धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में करें इन चीजों की खरीदारी, घर आएंगी मां लक्ष्मी
Dhanteras, Diwali 2023 Date Kab Hai, Puja Muhurat Time in Hindi LIVE: इस साल धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को तो दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। वहीं धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 05:47 से 07:43 तक रहेगा और दिवाली पूजा का मुहूर्त शाम 05:39 से 07:35 तक रहेगा।
Dhanteras Puja Muhurat 2023 (धनतेरस पूजा मुहूर्त 2023)
धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन माता लक्ष्मी, धन्वंतरि भगवान और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। इस बार धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:47 से 07:43 तक रहेगा।
Diwali Puja Muhurat 2023 (दिवाली पूजा मुहूर्त 2023)
दिवाली पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और सरस्वती माता की पूजा की जाती है। इस दिवाली लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:39 से 07:35 तक रहेगा।
धनतेरस और दिवाली से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी जानने के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर...
श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी ।माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी ॥जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥पान चढ़े फल चढ़े,और चढ़े मेवा ।लड्डुअन का भोग लगे,संत करें सेवा ॥जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥अंधन को आंख देत,कोढ़िन को काया ।बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया ॥जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥'सूर' श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा ।माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥Lakshmi Mantra: लक्ष्मी मंत्र
श्री लक्ष्मी बीज मन्त्र:ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।लक्ष्मी प्रार्थना मंत्र:नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां या सा मे भूयात्वदर्चनात्।।श्री लक्ष्मी महामंत्र:ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।Dhanvantri Aarti: धन्वंतरि आरती
जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ।जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए ।देवासुर के संकट आकर दूर किए ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया ।सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी ।आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे ।असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा ।वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे ।रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥धनतेरस 2023 पूजा सामग्री ( Dhanteras Puja Samagri)
माता लक्ष्मी और कुबेर की नई मूर्ति या तस्वीर, नए वस्त्र, कमलगट्टा, कमल और लाल गुलाब, फूलों की माला, साबुत धनिया, दूर्वा, कुश, पंच मेवा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, लकड़ी की चौकी, अक्षत्, हल्दी, रोली, सिंदूर, दही, दूध, फल, शहद, गंगाजल, शक्कर, शुद्ध घी, सुपारी, पान का पत्ता, पंच पल्लव, नैवेद्य, मिठाई, गुलाल, कपूर, रुई की बत्ती, दीपक, धूप, गंध, यज्ञोपवीत, कुमकुम, इलायची, लौंग, चांदी या सोने का सिक्का, नारियल, बहीखाता, रक्षासूत्र, इत्र, कुश का आसन आदि.Kuber Mantra: कुबेर मंत्र
पहला मंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥दूसरा मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥तीसरा मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥Lakshmi Mantra: लक्ष्मी मंत्र
श्री लक्ष्मी बीज मन्त्र:ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।लक्ष्मी प्रार्थना मंत्र:नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां या सा मे भूयात्वदर्चनात्।।श्री लक्ष्मी महामंत्र:ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।माता लक्ष्मी के मंत्रॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।Dhanvantri Aarti: धन्वंतरि आरती
जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ।जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए ।देवासुर के संकट आकर दूर किए ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया ।सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी ।आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे ।असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा ।वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥ धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे ।रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे ।।जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा ॥Laxmi Maa Aarti: लक्ष्मी आरती
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ओम जय लक्ष्मी माता॥उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ओम जय लक्ष्मी माता॥दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ओम जय लक्ष्मी माता॥तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥ओम जय लक्ष्मी माता॥जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ओम जय लक्ष्मी माता॥तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ओम जय लक्ष्मी माता॥शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ओम जय लक्ष्मी माता॥महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥ओम जय लक्ष्मी माता॥सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।यम दीपक जलाने का महत्व (Yam Deepak Importance)
धनतेरस के दिन कुबेर देवता के अलावा यमराज की भी पूजा की जाती है। दरअसल इस दिन यमराज को खुश करने के लिए एक शुभ मुहूर्त पर घर के पीछे चौमुखी दिया को उसकी सही दिशा में रखा जाता है।धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त : Dhanteras Shopping Shubh Muhurat
धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना अच्छा माना जाता है। पंचांग के अनुसार धनतेरस के दिन यानी 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 11 नवंबर की सुबह तक खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त है।धनतेरस पर करें ये उपाय: Dhanteras Upay
धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, कुबेर, यमराज और भगवान गणेश जी की पूजा करें। धनतेरस के दिन घर और बाहर 13 दीपक जलाने से बीमारियों को दूर किया जा सकता है। दान करना पुण्य कर्म है। माना जाता है कि, दान करने से पिछले जन्म के पाप धुल जाते है। धनतेरस के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन यदि आप सूर्यास्त से पहले दान करते हैं तो आपको धन की कमी नहीं होगी। हालांकि इस दिन सफेद कपड़ा, चावल, चीनी आदि का दान नहीं करना है। धनतेरस पर पशुओं की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।धनतेरस पर क्या नहीं खरीदें?
