Dhanteras 2022: भगवान धन्वंतरी का यह मंत्र रखा जाता है गोपनीय, जप मात्र से गायब हो जाएगी बीमारी

Dhanteras 2022, Dhanteras Dhanwantri mantra in hindi: पौराणिक कथाओं के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे, इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से धन्वंतरी की पूजा अर्चना करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है भगवान धन्वंतरी का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता है।

भगवान धनवंतरी के इस मंत्र का करें जप, होगी आरोग्य की प्राप्ति

मुख्य बातें
  • आज शाम 6 बजकर 3 मिनट के बाद धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त।
  • भगवान धन्वंतरी की पूजा के बिना धनतेरस की पूजा होगी अधूरी।
  • भगवान धन्वंतरी को कहा जाता है आरोग्य का देवता।

Dhanteras 2022, Dhanteras Dhanwantri mantra in hindi: धनतेरस के अवसर पर भगवान धन्वंतरी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरी का जन्म हुआ था। भविष्य पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार भगवान धन्वंतरी समुद्र मंथन के दौरान हांथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरी को देवताओं के चिकित्सक के रूप में भी जाना जाता है। यही कारण है कि इन्हें आरोग्य का देवता कहा (Bhagwan Dhanwantri Mantra) जाता है। मान्यता है कि, धनतेरस के दिन विधि विधान से भगवान धन्वंतरी की पूजा अर्चना करने से स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं का अंत होता है। धन्वंतरी को श्रीहरि भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान धन्वंतरी ने ही आयुर्वेद की उत्पत्ति की।

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भगवान धन्वंतरी का प्रिय धातु पीतल है इसलिए धनतेरस पर पीतल खरीदना शुभ होता है। मान्यता है कि विधिवत भगवान धन्वंतरी की पूजा करने से उनका आशीर्वाद अपने (Dhanwantri Stotra) भक्तों पर सदैव बना रहता है। लेकिन ध्यान रहे भगवान धन्वंतरी की पूजा बिना मंत्रोच्चार के संपूर्ण नहीं मानी जाती है। यदि आपके घर परिवार का कोई सदस्य लंबी बीमारी से पीड़ित है, तो भगवान धन्वंतरी की विधिवत पूजा के बाद मंत्रों का उच्चारण करें। इससे जल्द ही आपको बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।

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