Deepak Rules: दीपक जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान, जगमगा उठेगी किस्मत

Deepak Rules: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ से लेकर शुभ कार्यों में दीपक जलाने का महत्व है। इसे तेज और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन पूजा में दीपक जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखें, तभी इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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आरती में दीपक जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • दीपक प्रज्वल्लित किए बिना हिंदू धर्म में अधूरी मानी जाती है हर पूजा
  • तुलसी, पीपल, केला जैसे पेड़-पौधों की पूजा में जलाएं मिट्टी का दीपक
  • वास्तु के अनुसार घी का दीपक जलाएं से घर पर आती है पॉजिटिविटी

Puja Deepak Rules and Importance: हिंदू सनातन धर्म में पौराणिक काल से ही पूजा-पाठ में दीपक जलाने की परंपरा चली आ रही। पूजा के समय दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है। धर्म शास्त्रों में दीपक जलाने की कई लाभ के बारे में बताए गए हैं। इतना ही नहीं दीपक जलाने से जुड़ी अलग-अलग विधियों के बारे में भी चर्चा की गई है। जैसे हम पूजा में आटे का दीपक, पीतल के दीपक, मिट्टी के दीपक और अन्य धातु से निर्मित दीपक को जलाते हैं। इन सभी का अपना अलग-अलग महत्व होता है। जानते हैं पूजा में दीपक जलाने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में।

दीपक जलाने से वास्तु दोष होता है दूर

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के समय दीपक जलाने का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार घर में दीपक जलाने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और दरिद्रता का नाश होता है। पुराणों के अनुसार दीपक जलाने का अर्थ होता है जीवन के अंधकार को प्रकाश से दूर करना। वास्तु शास्त्र में भी घर में घी के दीपक जलाने की बात कही गई है।

दीपक जलाते समय इन मंत्रों का करें जाप

शास्त्रों के अनुसार घर में नियमित पूजा-पाठ के समय या किसी शुभ कार्यों में दीपक जलाते हुए " शुभम् करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्। शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीप ज्योति नमोस्तुते।। " इन मंत्रों के जाप करना चाहिए। इसका अर्थ है " जो शुभ करता है, कल्याण करता है, आरोग्य रखता है, धन संपदा करता है और शत्रु बुद्धि का विनाश करता है, ऐसे दीप यानी दीपक की रोशनी को मैं नमन करता/करती हूं।"

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अलग-अलग धातुओं से निर्मित दीपक का महत्व

हिन्दू धर्म में बिना दीपक जलाएं और बिना तिलक लगाएं पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार मासिक पूजा या फिर किसी खास मुहूर्त पर की जा रही पूजा में आरती के लिए आटे का दीपक बनाकर उसमें घी के दिए जलाने चाहिए। शास्त्रों में घर में नियमित होने वाले पूजा-पाठ के लिए पीतल के बर्तन में घी के दिए जलाने की सलाह दी गई है। पूजा-पाठ के बाद मंदिरों में या घर के बाहर पेड़-पौधों के पास दीपक जलाने के लिए मिट्टी के दीए में घी के दीपक जलाने की सलाह दी जाती है।

डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।

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