धनतेरस पूजा की पूरी विधि स्टेप बाय स्टेप यहां देखें
धनतेरस पूजा मुहूर्त 2022: धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए। ये मुहूर्त सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग 2 घण्टे 24 मिनट तक रहता है। 23 अक्टूबर को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रहा है जिसकी समाप्ति शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगी। प्रदोष काल शाम 05:33 से रात 08:05 तक रहेगा। वृषभ काल शाम 06:58 से रात 08:54 तक रहेगा।
धनतेरस खरीदारी मुहूर्त 2022: धनतेरस का पूरा दिन शुभ रहेगा। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय खरीदारी कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सबसे शुभ मुहूर्तों की तलाश कर रहे हैं तो 23 अक्टूबर सुबह 7:51 से दोपहर 12 बजे तक खरीदारी का पहला सबसे शुभ मुहूर्त है। फिर दोपहर 1:30 से 3 बजे तक का समय भी खरीदारी के लिए शुभ रहने वाला है। फिर अगला शुभ मुहूर्त शाम 6 से रात 10:30 बजे तक रहेगा।
भगवान धन्वंतरि जी का मंत्र
ओं नमो भगवते वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय वज्रजलौकहस्ताय सर्वामयविनाशनाय त्रैलोक्यनाथाय श्रीमहाविष्णवे स्वाहा ।धनतेरस पूजा मंत्र (Dhanteras Puja Mantra):
धन्वंतरि देव मंत्र - 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमःलक्ष्मी पूजा मंत्र - ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मीये नमः
धन्वंतरि देव मंत्र - 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः
यम दीपम मंत्र - मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम।।
Dhanteras Ki Aarti धनतेरस की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
धनतेरस पर कैसे करें पूजा (Dhanteras Puja Vidhi):
- धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा का विधान है।
- शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए। ये एक विशेष पूजा अनुष्ठान है जिसमें भगवान को 16 चीजें अर्पित की जाती हैं।
- इसके अलावा धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी, झाड़ू, दीपक आदि खरीदने की मान्यता है।
- इस दिन घर के बाहर दीये भी जलाए जाते हैं और घर से निर्धनता दूर करने के लिए अखंड दीप भी जलाया जाता है।
Dhanteras 2022 - मां लक्ष्मी के इस मंत्रा का करें जाप
यदि आपको लगातार व्यापार में घाटे का सामना करना पड़ रहा है या फिर पैसा आता है लेकिन टिकता नहीं है, तो धन की देवी मां लक्ष्मी के इस मंत्रों का जाप करें।- ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:Dhanteras 2022 - माता लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥उमा, रमा, ब्रम्हाणी,तुम ही जग माता ।सूर्य चद्रंमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥दुर्गा रुप निरंजनि,सुख-संपत्ति दाता ।जो कोई तुमको ध्याता,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥तुम ही पाताल निवासनी,तुम ही शुभदाता ।कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,भव निधि की त्राता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥जिस घर तुम रहती हो,ताँहि में हैं सद्गुण आता ।सब सभंव हो जाता,मन नहीं घबराता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥तुम बिन यज्ञ ना होता,वस्त्र न कोई पाता ।खान पान का वैभव,सब तुमसे आता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥शुभ गुण मंदिर सुंदर,क्षीरोदधि जाता ।रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता ।उँर आंनद समाता,पाप उतर जाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥Dhanteras 2022 - धन्य धान की नहीं होगी कमी
हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को धनतेरस का पावन पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि, इस दिन विधि विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी और कुबेर महाराज की पूजा करने से धन धान्य की कभी कोई कमी नहीं होती।Dhanteras 2022 - खरीदी गई वस्तु में होती है वृद्धि
धनतेरस के दिन यदि आप सोना या चांदी नहीं खरीद रहे हैं, तो धातु की चीजें खरीदें। धनतेरस के दिन धातु भी खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे खरीदी गई वस्तु में 13 गुना वृद्धि होती है।Dhanteras 2022 - झाड़ू खरीदना होता है शुभ
धनतेरस पर झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। लेकिन झाड़ू खरीदते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। सबसे पहले देख लें धाड़ू पतली और मुरझाई हुई नहीं होनी चाहिए। साथ ही प्लास्टिक की झाड़ू भूलकर भी ना खरीदें। प्लास्टिक की गिनती अशुद्ध धातु में होती है।Dhanteras 2022 - श्रीयंत्र करें स्थापित
धनतेरस के अवसर पर मंदिर में धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरी और कुबेर महाराज की मूर्ती के साथ श्री यंत्र स्थापित करना ना भूलें। इस दिन विधिवत मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है।Dhanteras 2022 - भगवान धन्वंतरी की हुआ था जन्म
मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी की विधिवत पूजा अर्चना करने से निरोगी काया की प्राप्ति होती है। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी सभी मस्याओं का अंत होता है। ऐसे में विधिवत भगवान धन्वंतरी की पूजा करें व उनके मंत्रों का जप करना ना भूलें।धनतेरस पर करें यह उपाय, होगी धन की प्राप्ति
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थदशी तिथि को धनतेरस का पावन पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से भगवान धन्वंतरी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरण होती हैं व कष्टों का निवारण होता है। कहा जाता है कि, इस दिन कुछ खास उपाय करने से धन प्राप्ति के साधनों में वृद्धि होती है।धनतेरस पर ऐसे करें पूजा
शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए। ये एक विशेष पूजा अनुष्ठान है जिसमें भगवान को 16 चीजें अर्पित की जाती हैं। इसमें आसन, पद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, सुगंध, फूल, धूप, नैवेद्य, शुद्ध जल, पान, आरती और परिक्रमा आदि शामिल आदि हैं।धनतेरस पर करें झाड़ू का दान
झाड़ू माँ लक्ष्मी जी को प्रिय है। इसलिए धनतेरस के दिन झाड़ू को घर लाकर उसकी पूजा आराधना करनी चाहिए। अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो आज के दिन झाड़ू दान करने से आपकी आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी।Dhanvantari Ji Ki Aarti (धन्वंतरि जी की आरती)
