Dev Uthani Ekadashi Geet Lyrics: देव उठनी एकादशी गीत, उठो देव बैठो देव...पढ़ें पूरे लिरिक्स

Dev Uthani Ekadashi Geet (Utho Dev Baitho Dev Lyrics): इस साल देव उठनी एकादशी 23 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं। भक्त श्री हरि विष्णु को जगाने के लिए गीत गाते हैं। यहां देखें देव उठनी एकादशी का गीत।

Dev Uthani Ekadashi Geet

Dev Uthani Ekadashi Geet (Utho Dev Baitho Dev Lyrics): आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को योग निद्रा में गए भगवान विष्णु और सभी देवता कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को जागते हैं इसीलिए इसे देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का विधि विधान पूजन किया जाता है। फिर रात के समय परिवार के सभी सदस्य भगवान को शंख, घंटा-घड़ियाल आदि बजाकर जगाते हैं और साथ में ये वाक्य दोहराते हैं- उठो देवा, बैठा देवा, आंगुरिया चटकाओ देवा, नई सूत, नई कपास, देव उठाये कार्तिक मास। यहां जानिए देव उठनी एकादशी का गीत।

Dev Uthani Ekadashi Geet (देवउठनी एकादशी गीत)

उठो देव बैठो देव
हाथ-पाँव फटकारो देव
उँगलियाँ चटकाओ देव
सिंघाड़े का भोग लगाओ देव
गन्ने का भोग लगाओ देव
सब चीजों का भोग लगाओ देव ॥
उठो देव बैठो देव
उठो देव, बैठो देव
देव उठेंगे कातक मोस
नयी टोकरी, नयी कपास
ज़ारे मूसे गोवल जा
गोवल जाके, दाब कटा
दाब कटाके, बोण बटा
बोण बटाके, खाट बुना
खाट बुनाके, दोवन दे
दोवन देके दरी बिछा
दरी बिछाके लोट लगा
लोट लगाके मोटों हो, झोटो हो
गोरी गाय, कपला गाय
जाको दूध, महापन होए,
सहापन होएI
जितनी अम्बर, तारिइयो
इतनी या घर गावनियो
जितने जंगल सीख सलाई
इतनी या घर बहुअन आई
जितने जंगल हीसा रोड़े
जितने जंगल झाऊ झुंड
इतने याघर जन्मो पूत
ओले क़ोले, धरे चपेटा
ओले क़ोले, धरे अनार
ओले क़ोले, धरे मंजीरा
उठो देव बैठो देव

Dev Uthani Ekadashi Mahatva (देव उठनी एकादशी का महत्व)

मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 माह शयन के बाद जागते हैं। कई लोग इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी करते हैं। भगवान विष्णु के जागते ही सभी तरह के मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। कहते हैं जो व्यक्ति विधि विधान इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
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