Dashama Vrat Katha: दशमा व्रत पूजा के समय जरूर पढ़ें ये पौराणिक कथा
Dashama Vrat Katha: दशामा व्रत दस दिनों तक चलने वाला एक आयोजन है जिसमें दशमा माता की पूजा की जाती है। ये व्रत मुख्य रूप से गुजरात की महिलाओं द्वारा रखा जाता है। इस साल दशमा व्रत की शुरुआत 5 अगस्त से हो रही है। यहां हम आपको बताएंगे दशमा व्रत कथा और पूजा विधि।
Dashama Vrat Katha
Dashama Vrat Katha: दशमा व्रत की शुरुआत गुजराती कैलेंडर के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष के पहले दिन से होती है और फिर लगातार 10 दिनों तक ये पर्व मनाया जाता है। इस दौरान दशमा का आशीर्वाद पाने के लिए विभिन्न तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। कहते हैं इस व्रत पूजन को करने से घर-परिवार में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। दशमा माता को मोमई मां के नाम से भी जाना जाता है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं दशामा की व्रत कथा और पूजा विधि।
दशामा व्रत कथा (Dashama Vrat Katha)
दशामाता की व्रत कथा राजा नल और उनकी पत्नी दमयंती से जुड़ी है। उन दोनों के दो पुत्र थे। उनके राज्य की प्रजा बेहद सुख से रह रही थी। एक दिन होली दसा थी। उस दिन एक ब्राह्मणी राजमहल में आई और रानी से कहा कि दशा का डोरा ले लो। उस समय वहां मौजूद दासी बोली हां रानी साहिबा, आज के दिन सुहागिन स्त्रियां दशा माता का व्रत रखती हैं और इस डोरे को गले में बांधती हैं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके बाद रानी ने डोरा ले लिया और विधि अनुसार उसे गले में पहन लिया। पूरी कथा सुनने के लिए नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करें।
दशामा व्रत कथा गुजराती (Dashama Vrat Katha Gujrati)
दशामा व्रत पूजा विधि (Dashama Vrat Vidhi)
दशामा पूजन के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद पूजा का संकल्प लें। फिर पीपल के पेड़ की पूजा करें। इस दिन कच्चे सूत में 10 गांठ लगाकर उसकी भी पूजा करें। इसके बाद उसे अपने गले में बांध लं। फिर पीपल के पेड़ की 10 परिक्रमा करें। इसके बाद दीपक जलाएं। साथ में चावल, कुमकुम, गुलाल अर्पित करें। इस व्रत वाले दिन एक ही बार बिना नमक के भोजन का सेवन करें। इसके बाद महिलाएं दशा माता से घर की दशा सुधारने की प्रार्थना करती हैं। दशामा की पूजा के अंत में व्रत कथा करें और फिर आरती करें।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
19 January 2025 Panchang (19 जनवरी 2025 आज का पंचांग): कल इतने बजे रहेगा राहुकाल, पंचांग के जानें दिशा शूल, शुभ मुहूर्त, तिथि और रविवार के उपाय
Havan Ahuti Mantra 108: हवन आहुति मंत्र 108 और हवन करने की विधि यहां देखें, जिससे पंडित जी न मिलें तो आप खुद भी कर सकते हैं हवन
Kaal Sarp Dosh Upay: मौनी अमावस्या पर कर लें ये 3 खास उपाय, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति तो घर में आएगी सुख और समृद्धि
18 January 2025 Panchang (18 जनवरी 2025 आज का पंचांग): पंचांग से जानिए शनिवार को कब है पूजा का शुभ मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
Moon Rise Time, 17 January 2025: पंचांग से जानिए सकट चौथ का चांद कितने बजे दिखाई देगा
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited