शुभ मुहूर्त में धनतेरस पूजा करें संपन्न, जानें पूजा विधि, मंत्र, कथा और आरती
शुभ मुहूर्त में धनतेरस पूजा करें संपन्न, जानें पूजा विधि, मंत्र, कथा और आरती
अमूमन धनतेरस का त्योहार दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है। लेकिन इस बार तिथियों के संयोग के कारण धनतेरस का त्योहार दीपावली से एक दिन पहले मनाया जा रहा है। बता दें इस दिन धन्वंतरि देव के साथ मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पावन पर्व मनाया जाता है। यहां आप जानेंगे धनतेरस की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
Dhanteras 2022 Gold Buying Time
धनतेरस पूजा मुहूर्त 23 अक्टूबर 2022(Dhanteras 2022 Puja Muhurat): 23 अक्टूबर को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रहा है जिसकी समाप्ति शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगी। इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वृषभ काल शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। धत्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 2 मिनट से शुरू हो गई है और इसकी समाप्ति 23 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 3 मिनट पर होगी।
धनतेरस 2022 पूजा विधि (Dhanteras 2022 Puja Vidhi): सुबह उठकर स्नान कर साफ वस्त्र पहनें। चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर गंगाजल छिड़कें। इसके बाद चौकी पर भगवान धन्वंतरि, माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा स्थापित करें और स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। फिर नीचे लिखे मंत्र से भगवान धन्वंतरि का आह्वान करें। ( सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।) भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं। देवी-देवताओं को फूल अर्पित करें। नई खरीदी गई धातु या फिर बर्तन या ज्वैलरी को भी उस चौकी पर रख दें। भगवान कुबेर के लिए (ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये। धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥) मंत्र का जाप करें। पूजा के दौरान माता लक्ष्मी के मंत्रों का भी जाप करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं। इसके अलावा भगवान धन्वंतरि को पूजा स्थल पर आसन देने की भावना से चावल अर्पित करें। आचमन के लिए जल छोड़ें। फिर भगवान धन्वंतरि को मौली चढ़ाएं। खीर का भोग लगाएं। इसके बाद आचमन के लिए जल नीचे की ओर छोड़ें। पान, लौंग, सुपारी अर्पित करें। भगवान से रोग नाश की कामना के लिए ये मंत्र पढें (ऊं रं रूद्र रोग नाशाय धनवंतर्ये फट्।।)। फिर भगवान धन्वंतरि को श्रीफल और दक्षिणा अर्पित करें। पूजा के अंत में कर्पूर के साथ आरती करें।
धनतेरस पर्व की पूजा विधि, मंत्र, महत्व, कथा, आरती और संबंधित सभी जरूरी जानकारी जानने के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर...
लक्ष्मी मंत्र
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः:।।धनतेरस पर करें राशि अनुसार खरीदारी, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न:
मेष राशि- तांबे की कोई वस्तुवृषभ राशि- चांदी और हीरे के आभूषण
मिथुन राशि- कांसे के बर्तन
कर्क राशि- चांदी के बर्तन
सिंह राशि- गोल्डन पॉलिश वाले बर्तन
कन्या राशि- कांसे के बर्तन
तुला राशि- इलेक्ट्रॉनिक आइटम और चांदी के बर्तन
वृश्चिक राशि- तांबे के बर्तन
धनु राशि- पीतल के बर्तन
मकर राशि- इलेक्ट्रॉनिक सामान या लोहे के बर्तन
कुंभ राशि- मिक्स धातु से बने बर्तन
मीन राशि- पीतल के बर्तन
धनतेरस पूजा मंत्र (Dhanteras Puja Mantra):
धन्वंतरि देव मंत्र - 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमःलक्ष्मी पूजा मंत्र - ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मीये नमः
धन्वंतरि देव मंत्र - 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः
यम दीपम मंत्र - मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम।।
Kuber Ji Ki Aarti (कुबेर जी की आरती)
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
Dhanteras Puja Vidhi 2022: पूंछ छू कर करें प्रणाम
भोग लगाने के बाद गऊ माता की पूंछ छू कर उनको प्रणाम करें फिर उनके नेत्रों का दर्शन करें।Dhanteras: दाहिने ओर से ही निकलें
इस बात का खास ध्यान रखें कि जब आप गऊ माता से विदा लें तब उनके दाहिने ओर से ही निकलें। ऐसा करने से आपको गऊ माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।Dhanteras 2022: धूल को लगाएं माथे पर
घर लौटते समय गाय माता के खुर के पास की धूल को अपने माथे पर जरूर लगाना चाहिए। ऐसा कर के आप अपने सभी पापों से मुक्ति पा सकते हैं।Dhanteras 2022: भोग लगाते हुए इस मंत्र का जाप
गऊ माता को पहले बिठा लें तब उनको अपना भोग खिलाएं। भोग खा लेने पर उनको प्रणाम करें। भोग लगाते समय इस मंत्र ॐ सुरभ्ये नम: का जप जरूर करते रहें।Dhanteras 2022: गाय को लगाया जाता है विशेष भोग
धनतेरस पर गाय माता को विशेष भोग लगाया जाता है। जिस भोग को आपने भगवान जी को चढ़ाया था उसे ही गाय को खिला कर उन्हें आशीर्वाद प्राप्त करें।Dhanteras 2022, जानें पूजा का मुहूर्त
माना जाता है कि, भगवान धन्वंतरी ने ही आयुर्वेद की उत्पत्ति की थी। भगवान धन्वंतरी को सभी देवी देवताओं का चिकित्सक माना जाता है। इस दिन विधि विदान से भगवान धन्वंतरी की पूजा अर्चना करने से सबी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।Dhanteras 2022 - भगवान धन्वंतरी का हुआ था जन्म
पौराणिक कथाओं के अनुसार धनतेरस के दिन भगावन धन्वंतरी का जन्म हुआ था। इस दिन विधि विधान से भगवान धन्वंतरी की पूजा अर्चना करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कष्टों का निवारण होतता है। ऐसे में विधि विधान से भगवान धन्वंतरी की पूजा अर्चना करना ना भूलें।धनतेरस पर खरीदारी का महत्व
धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी आदि खरीदने की मान्यता है। भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन बर्तन आदि खरीदने की परंपरा है।धनतेरस पर इन चीजों की जरूर करें खरीदारी
इस दिन श्री धन वर्षा यंत्र, कुबेर यंत्र, महाल्क्ष्मी यंत्र आदि ख़रीद सकते हैं। इन सभी यंत्रों को विधिवत स्थापित कर दिवाली के दिन पूजा करें।Kuber Ji Ki Aarti (कुबेर जी की आरती)
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
धनतेरस पर झाड़ू की खरीदारी होती है शुभ
झाड़ू का संबंध माता लक्ष्मी से माना जाता है। इस कारण धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना शुभ होता है। इस कारण धनतेरस के दिन झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन सींक वाली झाड़ू खरीदने से गरीबी दूर हो जाती है।धनतेरस पर खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त
23 अक्टूबर सुबह 7:51 से दोपहर 12 बजे तक लाभ अमृत चौघड़िया 23 अक्टूबर दोपहर 1:30 से 3 बजे तक शुभ चौघड़िया 23 अक्टूबर शाम 6 से रात 10:30 बजे तक चर, लाभ अमृत चौघड़ियाधनतेरस खरीदारी मुहूर्त 2022
धनतेरस का पूरा दिन शुभ रहेगा। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय खरीदारी कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सबसे शुभ मुहूर्तों की तलाश कर रहे हैं तो 23 अक्टूबर सुबह 7:51 से दोपहर 12 बजे तक खरीदारी का पहला सबसे शुभ मुहूर्त है। फिर दोपहर 1:30 से 3 बजे तक का समय भी खरीदारी के लिए शुभ रहने वाला है। फिर अगला शुभ मुहूर्त शाम 6 से रात 10:30 बजे तक रहेगा।धनतेरस पर इस मंत्र का जरूर करें जाप
इस दिन भगवान धनवंतरि के पौराणिक मंत्र का जाप करना सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति दिलाता है और उत्तम आरोग्य की प्राप्ति कराता है। यह मंत्र निम्नलिखित है:ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतरायेः अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धनवंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः।
धनतेरस के दिन क्या न ख़रीदे?
वैसे तो धनतेरस के दिन नए सामान की ख़रीदारी शुभ मानी जाती है, लेकिन मान्यताओं के अनुसार इस दिन लोगों को कुछ चीजों को खरीदने से बचना चाहिए। धनतेरस के दिन काले रंग की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए। इस दिन कोई भी नुकीली चीज जैसे कि कैंची और चाकू नहीं खरीदना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन कांच का सामान नहीं खरीदना चाहिए।धनतेरस पर शाम में यम के नाम का दीपक जलाया जाता है
धनतेरस पर घर के मुख्य द्वार के बाहर सरसों के तेल से भरा चार मुंहा दीपक जलाया जाता है। मान्यता है इस दीपक को जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और घर के सदस्यों की अकाल मृत्यु से रक्षा करते हैं। यम दीपम मंत्र - मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम।।धनतेरस पर बना शुभ अमृत सिद्धि योग
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ-साथ अमृत सिद्धि योग भी बनेगा। 23 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 34 मिनट पर अमृत सिद्धि योग की शुरुआत हो जाएगी और ये अगले दिन यानी 24 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।बिजनेस में सफलता पाने के लिए कुबेर मंत्र
ओम् श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:भगवान कुबेर के इस मंत्र का जाप करें-
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये। धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥पूजा के समय लाल रंग के फूल करें अर्पित