इस दिन लोहा या लोहे से बनी वस्तुएं घर लाना शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार यदि आप धनतेरस के दिन लोहे से बनी कोई भी वस्तु घर लाते हैं, तो घर में दुर्भाग्य का प्रवेश हो जाता है। धनतेरस पर एल्युमिनियम या स्टील की वस्तुएं न खरीदें। मान्यता है कि स्टील या एल्युमिनियम से बने बर्तन या अन्य कोई सामान खरीदने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं।ज्योतिष के अनुसार यदि आप धनतेरस के दिन घर में कोई भी प्लास्टिक की चीज लेकर आएंगे तो इससे धन के स्थायित्व और बरकत में कमी आ सकती है, इसलिए धनतेरस के दिन प्लास्टिक की वस्तुएं भी न खरीदें। धनतेरस के शुभ अवसर पर शीशे या कांच की बनी चीजें भी बिल्कुल नहीं खरीदनी चाहिए। ज्योतिष के अनुसार धनतेरस के दिन चीनी मिट्टी या बोन चाइना की कोई भी वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए।धनतेरस 2023 पूजा सामग्री ( Dhanteras Puja Samagri)
माता लक्ष्मी और कुबेर की नई मूर्ति या तस्वीर, नए वस्त्र, कमलगट्टा, कमल और लाल गुलाब, फूलों की माला, साबुत धनिया, दूर्वा, कुश, पंच मेवा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, लकड़ी की चौकी, अक्षत्, हल्दी, रोली, सिंदूर, दही, दूध, फल, शहद, गंगाजल, शक्कर, शुद्ध घी, सुपारी, पान का पत्ता, पंच पल्लव, नैवेद्य, मिठाई, गुलाल, कपूर, रुई की बत्ती, दीपक, धूप, गंध, यज्ञोपवीत, कुमकुम, इलायची, लौंग, चांदी या सोने का सिक्का, नारियल, बहीखाता, रक्षासूत्र, इत्र, कुश का आसन आदि.धनतेरस आरती Dhanteras Aarti
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे ।॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे,स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।योगिनी मंगल गावैं,सब जय जय कार करैं ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥गदा त्रिशूल हाथ में,शस्त्र बहुत धरे,स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।दुख भय संकट मोचन,धनुष टंकार करें ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,स्वामी व्यंजन बहुत बने ।=मोहन भोग लगावैं,साथ में उड़द चने ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥बल बुद्धि विद्या दाता,हम तेरी शरण पड़े,स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।अपने भक्त जनों के,सारे काम संवारे ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥मुकुट मणी की शोभा,मोतियन हार गले,स्वामी मोतियन हार गले ।अगर कपूर की बाती,घी की जोत जले ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥यक्ष कुबेर जी की आरती,जो कोई नर गावे,स्वामी जो कोई नर गावे ।कहत प्रेमपाल स्वामी,मनवांछित फल पावे ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥धनतेरस 2023 पूजा सामग्री ( Dhanteras Puja Samagri)
माता लक्ष्मी और कुबेर की नई मूर्ति या तस्वीर, नए वस्त्र, कमलगट्टा, कमल और लाल गुलाब, फूलों की माला, साबुत धनिया, दूर्वा, कुश, पंच मेवा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, लकड़ी की चौकी, अक्षत्, हल्दी, रोली, सिंदूर, दही, दूध, फल, शहद, गंगाजल, शक्कर, शुद्ध घी, सुपारी, पान का पत्ता, पंच पल्लव, नैवेद्य, मिठाई, गुलाल, कपूर, रुई की बत्ती, दीपक, धूप, गंध, यज्ञोपवीत, कुमकुम, इलायची, लौंग, चांदी या सोने का सिक्का, नारियल, बहीखाता, रक्षासूत्र, इत्र, कुश का आसन आदि.Diwali 2023 Puja Vidhi: दिवाली पूजा विधि
