Delhi Birla Mandir Timing- बिरला मंदिर में दिखेगा प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण , जानें क्या है इसकी टाइमिंग
Delhi Birla Mandir Timing- आज यानि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इस दिन का लोगों को बहुत समय से इंतजार था। हर कोई अयोध्या पहुंच चुका है। दिल्ली के बिरला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण किया जाएगा। यहां जानें मंदिर की टाइमिंग के बारे में।
Delhi Birla Mandir Timing- 22 जनवरी यानि आज का दिन भारत के इतिहास में दर्ज किया जाएगा। आय अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन का इंताजर भारतवासियों को बहुत लंबे समय से था। अयोध्या में मेहमान पहुंच चुके हैं। भारत के गृह मंत्री अमित साह दिल्ली में स्थित बिरला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण देखेंगे। इस कड़ी में पहला नाम गृह मंत्री अमित शाह का है, जो दिल्ली के बिड़ला मंदिर में पूजा करेंगे। वहीं, अध्यक्ष जेपी नड्डा झंडेवालान में धर्मसभा करेंगे। आपको बता दें कि बीजेपी भी सोमवार को शहर भर में कई कार्यक्रम आयोजित करेगी। ऐसे में आइए जानते हैं बिरला मंदिर की टाइमिंग के बारे में।
Delhi Birla Mandir Timing (बिरला मंदिर टाइमिंग)बिरला मंदिर आने वाले सभी पर्यटकों को बता दें कि इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 4:30 बजे है और यह दोपहर 1:30 बजे तक खुला रहेगा। इसके बाद मंदिर दोपहर 2:30 बजे फिर से खुलेगा। बिड़ला मंदिर रात 9 बजे बंद हो जाता है। मंदिर के दर्शन के लिए प्रेमियों और पर्यटकों को कोई प्रवेश शुल्क नहीं देना पड़ता है। कृपया ध्यान दें कि मंदिर के अंदर कैमरे की अनुमति नहीं है। आज यानि प्राण प्रतिष्ठा के दिन पर सुबह से ही मंदिर के कपाट खुले हुए हैं। आज पूरे दिन प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण मंदिर में किया जाएगा।
बिरला मंदिर कैसे पहुंचेबिड़ला मंदिर नई दिल्ली में कनॉट प्लेस के पश्चिमी किनारे पर मंदिर मार्ग पर स्थित है। इस स्थान पर अच्छे परिवहन संपर्क हैं और प्रत्येक पर्यटक परिवहन के विभिन्न साधनों द्वारा यहां पहुंच सकता है। डीटीसी बसें 216, 610, 310, 729, 966, 990A1, 871 और RL77 सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक बिड़ला मंदिर की ओर चलती हैं। निकटतम मेट्रो स्टेशन ब्लू लाइन पर आरके आश्रम मार्ग है।
बिरला मंदिर इतिहास ( History Of Birla Mandir)
बिड़ला मंदिर की अद्भुत संरचना का निर्माण भारत के प्रसिद्ध और लोकप्रिय व्यवसायी बिड़ला परिवार द्वारा किया गया था। बीडी बिड़ला ने अपने बेटे जुगल किशोर बिड़ला के साथ मिलकर 1933 में मंदिर का निर्माण शुरू किया था। आपको बता दें कि मंदिर की आधारशिला महाराज उदयभानु सिंह ने रखी थी। इस मंदिर के निर्माण का नेतृत्व पंडित विश्वनाथ शास्त्री ने किया था। मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद स्वामी केशव नानजी ने समापन समारोह और यज्ञ किया। मंदिर की स्थापना महात्मा गांधी ने की थी, जिन्होंने शर्त लगाई थी कि मंदिर में प्रवेश भक्तों की जाति से निर्धारित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी वर्गों के भक्तों, चाहे वे ब्राह्मण हों या शूद्र, को मंदिरों में प्रार्थना करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
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