ॐ जय धन्वन्तरि देवा, स्वामी जय धन्वन्तरि जी देवा।जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा ॥
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐजय धन्वन्तरि जी देवा॥
धन्वंतरि देव मंत्र - 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः
धनतेरस पर जरूर करें अन्न दान
धनतेरस के दिन अन्नदान का भी महत्व है। इस शुभ अवसर आपको जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए। ऐसा करने से आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा बरसेगी।धनतेरस के दिन मिठाई दान करना होता है शुभ
धनतेरस के दिन मिष्ठान और नारियल दान करने से धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं। इसके साथ ही जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती हैं। यह दान किसी ज़रुरतमंद व्यक्ति को ही करें।धनतेरस पर किन चीजों को खरीदना होता है शुभ
मान्यताओं के अनुसार इस दिन नए बर्तन, सोना, चांदी आदि के आभूषण, नए वस्त्र, घर की साज-सज्जा का सामान, झाड़ू, धनिया और दीपावली पर पूजन के लिए भगवान गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति आदि खरीदना शुभ माना गया है। इसके साथ ही इस दिन गृहप्रवेश, नींवपूजन, नए घर की बुकिंग, बिजनेस डील और नए वाहन की खरीदारी भी शुभ फलदायी होती है।धनतेरस के दिन वास्तु उपाय
इस उपाय के रूप में अपने घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर – पूर्व दिशा में भगवान धन्वंतरि का कोई चित्र लगाएँ, जिसमें वे हाथ में कलश लिए हुए हों और आपको आशीर्वाद दे रहे हों। इस चित्र को लगाने से और इसकी पूजा करने से घर के सभी लोगों का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। घर में सुख समृद्धि आएगी और जो लोग किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें उससे निजात मिलेगी।क्यों मनाते है धनतेरस का त्यौहार ?
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से बहुत ही अनमोल और बेशकीमती वस्तुएँ निकली कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी और कार्तिक मास की अमावस्या के दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुई थी। इसलिए दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।धनतेरस पर क्यों की जाती है भगवान धन्वंतरि की पूजा
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान धन्वन्तरी का जन्म हुआ था। मान्यता अनुसार धन्वंतरि जी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरी चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस खास दिन पर बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, कुबेर देवता के साथ दीप जलाकर भगवान धन्वन्तरि की पूजा भी करनी चाहिए और उनसे अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए।धनतेरस पर सर्वार्थ सिद्धि योग में करें खरीदारी
23 अक्टूबर यानी धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में किए जाने वाले सभी काम सफल सिद्ध होते हैं। धनतेरस पर पूरे दिन ये योग रहेगा। आप किसी भी वक्त सोना, चांदी, बर्तन, वाहन, मकान या किसी भी चीज की खरीदारी कर सकते हैं।आर्थिक तंगी होगी दूर, 108 बार करें इस मंत्र का जप
ओम् यक्षाय कुबेराय वैश्रवणायधनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।।
माता लक्ष्मी की आरती (Maa Laxmi Ki Aarti)
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
धनतेरस पर दान से प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी:
हिंदू धर्म में दान का बहुत महत्व है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन नई चीजों को खरीदने के साथ ही दान भी करें। इस दिन जरूरतमंद लोगों को वस्त्र बांटने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है वस्त्र दान से धन की देवी मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं।धनतेरस पर करें राशि अनुसार खरीदारी
मेष राशि- तांबे की कोई वस्तुवृषभ राशि- चांदी और हीरे के आभूषण
मिथुन राशि- कांसे के बर्तन
कर्क राशि- चांदी के बर्तन
सिंह राशि- गोल्डन पॉलिश वाले बर्तन
कन्या राशि- कांसे के बर्तन
तुला राशि- इलेक्ट्रॉनिक आइटम और चांदी के बर्तन
वृश्चिक राशि- तांबे के बर्तन
धनु राशि- पीतल के बर्तन
मकर राशि- इलेक्ट्रॉनिक सामान या लोहे के बर्तन
कुंभ राशि- मिक्स धातु से बने बर्तन
मीन राशि- पीतल के बर्तन
भगवान धन्वंतरि जी की आरती:
ॐ जय धन्वंतरि देवा, स्वामी जय धन्वंतरि जी देवा, जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा, स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा।तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए, देवासुर के संकट आकर दूर किए, स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया, सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया,स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी, आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी, स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे, असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे, स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा, वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा, स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे, रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे, स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐजय धन्वन्तरि जी देवा।।
धनतेरस पूजा मंत्र (Dhanteras Puja Mantra):
धन्वंतरि देव मंत्र - 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमःलक्ष्मी पूजा मंत्र - ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मीये नमः
धन्वंतरि देव मंत्र - 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः
यम दीपम मंत्र - मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम।।
धनतेरस पर कैसे करें पूजा (Dhanteras Puja Vidhi):
- धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा का विधान है।
- शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए। ये एक विशेष पूजा अनुष्ठान है जिसमें भगवान को 16 चीजें अर्पित की जाती हैं।
- इसके अलावा धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी, झाड़ू, दीपक आदि खरीदने की मान्यता है।
- इस दिन घर के बाहर दीये भी जलाए जाते हैं और घर से निर्धनता दूर करने के लिए अखंड दीप भी जलाया जाता है।
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