दिवाली पर मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। ऐसे में पूजा के लिए सबसे पहले पूजा स्थान को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।फिर इस चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें। कलश को अनाज के बीच में रखें। कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें।कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें। बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें। एक छोटी-सी थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें दें। इसके बाद अपने व्यापार/लेखा पुस्तक और अन्य धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें। अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं। इसके साथ ही कलश पर भी तिलक लगाएं। अब भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं। इसके बाद पूजा के लिए अपनी हथेली में कुछ फूल रखें। अपनी आंखें बंद करें और दिवाली पूजा मंत्र का पाठ करें।धनतेरस 203 शुभ मुहूर्त Dhanteras Puja Shubh Muhurat
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ: आज, दोपहर 12:35 बजे सेकार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन: कल, दोपहर 01:57 बजे तकहस्त नक्षत्र: आज, प्रात:काल से लेकर रात 12:08 बजे तकप्रीति योग: आज, शाम 05:06 बजे से कल 04:59 बजे तकधनतेरस पूजा मंत्र:Dhanteras Puja Mantra
लक्ष्मी पूजा मंत्र: ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:॥कुबेर पूजा मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥धनतेरस लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: Dhanteras Puja Shubh Muhurat
धनतेरस के पावन पर्व पर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर, शुक्रवार को शाम 05 बजकर 47 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त : Dhanteras Shopping Shubh Muhurat
धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना अच्छा माना जाता है। पंचांग के अनुसार धनतेरस के दिन यानी 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 11 नवंबर की सुबह तक खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त है।धनतेरस पर सोना-चांदी न खरीद पाएं तो जरूर खरीदें ये चीज
अगर धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण नहीं खरीद सकते तो धनिया के बीज तो जरूर खरीदें। मान्यता है कि धनिये के बीज माता को अति प्रिय है। ऐसे में अगर आप धनतेरस के दिन धनिये के बीज माता को अर्पित करते हैं तो आपके जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होगी। धनतेरस पर माता को चढ़ाए गए धनिये के कुछ बीज बो दें। वहीं कुछ अपनी तिजोरी में रख लें।धनतेरस के दिन नॉन वेज खा सकते हैं? यदि नहीं तो क्यों (Can We Eat Non Veg On Dhanteras?)
धनतेरस के दिन से पूजा पाठ शुरू हो जाती है। कहते हैं जो व्यक्ति इस दौरान सच्चे और शुद्ध मन से माता लक्ष्मी की पूजा करता है उसके घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। लेकिन सवाल ये उठता है कि शुद्धता आएगी कैसे। जब हमारा तन और मन शुद्ध होगा शुद्धता तभी आएगी। इसके लिए जरूरी है कि हम इस दौरान सात्विक भोजन करें। क्योंकि आसुरी भोजन करने पर आसुरी शक्तियां प्रभावी हो जाती हैं। मांस, अंडा, मछली, मदिरा आसुरी भोजन माने जाते हैं। इसलिए धनतेरस या दिवाली के समय इस तरह का भोजन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।Yam Deepak Kyu Jalaya Jata Hai (यम दीपक क्यों जलाया जाता है)
यम दीपक अकाल मृत्यु के भय से छुटकारा पाने के लिए जलाया जाता है। मान्यता है धनतेरस की शाम में यम दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं। जिससे मनुष्य को अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।मां लक्ष्मी बीज मंत्र (Maa Lakshmi Beej Mantra)
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः:।।Dhanteras 2023: धनतेरस की शाम भूल से भी ना करें यह गलती
