Dhanteras 2022: जानें धनतेरस 2022 की डेट, इन जगहों पर जरूर लगाएं 13 दीये

Dhanteras 2022 Date, Time In India (धनतेरस 2022 कब है): हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरी का जन्म हुआ था। इस दिन 13 दीये जलाने का विशेष महत्व है, इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है व धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव बना रहता है।

Dhanteras (1)

धनतेरस पर 13 दीये का महत्व

Dhanteras 2022 Date, Time In India: धनतेरस के दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की 13 दीयों के साथ पूजा की जाती है। इस दिन घर में 13 दीपों की पूजा करने के बाद पहला दीपक देवी लक्ष्मी के सामने यम के नाम से (Dhanteras 2022 Date) दक्षिण दिशा में, दो दीये मुख्य द्वार पर, एक दीपक तुलसी के पौधे में, एक घर की छत पर और अन्य दीपक घर के अलग-अलग कोनों में रखे जाते हैं। आइए जानते हैं, धनतेरस के दिन 13 दीयों का महत्व और उन्हें घर के अंदर और बाहर क्यों जलाया जाता है।
Significance Of Diyas In Dhanteras, धनतेरस पर 13 दिए जलाने के महत्व
भगवान धन्वंतरी को आकाशीय चिकित्सक (Dhanteras 2022 kab hai) के रूप में माना जाता है, जिनकी पूजा अच्छे स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए की जाती है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए ही धनतेरस पर 13 दिए जलाने का विधान है और हर दिए के लिए अलग-अलग दिशा और दशा बताई गई है। आगे जानते हैं..
पहला दीपक: पहला दीपक को घर के बाहर कूड़ेदान के पास दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके जलाने का विधान है। यह आपके परिवार में होने वाले बेवक्त या आकस्मिक मृत्यु को रोकता है।
दूसरा दीपक: एक घी के दिए में थोड़ा सा केसर छिड़क कर उसे मंदिर में रख दें। यह देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने का एक अनोखा तरीका है।
तीसरा दीपक: तीसरा दीपक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं। यह परिवार के सदस्यों को नजर-गुजर से रक्षा करेगा। परिवार के बीच प्यार बना रहेगा।
चौथा दीपक: चौथा दीपक तुलसी के पौधे के पास रखें। इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। घर में सकारात्मकता का संचार बढ़ता है।
पांचवां दीपक: पांचवां दीपक घर की छत पर लगाना चाहिए। यह सभी प्रकार के दोषों को दूर कर घर से अंधकार को मिटाता है। घर के लिए सुरक्षा कवच बनता है।
छठा दीपक: धनतेरस के दिन छठा दीया पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल में जलाना उचित माना जाता है। कहते हैं इसे देवी लक्ष्मी का निवास होता है। साथ ही यह वित्तीय और स्वास्थ्य समस्याओं को समाप्त करता है।
सातवां दीपक: अपने घर के आसपास के किसी भी मंदिर में दीपक जरूर जलाएं।
आठवां दीपक: आठवें दीपक को कूड़ेदान के पास रखें।
नौवां दीपक: मान्यता है कि वॉशरूम के बाहर रखने से सकारात्मक ऊर्जा घर के चारों ओर समान रूप से प्रवाहित होती है। इसलिए नौंवे दीपक को यहीं रखें।
दसवां दीपक: दसवें दीपक को जलाकर उसे एक सजावटी इरादे से खिड़की पर रखा जाता है।
ग्यारहवां दीपक: ग्यारहवां दीया उत्सव के माहौल और उत्सव को बरकरार रखने का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इसे छत की टैरेस पर रख आएं।
बारहवां दीपक: रात के समय बेल के पेड़ के नीचे जलाया जाता है। इससे घर में धन, सुख और समृद्धि बनी रहती है।
तेरहवां दीया: तेरहवें दीपक को अपने घर के चौराहे पर रख आएं। इससे आपके घर के सदस्यों को रोग-दोष आदि से छुटकारा मिलेगा।
Dhateras 2022, दीपक के दान का भी है महत्व
धनतेरस के दिन 13 दीपकों का दान करने का भी अलग महत्व है। इस दिन दीप दान करने से मन को शांति और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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