धनतेरस पर देसी घी का दीपक और धूप भगवान के सामने जलाएं। इसके साथ ही देवी और देवताओं को लाल रंग का फूल अर्पित करें।Dhanteras 2022: नहाने से पहले लगाएं उबटन
धनतेरस के दिन नहाने से पहले उबटन जरूर लगाएं एक बात का विशेष ध्यान रखें कि उपटन में हल्दी जरूर मिली हो। अगर आप उबटन नहीं लगा सकते तो नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिला कर नहाएं। नहाने का बाद पीला वस्त्र धारण करें और भगवान धन्वंतरि की पूजा करें।Dhanteras 2022: बिना तुलसी के भोग स्वीकार नहीं करते भगवान
धनतेरस पर भगवान को भोग लगाने के लिए शुद्ध देसी घी में पूरी तलें अब उसमें एक छोटा सा गुड़ थोड़ी सी हल्दी और एक हरा धनिया का पत्ता डाल कर भगवान को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रहे की भोग में तुलसी का पत्ता जरूर होना चाहिए क्योंकि भगवान विष्णु बिना तुलसी के कोई भी भोग स्वीकार नहीं करते हैं।Dhanteras 2022: घर की लक्ष्मी करें दीपदान
धनतेरस का दीपदान घर की लक्ष्मी यानी स्त्री को करना चाहिए। इस दिन किसी भी धातु का बर्तन खरीदें और उसमें मिठाई भर कर ही घर मे प्रवेश करें। धन्वंतरि देव, भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी के साथ गणपति जी को नए बर्तन में भोग लगाएं।भगवान कुबेर और लक्ष्मी जी का मंत्र (Dhanteras 2022 laxmi Ji Kuber Ji Mantra)
धनतेरस लक्ष्मी पूजा मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: है। वहीं, भगवान कुबेर यंत्र के पूजा का भी विधान है। हाथ में गंगाजल लेकर विनियोग मंत्र ‘अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र ऋषि:वृहती छन्द: शिवमित्र धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग:’ का जाप करें।Dhanteras 2022: इष्ट देवता की ऐसे करें पूजा
धनतेरस के दिन घर में अपने इष्ट देवता की पूजा करते समय स्वास्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका और सप्त मातृका का पूजन जरूर करें।Dhanteras 2022: इन राशि के जातक को व्यवसाय में मिलेगी सफलता
धनतेरस के दिन कर्क व कन्या राशि के जातक व्यवसाय में सफलता की प्राप्ति करेंगे।Dhanteras 2022: धनतेरस के दिन है मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत
धनतेरस के दिन मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत भी है। आज के दिन माता दुर्गा जी को प्रसन्न करने के लिए सिद्धिकुंजिकास्तोत्र व माता के 32 नामों का जप करें।Dhanteras 2022: करें इन दो मंत्रों का जाप
धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा के बाद इन दो मंत्रों का जाप जरूर करें। - श्री धन्वंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायण नम:।।- ओम् शंखं जलौका दधदमृघटं चारूदोर्भिश्चतुर्मि:।Dhanteras 2022: आरोग्य प्राप्ति के लिए मंत्र
भगवान धन्वंतरी के 10 शब्दों के इस मंत्र के जप से आपको आरोग्य की प्राप्ति होगी। ओम् नमो भगवत महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:Dhanteras 2022 Mantra: सुख-प्राप्त करने का मंत्र
जीवन में भोग-विलासिता की चीजों का सुख प्राप्त करने के लिए धनतेरस के दिन 'ॐ वैश्रवणाय स्वाहा:' मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।Dhanteras 2022: कुबेरजी का 35 अक्षरों वाले मंत्रों का जप
धनतेस पर कुबेर महाराज के इस 35 अक्षरों वाले मंत्रों का जप करें। इससे धन्य धान की कभी कोई कमी नहीं होगी।ओम् यक्षाय कुबेराय वैश्रवणायधनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।।Dhanteras 2022: श्रीकनकधारा की करें स्थापना
श्रीकनकधारा का पूजन व स्थापना धनतेरस और दीपावली पर जरूर करें। श्रीकनकधारा धन प्राप्ति व दरिद्रता दूर करने के लिए अचूक यंत्र है। यह यंत्र अष्टसिद्धि व नवनिधियों को देने वाला है।Dhanteras 2022: गणेशजी की मूर्ति खरीदते वक्त रखें ये ध्यान
गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति खरीदते हुए ध्यान दें कि उनकी सूंड बाईं तरफ मुड़ी हो और उनका वाहन चूहा साथ में जरूर बना हो।Dhanteras 2022 Upaay: घर के अंदर 13 दीप
धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार पर 13 और घर के अंदर 13 दीप जलाने चाहिए। याद रखें कि दीप सूर्यास्त के बाद ही जलाना है।23 को पूरे दिन कर सकेंगे खरीदारी
23 को पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। इसलिए इस दिन खरीदारी, निवेश और नई शुरुआत के लिए पूरे दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे।धनतेरस पूजा के शुभ मुहूर्त
हैदराबाद 07:14 पी एम से 08:18 पी एमअहमदाबाद 07:29 पी एम से 08:39 पी एम
बेंगलूरु 07:24 पी एम से 08:24 पी एम
मुम्बई 07:34 पी एम से 08:40 पी एम
मेरठ 06:58 पी एम से 08:15 पी एम
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