धनतेरस के दिन से मां लक्ष्मी की पूजा शुरू हो जाती है इसीलिए विशेष तौर पर शाम के समय भूल से भी घर को खाली अर्थात अकेला ना रखें। कई बार देखा गया है कि लोग खरीदारी के लिए घर से बाहर चले जाते हैं और इस दौरान घर एकदम खाली हो जाता है जो की बहुत बड़ी गलती मानी गई है। ऐसे में आप ऐसा करने से बचें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि धनतेरस के दिन से शाम के समय घर में कोई ना कोई सदस्य अवश्य मौजूद रहे और घर का मुख्य द्वार मुमकिन हो तो खुला रखें।धनतेरस के दिन अवश्य खरीदें यह चीज़ें- साल भर बनी रहेगी धन संपदा
- धनतेरस के दिन आप लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीद सकते हैं और दिवाली के दिन इनकी पूजा कर सकते हैं।
- इसके अलावा इस दिन सोना चांदी खरीदना बेहद ही शुभ माना गया है।
- बहुत से लोग इस दिन सोने चांदी के आभूषण खरीदते हैं। हालांकि अगर आप आभूषण नहीं खरीद सकते हैं तो आप सोने या चांदी के सिक्के भी लाकर घर रख सकते हैं।
- इसके अलावा धातु के बर्तन खरीदना बेहद ही शुभ होता है।
Dhanteras Puja Samagri (धनतेरस पूजा सामग्री)
चौकी, चौकी के स्थान पर स्वस्तिक या अल्पना बनाने के लिए अक्षत या आटा, चौकी पर बिछाने के लिए लाल वस्त्र, गंगाजल, भगवान की तस्वीर (माता लक्ष्मी, गणेशजी, भगवान कुबेर, धन्वंतरि और यमराज जी की तस्वीर या मूर्ति), पूजा की थाली, सुपारी, कुबेर यंत्र (इच्छानुसार), कलश, मौली या कलावा, मिट्टी के बड़े दीपक, सरसों का तेल, 13 मिट्टी के दीपक और बाती, कौड़ी, सिक्का, गुड़ या शक्कर जो हो, चंदन, कुमकुम और हल्दी, अक्षत, रोली या अबीर, गुलाल, लाल और पीले पुष्प, पुष्प माला, धुप-अगरबत्ती, चढ़ावा (इसमें खील-बताशा, धनिया के बीज, नए बर्तन, नई झाड़ू इत्यादि चीजें शामिल हैं), फल, मिठाई, ताम्बूल (पान, लौंग, सुपारी, इलायची), क्षमतानुसार दक्षिणा, कर्पूर इत्यादि।Dhanteras Kharidari Ka Shubh Muhurat 2023 (धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त 2023)
धनतेरस पर सोना-चांदी, बर्तन, जमीन, वाहन इत्यादि चीजों की खरीदारी करना शुभ होता है। इस साल धनतेरस पर खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर की दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 11 नवंबर की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। वहीं अगर धनतेरस खरीदारी के सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो वो इस प्रकार है-अभिजीत मुहूर्त-11:43 दोपहर से 12;27 दोपहर
शुभ चौघड़िया-11:59 दोपहर से दोपहर 01:22 तक
चर चौघड़िया-सायंकाल 04 बजकर 07 मिनट से सायंकाल 05 बजकर 30 मिनट तक
धनतेरस पर सोने के आलावा क्या खरीदें
धनतेरस पर सोना-चांदी के अलावा पीतल खरीदना भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन धनिया के बीज और झाड़ू की खरीदारी भी जरूर करनी चाहिए।धनतेरस पर जरूर खरीदें सोने-चांदी के सिक्के
धनतेरस के दिन सोने-चांदी के सिक्के भी जरूर खरीदने चाहिए और फिर दिवाली के दिन इनकी विधि विधान पूजा करनी चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। जिससे घर परिवार में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती।What not to buy on Dhanteras 2023 । धनतेरस पर क्या नहीं खरीदना चाहिए
अधिकतर लोग धनतेरस पर स्टील के बर्तन खरीदते हैं लेकिन ज्योतिष अनुसार इस दिन स्टील और प्लास्टिक के बर्तन खरीदना अशुभ माना जाता है। वहीं एल्यूमीनियम भी दुर्भाग्य का प्रतीक होता है। ध्यान रहे धनतेरस के दिन आपको भी धारदार चीज जैसे चाकू इत्यादि सामान भी नहीं खरीदने चाहिए।Dhanteras Kharidari Ka Shubh Muhurat 2023 (धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त 2023)
