी सच्चे मन से पूजा करता है उसकी घर की दशा यानी स्थिति सुधर जाती है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस व्रत में महिलाएं कच्चे सूत से 10 तार वाला धागा 10 बार पीपल के पेड़ को लपेटती हैं और फिर उस धागे में 10 गांठें लगाकर उसे अपने गले में धारण करती हैं। कहते हैं ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। यहां आप देखेंगे दशा माता की कथा।

Dasha Mata Ki Katha (दशा माता की व्रत कथा)

दशा माता की कथा अनुसार एक नल नाम के राजा थे जो अपनी पत्नी महारानी दमयंती के साथ सुख पूर्वक रहते थे। रानी दमयंती भगवान विष्णु और मां महालक्ष्मी को चंदन लगाकर मौली बांधकर उनसे राज्य की सुख समृद्धि की प्रार्थना किया करती थी। जो चंदन लगी मौली बचती थी फिर वो उसे अपने गले में धारण कर लेती थीं। एक दिन राजा नल ने क्रोध में आकर रानी के गले का धागा तोड़कर फैक दिया। लेकिन धागे के टूटने से राजा का सौभाग्य भी टूट गया और राजा का सबकुछ खत्म हो गया और कुछ ही दिन में राजा निर्धन हो गया । एक दिन राजा को सपने में एक बूढ़ी स्त्री दिखाई थी जिसने उन्हें पीपल के पेड़ की पूजा कर पीला धागा अर्पित करने की सलाह दी। राजा ने रानी सहित अश्वत्थ पूजन किया और चंदन लगी मौली अर्पित करके व्रत किया। इस पूजन को करने से उनको अपना राज्य फिर से प्राप्त हो गया।

Dasha Mata Ki 10 Kahaniya (दशा माता की 10 कहानियां)

Dasha Mata Vrat Benefits (दशा माता का व्रत रखने का फायदा)

दशा माता का व्रत रखने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है। परिवार का माहौल खुशहाल रहता है।

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