Deepotsav 2022: जय श्रीराम के जयघोष के साथ सजने लगे दीप, रेत पर जीवंत होंगे रामायण कालीन प्रसंग

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात अयोध्या दीपोत्सव के भव्य आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ऐतिहासिक और अभूतपूर्व होगा इस वर्ष का अयोध्या दीपोत्सव।

Deepotsav 2022: जय श्रीराम के जयघोष के साथ सजने लगे दीप, रेत पर जीवंत होंगे रामायण कालीन प्रसंग

Deepotsav in Ayodhya: छठवें दीपोत्सव के मद्देनजर राम की पैड़ी घाट पर दीप लगाने का कार्य शुक्रवार से शुरू हो गया। 2017 में दीपोत्सव की परिकल्पना करने वाले योगी आदित्यनाथ के दूसरे मुख्यमंत्रित्व काल के पहले दीपोत्सव को दिव्य-भव्य बनाने में हर कोई जुटा है। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां शामिल होंगे। दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए शुक्रवार को प्रातः 10 बजे से राम की पैड़ी के घाटों पर स्वयंसेवकों ने जयघोष के साथ दीयों को बिछाना शुरू कर दिया। स्वयंसेवकों को घाटों पर ले जाने के लिए प्रातः 8 बजे विश्वविद्यालय परिसर से दर्जनों बसों को लगाया गया। जो कई राउंड में पांच हजार स्वयंसेवकों को लेकर राम की पैड़ी पर पहुॅची। यहां घाट समन्वयकों की देखरेख में दीपों को सजाने का कार्य शुरू किया गया। वहीं दूसरी ओर घाट संख्या दस पर राम दरबार व रामायण कालीन आकृतियां उकेरी गई है। सभी स्वयंसेवक गले में दीपोत्सव पहचान-पत्र व सिर पर कैप लगाये रहे। बीच-बीच में स्वयंसेवकों द्वारा जयश्रीराम के उदघोष के साथ दीपोत्सव के प्रति इनका उत्साह देखते ही बन रहा है।

आज बिछा दिए जाएंगे दीप

23 अक्टूबर यानी छोटी दीपावली पर दीपोत्सव होगा। इसे यादगार बनाने के लिए 22 की दोपहर तक सभी घाटों पर लगभग 17 लाख दीये सज जायेंगे। दीपोत्सव नोडल अधिकारी व विवि सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने बताया कि छठवें दीपोत्सव को ऐतिहासिक व भव्य बनाने के लिए सभी लोग एकजुट होकर प्रयास कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के उत्साहित स्वयंसेवकों द्वारा 37 घाटों पर दीयों को सजाने का काम शुरू कर दिया गया है। अगले दिन विश्वविद्यालय, सम्बद्ध महाविद्यालयों व स्वयंसेवी संस्थाओं के 22 हजार स्वयंसेवक तैनात रहेंगे। सभी स्वयंसेवक दीपोत्सव पहचान-पत्र के साथ घाट पर उपस्थित रहेंगे। बिना पहचान पत्र के स्वयंसेवकों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा। दूसरे के पहचान-पत्र लेकर चलने पर कार्रवाई की जाएगी। प्रो. सिंह ने बताया कि घाट संख्या तीन के समीप चिकित्सकीय टीम तैनात कर दी गई है। 22 अक्टूबर को गिनीज बुक की टीम बिछाये गये दीयों की गणना करेगी। यह कार्य घाट समन्वयकों व ग्रुप लीडर की उपस्थिति में किए जायेंगे। घाटों की साफ-सफाई के लिए नगर निगम के स्वच्छता कर्मियों को तैनात किया गया है।

रेत पर जीवंत होंगे रामायण कालीन प्रसंग

अयोध्या दीपोत्सव को तैयारियां अंतिम चरण में हैं। अयोध्या की सौंदर्यीकरण में कोई कोर कसर न बाकी रहे इसके लिए एक तरफ जहां प्रशासन युद्धस्तर पर तैयारियों को पूरी कर रहा है। वहीं दूसरी ओर सरयू तट पर रेत पर रामायण कालीन सुंदर आकृतियां भी उकेरी जा रही हैं। रामायण कालीन चरित्रों का रेत के माध्यम से चित्रण अयोध्या सरयू तट पर स्थित VVIP सरयू अतिथि गृह के सामने वाराणसी से आये काशी विद्यापीठ फाइन आर्ट्स विभाग के छात्रों द्वारा किया जा रहा है। काशी विद्यापीठ के फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के छात्र रूपेश सिंह के नेतृत्व में 20 छात्रों का दल पिछले 2 दिनों से इस कार्य मे लगा हुआ है। रूपेश सिंह ने बताया कि अयोध्या दीपोत्सव में सैंड आर्ट स्कल्पचर के प्रदर्शन का इस बार तीसरा अवसर है,इससे पहले भी 2020,2021 में उनके द्वारा इसी तरह का प्रदर्शन किया जा चुका है। उकेरी जा रही कलाकृतियों के क्रम में सबसे पहले भगवान राम के पुष्पक विमान से आगमन,इसके बाद केवट अनुराग का प्रसंग,तत्पश्चात भरत मिलाप व चरण वंदना के माध्यम से चरित्रों को कृति के माध्यम से जीवंत किया जाएगा। इसी क्रम में भगवान राम के अयोध्या आगमन प्रजा की महिलाओं द्वारा ढिंढोरा पिटवाना,माताओं द्वारा आरती उतारने, के बाद राम दरबार की झांकी और अयोध्या में दीपोत्सव के प्रसंगों का चित्रण किया जाएगा।

जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के प्रसंगों पर निकलेंगी झांकियां

दीपोत्सव के दिन साकेत महाविद्यालय से शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए नया घाट चौराहे तक जाएगी। पिछली बार जहां 11 झाकियां निकाली गई थीं, वहीं इस बार 16 झाकियां निकाली जाएंगी। इन झांकियों में राम जन्मभूमि मॉडल, काशी कॉरिडोर, विजन 2047, 1090 तथा भगवान राम के जन्मकाल से लेकर राज्याभिषेक तक की यात्रा रहेगी। दीपोत्सव में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रामायण कालीन शिक्षा पर आधारित सामाजिक संदेश देने वाली झांकी होगी। नगर भ्रमण करने वाली झांकियों से संबंधित कलाकार 16 रथ पर सवार होंगे, जो अपनी कला के जरिये रामायण कालीन दृश्यों को जीवंत करेंगे।

इसके अलावा पूरे देश के विभिन्न जगहों के कलाकार रथ के आसपास नृत्य करते चलेंगे। इस बार 11 झांकियां सूचना विभाग की ओर से निकलेंगी। 5 झांकियां डिजिटल होंगी, जो पर्यटन विभाग की ओर से खुले ट्रकों पर निकाली जाएंगी। यह रामायण कालीन दृश्यों पर आधारित होंगी, जिसमें राम मंदिर का मॉडल और 2047 अयोध्या के विकास का मॉडल पेश किया जाएगा। अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ ने बताया कि इस बार दीपोत्सव में कई राज्य के कलाकारों को शोभायात्रा में सहभागिता करने का अवसर मिलेगा।

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कुलदीप राघव author

कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें

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