धनतेरस पर सोना-चांदी, बर्तन, जमीन, वाहन इत्यादि चीजों की खरीदारी करना शुभ होता है। इस साल धनतेरस पर खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर की दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 11 नवंबर की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। वहीं अगर धनतेरस खरीदारी के सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो वो इस प्रकार है-अभिजीत मुहूर्त-11:43 दोपहर से 12;27 दोपहर
शुभ चौघड़िया-11:59 दोपहर से दोपहर 01:22 तक
चर चौघड़िया-सायंकाल 04 बजकर 07 मिनट से सायंकाल 05 बजकर 30 मिनट तक
Dhanteras Puja Samagri: धनतेरस पूजा सामग्री
भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति को रखने के लिए आपको लकड़ी की चौकी रखना है। ध्यान रखें कि यह प्लास्टिक का नहीं होना चाहिए। अक्सर लोगों को देखा जाता है कि वह भगवान को किसी भी तरह के चौकी पर रखकर पूजा कर लेते हैं। लकड़ी की चौकी पर बिछाने के लिए आपको लाल या पीले रंग के कपड़े की जरूरत होगी। पूजा स्थल को शुद्ध करने के लिए आपको गंगा जल लेना है।भगवान के सामने रखने के लिए आपको कुल 13 दिए लेने हैं।धनतेरस पर क्या खरीदें? Dhanteras Par Kya Khardeen
धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा बर्तन, वाहन और कुबेर यंत्र खरीदना शुभ होता है। इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है। मान्यता है इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।वहीं यदि धनतेरस के दिन आप कोई कीमती वस्तु नहीं खरीद पा रहे हैं तो साबुत धनिया जरूर घर ले आएं। मान्यता है इससे धन की कभी कमी नहीं होती है। इसके अलावा आप गोमती चक्र भी खरीद सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।Dhanvantri Photo: धन्वंतरि फोटो
धनतेरस के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए? Dhanteras Par Kya Naa Khareeden
धनतेरस के दिन कुछ वस्तुओं की खरीदारी करना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दिन काले रंग के कपड़े, लोहे से बना समान, प्लास्टिक आदि नहीं खरीदना चाहिए।धनतेरस पर करें ये उपाय (Dhanteras Upay)
धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, कुबेर, यमराज और भगवान गणेश जी की पूजा करें। धनतेरस के दिन घर और बाहर 13 दीपक जलाने से बीमारियों को दूर किया जा सकता है। दान करना पुण्य कर्म है। माना जाता है कि, दान करने से पिछले जन्म के पाप धुल जाते है। धनतेरस के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन यदि आप सूर्यास्त से पहले दान करते हैं तो आपको धन की कमी नहीं होगी। हालांकि इस दिन सफेद कपड़ा, चावल, चीनी आदि का दान नहीं करना है। धनतेरस पर पशुओं की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।धनतेरस के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए?
धनतेरस के दिन कुछ वस्तुओं की खरीदारी करना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दिन काले रंग के कपड़े, लोहे से बना समान, प्लास्टिक आदि नहीं खरीदना चाहिए।धनतेरस कब है 2023 शुभ मुहूर्त?
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर 2023 दोपहर 12.35 मिनट से शुरू होगी और समापन 11 नवंबर को दोपहर 01.57 पर होगा। वैसे तो धनतेरस पर खरीदारी के लिए पूरा दिन यानी 10 नवंबर 2023, दोपहर 12.35 से 11 नवंबर, दोपहर 01.57 तक शुभ है लेकिन चौघड़िया मुहूर्त देखकर भी खरीदारी करना पुण्यफलदायी होता है।धनतेरस 2023 शुभ योग (Dhanteras 2023 Shubh Yoga)
धनतेरस के दिन 5 महायोग का संयोग बन रहा है। इस दिन शुभकर्तरी, वरिष्ठ, सरल, सुमुख, प्रीति और अमृत योग बनेंगे। इसमें पूजा और खरीदारी करने से मां लक्ष्मी साधकर पर सालभर मेहरबान रहती है।© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited