Dhanteras Katha In Hindi 2024: धनतेरस पर करें इस कथा का पाठ, धन्वंतरि का मिलेगा आशीर्वाद

Dhanteras 2024 Vrat Ki Katha, धनतेरस की पौराणिक कथा, Dhanteras Puja Katha Story in Hindi: धनतेरस के दिन से दीवाली उत्सव की शुरुआत हो जाती है। धनतेरस के दिन पूजा के समय इसकी कथा का पाठ करना शुभ होता है।

Dhanteras Katha

Dhanteras Katha

Dhanteras 2024 Vrat Ki Katha, धनतेरस की पौराणिक कथा, Dhanteras Puja Katha Story in Hindi: धनतेरस के पर्व को धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इसके साथ ही धनतेरस पर खरीदारी करना का भी विधान है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से और घर में शुभ चीजों को खरीदने से धन वैभव में वृद्धि होती है। इसके साथ ही जीवन में कभी पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। धनतेरस के दिन धनतेरस की कथा का पाठ करना शुभ होता है। आइए यहां पढ़ें धनतेरस की कथा।

Dhanteras 2024 Puja Shubh Muhurat Timing

Dhanteras Puja Katha Story in Hindi (धनतेरस की पौराणिक कथा)

प्राचीन कथा के अनुसार एक बार मृत्यु के देवता यमराज अपने यमदूतों से प्रश्न करते हैं कि क्या कभी आपको किसी मनु्ष्य के प्राण लेने पर दया आती है। इस सवाल पर यमदूत उत्तर देते हैं कि नहीं महाराज हमें दया नहीं आती है केवल निर्दोषों का पालन करते हैं। फिर भी यमराज ने दुबारा से पूछा कि सच्ची सच्ची बताओं की क्या कभी किसी मनुष्य के प्राण लेने पर दया आई है। उसके बाद एक यमदूत इस बात का उत्तर देता है और कहता है कि एक बार ऐसा हुआ था। जिसको देखकर में मन में दया भाव आ गया था। एक बार हंस नाम का राजा शिकार करने के लिए जंगल की तरफ गया और रास्ता भटक गया। भटकते- भटकते राजा किसी और की सीमा पर चला गया। वहां हेमा नाम का एक शासक राज करता था। उसने उस सत्कार किया । उसी रोज राजा की पत्नि ने एक सुंदर बालक को जन्म दिया।

उस बालक की कुंडली के आधार पर बताया गया कि इस बालक की इसके विवाह के चार दिन बाद ही मृत्यु हो जाएगी। तब राजा ने सबको आदेश दिया कि इस बालक को यमुना के पास गुफा में ब्रह्मचारी के भेष में रखा जाए। उस जगह पर स्त्री की परिछाई तक नहीं पड़नी चाहिए, लेकिन विधि- के विधान को कुछ और ही करना था। नीति वश राजा हंस की पुत्री यमुना तट पर गई और राजा के पुत्र को देखकर मंत्र मुग्ध हो गई। उसी क्षण दोनों ने गंधर्व विवाह कर लिया। उनके विवाह के चार दिन बाद राजा के पुत्र की मृत्यु हो गई।

यमदूत ने कहा कि उस नवविवाहिता का करुण विलाप सुनकर मेरा मन पसीज गया। सारी बातें सुनकर यमराज ने कहा कि हम इसमे क्या कर सकते हैं ये तो विधि- का विधान है। हमको तो ये काम करना ही पड़ेगा। यमदूतों ने यमराज से पूजा कि ऐसा कोई उपाय है, जिससे अकाल मृत्यु से बचा जा सकें। तब यमराज ने कहा कि धनतेरस के दिन विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना और दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।

Dhanteras Dhanwantri Katha (धनतेरस की दूसरी कथा)

पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। तब से ही इस तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जानें लगा और इस दिन सोना, चांदी या बर्तन खरीदना शुभ माना जानें लगा। धन्वन्तरि को औषधि और चिकित्सा के देवता भी माना जाता है। इनकी पूजा करने से हर प्रकार के रोग से मुक्ति मिलती है।

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जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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