धनतेरस पूजा का समय क्या रहेगा, जानिए धनतेरस पर झाड़ू की पूजा कैसे करें
धनतेरस का त्योहार भगवान धन्वंतरि के अवतरण की खुशी में मनाया जाता है। कहते हैं कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को हर साल धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। जानिए धनतेरस पर्व क्यों मनाया जाता है, इस दिन क्या करते हैं, पूजा और खरीदारी का मुहूर्त क्या रहेगा, यहां जानिए सबकुछ।
धनतेरस पूजा का समय क्या रहेगा, जानिए धनतेरस पर झाड़ू की पूजा कैसे करें
धनतेरस का त्योहार दिवाली से दो दिन पहले आता है। इस दिन मां लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। ये दिन खरीदारी के लिए बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं इस दिन खरीदी गई कीमती वस्तु में 13 गुना ज्यादा वृद्धि होती है। धनरेतस के दिन मुख्य रूप से सोना-चांदी, बर्तन, झाड़ू, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति और धनिये के बीज खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन लोग अपने घर में 13 दीये भी जलाते हैं। चलिए आपको बताते हैं धनतेरस का त्योहार क्यों और कैसे मनाया जाता है। साथ ही आप जानेंगे खरीदारी के शुभ मुहूर्त।
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धनतेरस पूजा मुहूर्त 2024 (Dhanteras Puja Muhurat 2024)
धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:31 से रात 08:13 बजे तक रहेगा। प्रदोष काल मुहूर्त 05:38 से 08:13 तक तो वृषभ काल मुहूर्त 06:31 से 08:27 तक रहेगा। त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 29 अक्टूबर 2024 को 10:31 AM पर होगा। वहीं त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 30 अक्टूबर 2024 को 01:15 PM पर होगी।
Yam Deepak Jalane Ki Vidhi
धनतेरस पर कितने दीपक जलाने चाहिए (Dhanteras Par Kitne Deepak Jalane Chahiye)
धनतेरस पर 13 दीपक जलाने चाहिए। जानिए घर में कहां-कहां रखें ये दीपक...
पहला दीया – घर में पहला दीया दक्षिण कोने में जलाएं जो कि यमराज की दिशा होती है।
दूसरा दीया – घी का दीया जलाकर पूजा घर में ईशान दिशा की ओर देवताओं के सामने रखें, जिसमें आप एक केसर का धागा भी डाल सकते हैं।
तीसरा दीया – अपने परिवार को बुरी नज़र से बचाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर दीया जरूर रखें।
चौथा दीया – घर में चौथा दीया तुलसी जी के पास जलाएं
पांचवा दीया – घर की छत को साफ-सुथरा कर वहां पर पांचवा दीया रखने से घर सुरक्षित रहता है।
छठा दीया – सरसों के तेल में जलाये हुए दीये को पीपल के पेड़ के नीचे रखें।
सातवां दीया – धनतेरस के दिन सातवां दीया पड़ोस के किसी भी मंदिर में जला दें।
आठवां दीया – घर में आठवां दीया कूड़े के पास जलाना चाहिए।
नौवां दीया – घर के वॉशरूम के बाहर में दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
दसवां दीया – धनतेरस के दिन दसवां दीया खिड़कियों पर जलाएं।
ग्यारवां दीया – दीये को घर की रसोई में रखने से अन्न और भुखमरी की समस्या नही होती है।
बारहवां दीया – धनतेरस की रात को बेल के वृक्ष के नीचे दीप रखने से घर की संपत्ति में वृद्धि होती हैं।
तेरहवां दीया – अंतिम दीये को अपने घर की तरफ आने वाले चौराहे पर जलाएं।
धनतेरस पर यम दीपक जलाने का समय 2024 (Dhanteras Par Yam Deepak Jalane Ka Time)
धनतेरस पर यम दीपम शुभ मुहूर्त शाम 05:38 से 06:55 बजे तक रहेगा। त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 29 अक्टूबर 2024 को 10:31 AM पर होगा। त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 30 अक्टूबर 2024 को 01:15 PM पर होगी।
Happy Dhanteras 2024 Wishes And Quotes In Hindi
धनतेरस खरीदारी मुहूर्त 2024 (Dhanteras Kharidari Muhurat 2024)
धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर की सुबह 10:31 से 30 अक्टूबर की सुबह 06:32 बजे तक रहेगा। ये समय हर तरह के सामान की खरीदारी के लिए अनुकूल है। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त 29 अक्टूबर को 11:52 AM से 12:27 तक रहेगा।
