Dhanteras Puja Vidhi At Home In Hindi: धनतेरस पूजा विधि स्टेप बाय स्टेप यहां जानें
Dhanteras 2023 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Aarti in Hindi: धनतेरस पर प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है। यहां जानिए धनतेरस पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
Dhanteras Puja Vidhi And Shubh Muhurat In Hindi
- धनतेरस की पूजा शाम में प्रदोष काल के समय की जाती है।
- इससे पहले ही पूजा की तैयारी शुरू कर दें।
- पूजा स्थल को साफ करके वहां आटे या चावल की मदद से रंगोली बनाएं।
- ध्यान रहे कि चौकी की स्थापना ईशान कोण या पूर्व दिशा में करनी है।
- आप चाहे तो चौकी के स्थान पर स्वस्तिक भी बना सकते हैं।
- अब यहां चौकी स्थापित करें और इस पर एक लाल वस्त्र बिछाएं।
- अब सभी भगवान के आसन के स्वरूप में इस पर अक्षत डालें।
- इसके बाद चौकी पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
- साथ ही कुबेर यंत्र को कुबेर देवता के रूप में और एक सुपारी को भगवान गणेश के रूप में स्थापित करें।
- इसके बाद एक कलश में साफ जल भरें। इसकी ग्रीवा पर कलावा बांधें।
- फिर चौकी पर कुछ अक्षत डालकर यहां विधि विधान कलश को स्थापित करें।
- कलश के मुख पर एक बड़ा दीपक रखें और इसे जला लें।
- यह जल कलश भगवान धन्वंतरि का स्वरूप माना जाता है।
- आप चाहें तो इसकी जगह पर भगवान धन्वंतरि जी की प्रतिमा या फोटो भी रख सकते हैं।
- अब यमराज देवता की पूजा के लिए एक बड़ा सा मिट्टी का दीपक लें।
- इस दीपक में एक कौड़ी, एक सिक्का और थोड़ा सा गुड़ या शक्कर डालें।
- इस दीपक में सरसों का तेल भर दें और इसमें 3 या 4 रुई की बातियां लगाकर इसे जला लें।
- इसके बाद 13 मिट्टी के दीपक प्रज्वलित करके उसे पूजा की चौकी के पास रखें।
- अब जल पात्र से 3 बार आचमन विधि करें फिर चौथी बार हाथ में जल लेकर हाथ साफ करें।
- इसके बाद स्वस्तिवाचन मन्त्र का उच्चारण करें।
- अब सबसे पहले प्रथम पूज्य श्री गणेश भगवान फिर माता लक्ष्मी, कुबेर देव, यमदीप और जलकलश पर गंगाजल छिड़कें।
- अब हल्दी, कुमकुम, रोली, चंदन आदि का प्रयोग करते हुए पंचोपचार की क्रिया पूरी करें।
- इसके बाद चौकी पर विराजमान देवों को कलावा चढ़ाएं।
- फिर कौड़ी और सिक्का माता के चरणों में अर्पित करें।
- इसके बाद सभी भगवान को अबीर, गुलाल और अन्य पूजा की चीजें चढ़ाएं, और धुप-अगरबत्ती और दीपक जला लें।
- अब धनतेरस के दिन जो भी सामग्री आपने खरीदी है, उसे पूजा की चौकी के पास रख दें।
- खील-बताशा और धनिया भी धनतेरस पूजा के समय अवश्य चढ़ाएं।
- इसके साथ ही सोने- चांदी के आभूषण, सिक्के, नए बर्तन, नई झाड़ू, धान-मूंग आदि भी पूजा में जरूर रखें।
- अब खीर और फल-मिष्ठान्न का भोग लगाएं।
- भगवान को ताम्बूल (पान, लौंग, सुपारी, इलायची) चढ़ाएं और अपनी क्षमता के अनुसार दक्षिणा भी रखें।
- इसके बाद हाथ में पुष्प लेकर सभी देवों से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।
- अब भगवान की कर्पूर से आरती करें और अंत में सभी में प्रसाद वितरित कर दें।
- पूजे के समय मृत्युदेव यमराज जी के लिए जो दीपक आपने जलाया है, उसे घर की दक्षिण दिशा में रखें।
- ध्यान रहे कि इस दीपक को घर के बाहर दहलीज पर रखना है, घर के अंदर नहीं।
- इसके बाद अगले दिन कलश का जल तुलसी को अर्पित कर दें।
Dhanteras Puja Muhurat 2023 (धनतेरस पूजा मुहूर्त 2023)
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर की शाम 05:47 से 07:43 तक रहेगा। जबकि प्रदोष काल 05:31 से 08:09 तक और वृषभ काल शाम 05:48 से 07:44 तक रहेगा। त्रयोदशी तिथि 10 नवम्बर 2023 को 12:35 से शुरू होगी और इसकी समाप्ति 11 नवम्बर 2023 को 01:57 पर होगी।
Dhanteras Puja Samagri (धनतेरस पूजा सामग्री)
चौकी, चौकी के स्थान पर स्वस्तिक या अल्पना बनाने के लिए अक्षत या आटा, चौकी पर बिछाने के लिए लाल वस्त्र, गंगाजल, भगवान की तस्वीर (माता लक्ष्मी, गणेशजी, भगवान कुबेर, धन्वंतरि और यमराज जी की तस्वीर या मूर्ति), पूजा की थाली, सुपारी, कुबेर यंत्र (इच्छानुसार), कलश, मौली या कलावा, मिट्टी के बड़े दीपक, सरसों का तेल, 13 मिट्टी के दीपक और बाती, कौड़ी, सिक्का, गुड़ या शक्कर जो हो, चंदन, कुमकुम और हल्दी, अक्षत, रोली या अबीर, गुलाल, लाल और पीले पुष्प, पुष्प माला, धुप-अगरबत्ती, चढ़ावा (इसमें खील-बताशा, धनिया के बीज, नए बर्तन, नई झाड़ू इत्यादि चीजें शामिल हैं), फल, मिठाई, ताम्बूल (पान, लौंग, सुपारी, इलायची), क्षमतानुसार दक्षिणा, कर्पूर इत्यादि।
धनतेरस पर जरूर खरीदें धनिये के बीज
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को धनिये के बीज अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन धनिये का बीज जरूर खरीदें। इसके अलावा दिवाली के दिन भी माता लक्ष्मी को धनिये के बीज चढ़ाने चाहिए।
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