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धनतेरस चौघड़िया मुहूर्त 2024 (Dhanteras Choghadiya Muhurat 2024)
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - 10:31 AM से 01:28 PM
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 02:51 PM से 04:15 PM
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) - 07:15 PM से 08:51 PM
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - 10:28 PM से 03:18 AM, अक्टूबर 30
Dhanteras Wishes In Hindi
धनतेरस सोने की खरीदारी का मुहूर्त 2024 (Dhanteras Gold Purchasing Muhurat 2024)
धनतेरस के दिन सोने की खरीदारी का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर 2024 की सुबह 10:31 से अगले दिन की सुबह 6:31 बजे तक रहेगा। तो वहीं धनतेरस पर खरीदारी का प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5:38 से 6:55 तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त शाम 6:31 से रात 8:13 तक रहेगा।
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धनतेरस पर वाहन खरीदारी का मुहूर्त 2024 (Dhanteras 2024 Vehicle Buying Muhurat)
- सुबह 9:18 से सुबह 10:41 तक
- सुबह 10:41 से दोपहर 12:05 तक
- दोपहर 12:5 से 1:28 तक
- रात 7:15 से 8:51 तक
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
----- Additional -----
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदते हैं
हमारे शास्त्रों में झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि यह घर में शुभता और संपन्नता लाती है. सदियों से धनतेरस पर झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता हैधनतेरस आरती
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।
धनतेरस के दिन झाड़ू की पूजा कैसे करें
नई झाड़ू को लाकर आप घर के पूजा स्थान के आस पास रख दीजिएगा। अब धनतेरस पर खरीदी गई झाड़ू को आप दीपावली पर बाकी वस्तुओं की तरह ही भगवान को समर्पित करें. दीपावली पर झाड़ू का पूजन करने के बाद ही इसका प्रयोग करें।धनतेरस के उपाय
धनतेरस के दिन नमक खरीदने की प्रथा है। इसके लिए आज नमक की खरीदारी अवश्य करें। नमक खरीदने से भगवान धन्वंतरि की कृपा साधक पर बरसती है। इसके साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।अगर आप वास्तु दोष से परेशान हैं, तो इससे निजात पाने के लिए आज धनतेरस के दिन पानी में नमक डालकर घर में पोछा लगाएं। इस उपाय को करने से वास्तु दोष दूर होता है।
अगर आप सुखों में वृद्धि पाना चाहते हैं, तो आज संध्याकाल (मुहूर्त के अनुसार) में नमक की खरीदारी करें। इस उपाय को करने से शुक्र देव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। हालांकि, सामान्य दिनों में शाम के समय नमक की खरीदारी न करें।
अगर आप नकारात्मक शक्तियों से निजात पाना चाहते हैं, तो आज पूजा के समय भंडार कोण में एक जल से भरे कटोरी में एक चुटकी नमक रख दें। अगली सुबह नमक मिश्रित पानी का छिड़काव घर के मुख्य दरवाजे पर करें। इस उपाय को करने से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
धनतेरस पर भूलकर भी किसी से नमक का लेनदेन न करें। वास्तु जानकारों की मानें तो धनतेरस के दिन नमक के लेनदेन करने से धन की देवी मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं। इससे घर की बरकत गायब हो जाती है।
धनतेरस पूजा विधि hindi
धनतेरस के दिन साफ- सुथरे कपड़े पहल लें और शाम को भगवान धन्वंतरि, कुबेर जी और माता लक्ष्मी का चित्र या प्रतिमा को पूजा की चौकी पर स्थापित करें। फिर दीपक और धूप जलाएं। इसके बाद भगवान सभी भगवान को रोली से तिलक करें। साथ ही उनको फल और पुष्प चढाएं।कुबेर जी की आरती
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
श्री कुबेर जी दूसरी प्रसिद्ध आरती जय कुबेर स्वामी | लक्ष्मी माता की आरती
धनतेरस कथा: Dhanteras Katha
धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस शुभ अवसर पर भगवान धनकुबेर और भगवान धन्वन्तरि की पूजा-अर्चना करने का विधान है। पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वन्तरि कलश लेकर समुद्र से अवतरित हुए थे। इसी वजह से उनके प्रकटोत्सव के रूप में धनतेरस का पर्व देशभर में मनाया जाता है। भगवान धन्वन्तरि को औषधि और चिकित्सा का देवता माना जाता है।धनतेरस पर दिया जलाने की विधि
यम दीपक जलाने के मिट्टी के दीए का प्रयोग करना चाहिए और इसे चौमुखी रूप में जलाना चाहिए। यानी के रूई की दो बातियां इसमें क्रॉस करके लगानी चाहिए और इसे चारों तरफ से जलाकर दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। यम दीपक जलाने का मंत्र धनतेरस के दिन जब शाम के वक्त यमदीप जलाएं तो इस मंत्र का जप जरूर करें।यम दीपम जलाने की दिशा (Yama Deepam Jalane Ki Disha)
यम दीपम दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए क्योंकि ये यमराज की दिशा मानी जाती है। कहते हैं इस दिशा में यम के नाम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता।Dhanteras Par Kitne Deepak Jalaye: धनतेरस पर कितने दीपक जलाएं
धनतेरस पर 13 दीपक जलाने चाहिएधनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदते हैं
हमारे शास्त्रों में झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि यह घर में शुभता और संपन्नता लाती है. सदियों से धनतेरस पर झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता हैधनतेरस के दिन कितने दिए जलाने चाहिए
इस दिन दीपदान का विशेष महत्व होता है। वैसे तो धनतेरस पर 13 दीपक जलाएं जाते हैं। लेकिन, 5 स्थानों पर विशेष रुप से दिए जलाने चाहिए। ताकी आप पर माता लक्ष्मी, भगवान धनवन्तरी और कुबेर देवता की कृपा बनी रही।धनतेरस पूजा विधि: Dhanteras Puja Vidhi
इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद मंदिर की सफाई करें। चौकी पर भगवान धन्वन्तरि के संग मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें। रोली या फिर चंदन का टीका लगाएं और फूल माला अर्पित करें।Dhanvantri Stotra Lyrics (धन्वंतरी स्तोत्र लिरिक्स)
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
धनतेरस पर सोना खरीदने का मुहूर्त 2024 : Dhanteras Par Sona Kharidne Ka Muhurat 2024
दूसरा मुहूर्त - 02:51 PM से 04:15 PMतीसरा मुहूर्त - 07:15 PM से 08:51 PM
चौथा मुहूर्त - 10:28 PM से 3:18 AM, 30 अक्टूबर
Muhurat of dhanteras puja 2024: धनतेरस पूजा का मुहूर्त 2024
ऐसे में धनतेरस का पर्व आज यानी 29 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन पूजा-अर्चना करने का शुभ मुहूर्त संध्याकाल में 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है।धन्वंतरि पूजा विधि : Dhanavantari Puja Vidhi In Hindi
पूजा घर के पास एक लकड़ी का पटरा रखें और उस पर लाल या पीला रंग का कपड़ा बिछा लें।फिर उस पर धन्वंतरि जी की मूर्ति या चित्र रखें। साथ में कुबेर देवता और माता लक्ष्मी की भी फोटो रखें।
मंदिर में जो दीया जलाकर रखेंगे उसके नीचे थोड़ा सा चावल या नया धान रखें।
फिर तांबे के जल में कलश भरकर रखें और जल से सभी देवी और देवताओं को आचमन करवाएं।
सभी स्थापित देवी देवता की प्रतिमा को रोली कुमकुम, फूल, दूर्वा, पान, फूल, हल्दी, पीला चावल, श्री फल और नैवेद्य अर्पित करें।
इसके बाद भगवान धन्वंतरि से रोगों के नाश और आरोग्यता के लिए प्रार्थना करें।
माता लक्ष्मी और कुबेर देवता से धन-धान्य की प्रार्थना करें।
भगवान धन्वंतरि की पूजा के दौरान 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः' का जाप करते रहें।
अंत में आरती करके प्रसाद सभी में बांट दें।
धनतेरस पर सामान खरीदने का शुभ मुहूर्त
शाम 04:13 बजे से शाम 05:36 बजे तक.शाम 05:36 बजे से शाम 07:14 बजे तक.
07:14 से 08:51 बजे तक.
Vehicle Purchase Muhurat On Dhanteras 2024 (धनतेरस पर वाहन खरीदने का मुहूर्त 2024)
9:18 AM से 10:41 AM10:41 AM से 12:05 PM
12:05 PM से 01:28 PM
07:15 PM से 08:51 PM
धनतेरस के दिन झाड़ू क्यों खरीदा जाता है?
इससे घर में माँ लक्ष्मी का आगमन होता है, घर से नकारात्मकता दूर होती है, और माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।धनतेरस पूजा मंत्र
- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
- निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्यपदये
- धना-धनाय समुद्भूतं मे देहि दापय स्वाहा
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ओम श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
Dhanteras Shopping: धनतेरस पर क्या चीज जरूर खरीदनी चाहिए
धनतेरस के शुभ दिन पर आप नए बर्तन या रसोई का सामान जरूर खरीदें। कहते हैं इससे घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है।धन्वंतरि पूजा मंत्र (Dhanvantari Puja Mantra)
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
Can We Buy Broom On Dhanteras 2024: क्या धनतेरस पर झाड़ू खरीद सकत हैं
जी हां, धनतेरस पर झाड़ू खरीद सकते हैं। इस दिन झाड़ू की खरीदारी शुभ मानी जाती है।Dhanteras 2024 Shubh Muhurat for Gold Purchase: धनतेरस अभिजीत मुहूर्त पर ख़रीदे सोना चांदी
धनतेरस के त्योहार पर सोना-चांदी खरीदने का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं इससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस साल धनतेरस के दिन सोने की खरीदारी का मुहूर्त 29 अक्टूबर 2024 की सुबह 10:31 से अगले दिन की सुबह 6:31 बजे तक रहेगा। वहीं धनतेरस पर खरीदारी के लिए अभिजीत मुहूर्त भी बेहद शुभ माना जाता है। जो 11:52 AM से 12:27 PM तक रहेगा। जानिए धनतेरस के चौघड़िया मुहूर्त क्या रहने वाले हैं।What To Buy On Dhanteras 2024: धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए
धनतेरस पर सोना, चांदी, पीतल से बनी चीजें खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए अलावा इस दिन बर्तन, झाड़ू और धनिया के बीज खरीदना भी शुभ होता हैकुबेर जी की आरती (Kuber Ji Ki Aarti)
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे । ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
Dhanteras 2024 Puja Muhurat: धनतेरस पूजा समय
धनतेरस का त्योहार इस साल 29 अक्टूबर 2024, मंगलवार को मनाया जा रहा है। धनतेरस पूजा का प्रदोष काल मुहूर्त शाम 05:38 से रात 08:13 बजे तक रहेगा। वहीं वृषभ काल मुहूर्त शाम 06:31 से रात 08:27 बजे तक रहेगा।Dhanteras 2024: 'धनतेरस’ पर इन बातों का रखें विशेष ख्याल, बरसेगा धन ही धन
लक्ष्मी माता की आरती (Laxmi Mata Ki Aarti)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता, मैय्या सुख संपत्ति पाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता, मैय्या सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैय्या वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता, मैय्या क्षीरगदधि की जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, मैय्या जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
धनतेरस 2024 शुभ मुहूर्त : Dhanteras 2024 Shubh Muhurat
योदशी तिथि प्रारंभ- 29 अक्तूबर सुबह 10:31 मिनट सेत्रयोदशी तिथि समाप्त- 30 अक्तूबर 2024 दोपहर 01:15 तक
धनतेरस पूजा मुहूर्त- शाम 06 बजकर 30 मिनट से लेकर 08 बजकर 12 मिनट तक
प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 05 बजकर 37 मिनट से लेकर 08 बजकर 12 मिनट तक
वृषभ काल मुहूर्त- शाम 06 बजकर 30 मिनट से लेकर 08 बजकर 26 मिनट तक
यम दीपम की तिथि और मुहूर्त : Yama Deepam 2024 Date And Time
2024 में धनतेरस के दिन यम दीपम जलाने का मुहूर्त 29 अक्टूबर की शाम 05:38 से शाम 06:55 तक रहेगा। त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर की सुबह 10:31 से 30 अक्टूबर की दोपहर 01:15 बजे तक रहेगी।धनतेरस की खरीदारी का शुभ मुहूर्त
सुबह 06:31 से अगले दिन सुबह 10: 31 मिनट तकDhanteras Puja Vidhi: धनतेरस पूजा विधि
पूजा शुरू करने से पहले मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं। साथ ही घर में लक्ष्मी जी के पैरों के निशान बनाएं। इसके बाद माता लक्ष्मी, देवता कुबेर और भगवान धन्वंतरि की षोडोपचार विधि से पूजा करें। भगवान को कुमकुम लगाएं और माला पहनाएं साथ ही अक्षत चढ़ाएं।धनतेरस की कथा: Dhateras ke katha
एकबार मृत्यु के देवता यमराज ने यमदूतों से प्रश्न किया कि क्या कभी मनुष्य के प्राण लेने में तुमको कभी किसी पर दया आती है. यमदूतों ने कहा कि नहीं महाराज, हम तो केवल आपके दिए हुए निर्देषों का पालन करते हैं. फिर यमराज ने कहा कि बेझिझक होकर बताओ कि क्या कभी मनुष्य के प्राण लेने में दया आई है. तब एक यमदूत ने कहा कि एकबार ऐसी घटना हुई है, जिसको देखकर हृदय पसीज गया. एक दिन हंस नाम का राजा शिकार पर गया था और वह जंगल के रास्ते में भटक गया था और भटकते-भटकते दूसरे राजा की सीमा पर चला गया. वहां एक हेमा नाम का शासक था, उसने पड़ोस के राजा का आदर-सत्कार किया. उसी दिन राजा की पत्नी ने एक पुत्र को जन्म भी दियाधनतेरस के दिन किस की पूजा की जाती है: Dhanteras ke din kiski puja ke jati hai
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन से धनवंतरी हाथों में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है. इसके साथ ही कोई भी नई चीज घर में लाना शुभ माना जाता हैधनतेरस पूजन विधि: Dhanteras Pujan Vidhi
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.शुभ मुहूर्त में धन्वंतरि भगवान, मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा करें.
पूजा के दौरान उनके आगे देसी घी का दिया जलाएं.
घर के द्वार और अन्य जगहों पर भी दीपक जलाएं.
धन्वंतरि भगवान, माता लक्ष्मी और कुबेर को पीली मिठाई चढाएं और आरती करें
Dhanteras 2024 Muhurat: धनतेरस 2024 मुहूर्त
धनतेरस पूजा मुहूर्त06:31 पी एम से 08:13 पी एमधनतेरस प्रदोष काल समय 202405:38 पी एम से 08:13 पी एम
धनतेरस वृषभ काल समय 202406:31 पी एम से 08:27 पी एम
धनतेरस अभिजीत मुहूर्त 202411:42 ए एम से 12:27 पी एम
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ29 अक्टूबर 2024 को 10:31 ए एम बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त30 अक्टूबर 2024 को 01:15 पी एम बजे
यम दीपम मुहूर्त 202405:38 पी एम से 06:55 पी एम
धनतेरस को वाहन खरीदने का मुहूर्त 2024
शाम 4:13 से 5:36 बजे तक अमृत (सर्वश्रेष्ठ समय): शाम 5:36 से 7:14 बजे तक चर (सामान्य समय): रात 7:14 से 8:51 बजे तक19 January 2025 Panchang (19 जनवरी 2025 आज का पंचांग): कल इतने बजे रहेगा राहुकाल, पंचांग के जानें दिशा शूल, शुभ मुहूर्त, तिथि और रविवार के उपाय
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